Wednesday 22 August 2018

किशनगढ़ विधानसभा में शहरी क्षेत्र से उम्मीदवार बनवाए जाने के प्रयास।

किशनगढ़ विधानसभा में शहरी क्षेत्र से उम्मीदवार बनवाए जाने के प्रयास। दोनों ही प्रमुख दलों में उत्सुकता।
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अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार शहरी क्षेत्र से उम्मीदवार बनवाए जाने के प्रयास हो रहे हैं। यह विधानसभा क्षेत्र शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बंटा हुआ है। पिछले दो दशक से भाजपा और कांग्रेस में ग्रामीण पृष्ठ भूमि वाले उम्मीदवार ही बनते आ रहे हैं। राज्य सरकार की तरह किशनगढ़ में भी एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस का उम्मीदवार जीत रहा है। यही वजह है कि किशनगढ़ शहर के नागरिक स्वयं को उपेक्षित समझते हैं। इस स्थिति को देखते हुए दोनों ही दलों में शहरी उम्मीदवार के प्रयास होने लगे हैं। ऐसे प्रयास में कहा जा रहा है कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 2 लाख 70 हजार हैं। इसमें से करीब सवा लाख मतदाता किशनगढ़ शहर में रहते हैं। आज पूरे देश में किशनगढ़ की पहचान शहरी क्षेत्र के मार्बल कारोबार से ही हुई है। उपेक्षा के चलते ही विश्वविख्यात मार्बल मंडी का भी बुरा हाल है। नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में शहरी क्षेत्र के मतदाता आपसी विवाद भुलाकर एकजुटता दिखा रहे हैं। इसमें भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। यही वजह है कि भाजपा की ओर से नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेश टांक ने तथा कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य राजू गुप्ता ने अपनी दावेदारी जता दी है। हालांकि दोनों दलों में और भी उम्मीदवार हैं, लेकिन टांक और गुप्ता ने गंभीरता के साथ दावेदारी जताई है। सुरेश टांक मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं तथा समस्याओं के समाधान के लिए लगातार संघर्ष करते रहे हैं। टांक का सीएम वसुंधरा राजे से भी सीधा संवाद है। संगठन के छोटे बड़े कार्यक्रमों में टांक की भी सक्रिय भूमिका होती है। मार्बल पत्थर पर जीएसटी की दर कम करवाने में भी टांक की सक्रिय भूमिका रही। टांक ने अपनी दावेदारी से संगठन के बड़े नेताओं को भी अवगत करवा दिया है। इसी प्रकार कांग्रेस में राजू गुप्ता ने भी प्रयास तेज कर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट से सीधा संवाद होने के कारण गुप्ता के समर्थक खासे उत्साहित है। किशनगढ़ से प्रदेश कार्य समिति का सदस्य बनवाने में भी पायलट की भूमिका रही। वर्ष 2009 से 2014 के कार्यकाल में जब सचिन पायलट अजमेर से सांसद बन कर केन्द्र में मंत्री बने, तब भी राजू गुप्ता की निकटता थी। संगठन में भी गुप्ता की अच्छी पकड़ है।
सिनोदिया और च ौधरी की भी दावेदारीः
वर्तमान भाजपा विधायक भागीरथ च ौधरी और कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथुराम सिनोदिया ने भी अपनी-अपनी दावेदारी जताई है। असल में इस क्षेत्र पर पिछले 20 वर्षों से च ौधरी और सिनोदिया का ही कब्जा है। दोनों ने पांच-पांच वर्ष के दो-दो बार विधायक रह चुके हैं। दोनों का ही जातीय आधार मजबूत है। इसलिए दोनों ही दल इन्हीं को उम्मीदवार बनाते हैं। कांग्रेस में सिनोदिया को पूर्व प्रधानमंत्री अशोक गहलोत का समर्थक माना जाता है, जबकि भाजपा विधायक भागीरथ सिंह च ौधरी को भी सीएम वसुंधरा राजे का समर्थक माना जाता है। लेकिन जाट महासभा से जुड़े युवा नेता विकास च ौधरी भागीरथ को उम्मीदवारी में चुनौती दे रहे हैं। विकास ने भी भाजपा के बड़े नेताओं को अपनी उम्मीदवारी से अवगत करा दिया है। विकास च ौधरी की दावेदारी भागीरथ के समर्थकों को रास नहीं आ रही है। इसलिए पिछले दिनों विकास च ौधरी के जन्म दिन वाले बैनर पोस्टर फाड़ दिए गए। तब दोनों के समर्थकों के बीच में विवाद भी हुआ। जैसे जैसे नवम्बर का माह निकट आ रहा है, वैसे वैसे किशनगढ़ का राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल) (22-08-18)
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