राजस्थान के सबसे बड़े उपखंड ब्यावर (अजमेर) के डीएसपी हीरालाल सैनी और जयपुर कमिश्नरेट में तैनात एक महिला कांस्टेबल का स्वीमिंग पुल में नहाते समय अश्लील हरकतों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। साफ जाहिर है कि यह वीडियो दोनों की सहमति से बनाया गया है। अब सैनी भले ही वीडियो को एडिट किया हुआ बता रहे हों, लेकिन ऐसा लगता नहीं है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस की तो इमेज खराब हो रही है, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर सैनी के विरुद्ध 36 दिन बाद कार्यवाही क्यों हुई? महिला कांस्टेबल के पति ने 2 अगस्त को ही नागौर के चितावा पुलिस स्टेशन पर लिखित में शिकायत दी थी। इस शिकायत में डीएसपी सैनी और अपनी ही पत्नी के खिलाफ कार्यवाही की मां गकी गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और पुलिस के प्रावधान का हवाला भी शिकायत में दिया गया था। इस शिकायती पत्र की भाषा से साफ प्रतीत होता है कि यह किसी वकील या पुलिस के अधिकारी ने लिखा है। इस पत्र में राज्य के डीजीपी के परिपत्रों का हवाला भी दिया गया। लेकिन इस पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और न ही चितावा पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज किया गया। डीजीपी एमएल लाठर ने 8 सितम्बर को सैनी को तब निलंबित किया, जब पुलिस की छवि खराब करने वाला अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब सवाल उठता है कि आखिर कार्यवाही में 36 दिन क्यों लगे? ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार में बैठा कोई प्रभावशाली व्यक्ति हीरालाल सैनी को बचा रहा था। कांग्रेस सरकार में सैनी कितने प्रभावी थे, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वे पिछले तीन वर्ष से ब्यावर में ही नियुक्त हैं। भाजपा शासन में जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं, तब सैनी की जाति के भाजपा के बड़े पदाधिकारी की सिफारिश पर ब्यावर में नियुक्ति हुई थी। दिसम्बर 2018 में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पुलिस के अधिकांश अफसरों ने तबादले हुए, लेकिन हीरालाल सैनी को कोई नहीं हटा सका। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब उस प्रभावशाली व्यक्ति का पता लगाना है, जिसकी वजह से हीरालाल सैनी कांग्रेस शासन में भी ब्यावर में ही रहे। आमतौर पर ब्यावर जैसे बड़े उपखंड में प्रशिक्षु आईपीएस की नियुक्ति होती है। गत वर्ष सरकार ने एक प्रशिक्षु आईपीएस की नियुक्ति के आदेश भी कर दिए, लेकिन हीरालाल सैनी का इतना दमखम था कि सरकार को आईपीएस की नियुक्ति आदेश को निरस्त करना पड़ा। आमतौर पर यही माना जाता है कि सीएम गहलोत कभी भी गलत अथवा गैर जिम्मेदार अधिकारी को संरक्षण नहीं देते हैं, लेकिन हीरालाल सैनी की ब्यावर में लगातार नियुक्ति से सीएम की मान्यता पर सवाल उठ रहे हैं। अच्छा हो कि सीएम गहलोत उस अधिकारी पर कार्यवाही करवाएं, जिसकी वजह से हीरालाल सैनी जैसे अधिकारी पुलिस की छवि खराब कर रहे हैं। यदि महिला कांस्टेबल के पति के पत्र को भी गंभीरता से ले लिया जाता तो सैनी का अश्लील वीडियो वायरल नहीं होता। इस प्रकरण का दु:खद पहलू यह भी है स्वीमिंग पुल में महिला कांस्टेबल का 6 वर्ष का बेटा भी नजर आ रहा है। हीरालाल सैनी की उम्र करीब 55 वर्ष है, लेकिन सैनी की हरकतों से पूरे पुलिस महकमे की छवि खराब हुई है। इससे सैनी के परिवार वालों को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
थानाधिकारी लाइन हाजिर:
नागौर के पुलिस अधीक्षक ने चितावा के थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके साथ ही महिला कांस्टेबल के पति की शिकायत को दर्ज नहीं करने पर थाना अधिकारी को 17 सीसी का नोटिस भी जारी किया है।
थानाधिकारी लाइन हाजिर:
नागौर के पुलिस अधीक्षक ने चितावा के थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसके साथ ही महिला कांस्टेबल के पति की शिकायत को दर्ज नहीं करने पर थाना अधिकारी को 17 सीसी का नोटिस भी जारी किया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-09-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9799123137
To Contact- 9829071511
No comments:
Post a Comment