Thursday 30 September 2021

काश! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पेट्रोल पर भी राज्य सरकार की टैक्स वसूली की जानकारी देते।महंगाई और तेल मूल्य वृद्धि के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन।

महंगाई और तेल मूल्यवृद्धि के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने 30 सितंबर को जयपुर में प्रदर्शन किया। जयपुर के प्रदर्शन में कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए। प्रदर्शन से एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर बताया कि एक लीटर डीजल पर केंद्र सरकार 31 रुपए 80 पैसे का टैक्स वसूल रही है, जबकि राज्य सरकार मात्र 21 रुपए 78 पैसे का शुल्क ले रही है। डीजल पर इतना शुल्क राज्य सरकार द्वारा वसूलना वाजिब है, क्योंकि कोरोना काल में राज्य सरकार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एग्रीकल्चर सेस समाप्त कर डीजल का मूल्य घटना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि तेल मूल्य में वृद्धि से आम आदमी परेशान है, लेकिन अच्छा होता कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर वसूले जाने वाले टैक्स की भी जानकारी आम लोगों को देते। पेट्रोल पर राज्य सरकार 36 प्रतिशत टैक्स वसूलती है। यानी एक लीटर पेट्रोल पर मौजूदा समय में राज्य सरकार को करीब 38 रुपए शुल्क के रूप में प्राप्त हो रहे हैं। यह राशि केंद्र सरकार के टैक्स से ज्यादा है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री के सलाहकार इस सिर्फ एकतरफा जानकारी ही देते हैं। यह सही है कि आने वाले दिनों में डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक बैरल कच्चा तेल 80 डॉलर में उपलब्ध होने जा रहा है। स्वाभाविक है कि ऐसे में सरकार को ऊंची कीमत पर कच्चा तेल आयात करना होगा। चूंकि केंद्र सरकार भी कोरोना की मार बताकर अपने टैक्स को जायजा बता रही है, इसलिए उपभोक्ताओं को महंगा तेल मिलेगा। पिछले दिनों जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम हुए तब केंद्र सरकार ने एडिशनल एक्साइज और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी, इससे आम उपभोक्ता को कोई राहत नहीं मिली। राजस्थान में राज्य सरकार डीजल पर 26 प्रतिशत और पेट्रोल पर 36 प्रतिशत टैक्स वसूलती है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (30-09-2021)
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