Friday 3 August 2018

मेयो काॅलेज है या अपराध का अड्डा?

मेयो काॅलेज है या अपराध का अड्डा? अब सम्पूर्ण मेयो शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा दावं पर। मुकदमा दर्ज होने के बाद अजमेर के एसपी राजेश सिंह स्वयं कर रहे हैं पड़ताल।
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राजा महाराजाओं के नाम से पहचाने जाने वाला अजमेर का मेयो काॅलेज शिक्षण संस्थान इन दिनों सुर्खियों में हैं। 11वीं कक्षा के छात्र ने आरोप लगाया है कि रेगिंग के नाम पर पुराने और सीनियर छात्र यौन शोषण कर रहे हैं। पीड़ित छात्र ने अलवर गेट पुलिस स्टेशन पर एफआईआर दर्ज कर बताया है कि पांच छात्रों ने उसके साथ किस तरह अमानवीय व्यवहार किया। जान बचाने के लिए उसे काॅलेज की दीवार फांद कर भागना पड़ा। पीड़ित छात्र की शिकायत से प्रतीत होता है कि मेयो काॅलेज शिक्षा का संस्थान न होकर अपराध का अड्डा है। पुलिस ने पीड़ित छात्र का मेडिकल मुआयना भी करवाया है ताकि यौन शोषण के बारे में जानकारी हो सके। जिन पांच सीनियर छात्रों पर आपराधिक कृत्य करने का आरोप है वे सभी प्रभावशाली परिवारों के हैं। एक छात्र पुलिस अधिकारी का बेटा है, तो दूसरा हरियाणा के एक राजनेता का पुत्र बताया जा रहा है। चूंकि यह मामला प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ा है इसलिए अजमेर के एसपी राजेश सिंह च ौधरी खुद जांच पड़ताल का काम कर रहे हैं। हालांकि जांच एएसपी श्रीमती प्रीति च ौधरी को दी गई है। लेकिन जांच की हर प्रगति पर एसपी की नजर है। इस मामले में काॅलेज प्रबंधन की ओर से भी पुलिस में शिकायत दी गई है। असल में यह शिकायत स्वयं को पाक साफ बताने के लिए दी गई, जबकि रेगिंग के नाम पर नए छात्रों के साथ जो कुछ भी हो रहा है उसकी जिम्मेदारी काॅलेज प्रबंधन की है। काॅलेज प्रबंधन ने अभी तक भी किसी भी आरोप छात्र के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की है। पीड़ित छात्र के अभिभावकों ने पहले काॅलेज के प्राचार्य से ही शिकायत की थी, लेकिन प्राचार्य ने शिकायत को गंभीरता के साथ नहीं लिया। मजबूरन पुलिस में एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी।
छात्राओं का स्कूल भी चल रहा हैः
मेयो काॅलेज प्रबंधन की ओर से मेयो काॅलेज परिसर के निकट ही मेयो गल्र्स स्कूल भी संचालित हो रहा है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं का मयूर स्कूल भी संचालित है। मेयो काॅलेज और मेयो गल्र्स स्कूल आवासीय हैं। जबकि मयूर स्कूल में अजमेर शहर के विद्यार्थी ही अध्ययन करते हैं। काॅलेज और गल्र्स स्कूल में देश के वीआईपी लोगों के बच्चे अध्ययन करते हैं। फिल्म स्टार से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और बड़े औद्योगिक घरानों के लड़के-लड़कियां मेयो शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं। 11वीं कक्षा के पीड़ित छात्र का प्रवेश कोई दस दिन पहले ही हुआ या यह परिवार भीलवाड़ का धनाढ्य परिवार है। इसलिए काॅलेज के नियम कायदों के विपरीत जुलाई माह में प्रवेश हासिल किया गया। 
अंग्रेजों ने की थी स्थापनाः
अजमेर में मेयो काॅलेज शिक्षण संस्थान की शुरुआत अंग्रेजों के शासन काल में हुई थी। तत्कालीन रियासतों के युवाओं को अंग्रेजी पद्धति पर तैयार करने के लिए अजमेर में काॅलेज बनाया गया। आज भी काॅलेज परिसर में रियासतों के नाम ही हाउस बने हुए हैं। जोधपुर, भरतपुर, जयपुर हाउस आदि में विद्यार्थी निवास करते हैं। काॅलेज और स्कूल कई एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। यहां फुटबाॅल, हाॅकी, क्रिकेट, पोलो आदि के बड़े-बड़ेे मैदान भी हैं। यही वजह है कि मेयो संस्थानों में नेताओं, अफसरों, उद्योपतियों आदि के युवा भी पढ़ सकते हैं।
एस.पी.मित्तल) (03-08-18)
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