Tuesday 14 August 2018

डिस्काॅम कर्मियों और पुष्कर के रावत समुदाय के बीच का विवाद अब सीएम की गौरव यात्रा के विरोध तक पहुंचा।

डिस्काॅम कर्मियों और पुष्कर के रावत समुदाय के बीच का विवाद अब सीएम की गौरव यात्रा के विरोध तक पहुंचा। विधायक और संसदीय सचिव सुरेश रावत की चुप्पी।
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अजमेर की जिला परिषद के सदस्य और रावत समाज के प्रमुख नेता माणक चंद रावत ने पुलिस प्रशासन को चेताया है कि यदि डिस्काॅम के इंजीनियरों की एफआईआर पर रावत समुदाय के लोगों की गिरफ्तारी होती है तो पुष्कर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का विरोध कर काले झंडे दिखाए जाएंगे। रावत के नेतृत्व में पुष्कर-मोतीसर आदि गांवों के रावतों ने 13 अगस्त को पुष्कर पुलिस थाने के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में पीसांगन पंचायत समिति के भाजपाई प्रधान अशोक सिंह रावत, भाजपा के देहात उपाध्यक्ष मोहन सिंह रावत, बूढ़ा पुष्कर भाजपा मंडल अध्यक्ष अशोक सोनी आदि शामिल थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डिस्काॅम के जेईएन उत्सव कुमार मीणा ने 10 अगस्त को एससी एसटी एक्ट और राजकाज में बाधा डालने की धाराओं में जो मुकदमा दर्ज करवाया, वह झूठा है। रावत समाज और ग्रामीणों को बेवजह फंसाया जा रहा है। यदि इस मुकदमे में किसी भी ग्रामीण के विरुद्ध कार्यवाही की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। डिस्काॅम के इंजीनियरों और पुलिस की कार्यवाही से ग्रामीणों खासकर रावत समुदाय में भारी रोष है। जिन पांच लोगों के नाम लिखाए हैं वे सभी रावत समुदाय के हैं। इसके अतिरिक्त 20 अन्यों पर मारपीट का अरोप लगाया है। चूंकि यह रिपोर्ट एससी एसटी एक्ट के नए कानून में दर्ज की गई है, इसलिए पुलिस को बिना जांच के ही आरोपियों की गिरफ्तारी भी करनी है। पुलिस ने जब गिरफ्तारी का दबाव बनाया तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। यह गुस्सा अब सीएम वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के विरोध तक पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि गौरव यात्रा का समापन पुष्कर में होगा। समापन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने की भी संभावना है।
डिस्काॅम कर्मियों में भी नाराजगीः
वहीं दूसरी ओर चार दिन गुजर जाने के बाद भी मारपीट के आरोपियों  की गिरफ्तार नहीं होने पर डिस्काॅम कर्मियों ने भी नाराजगी जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि दस अगस्त को जब जेईएन उत्सव कुमार मीणा और एईएन मोहन सिंह जादौन मोतीसर में एक ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए गए तो कुछ ग्रामीणों ने मारपीट की। असल में पुराने ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी होने की शिकायतें लगातार मिल रही थी, इसलिए मोतीसर में  नया स्मार्ट ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा था। यही बात कुछ लोगों को नागवार गुजरी और दोनों इंजीनियरों को बांध कर पीटा गया। आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर पिटाई की। कर्मचारियों का कहना है कि यदि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो डिस्काॅम के सभी कर्मचारी एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
संसदीय सचिव सुरेश रावत चुपः
इस पूरे मामले में अभी तक भी पुष्कर के भाजपा विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इसको लेकर रावत समुदाय में भी चर्चा हो रही है। हालांकि पीसांगन पंचायत समिति के प्रधान अशोक सिंह रावत खुलकर अपने समाज के लोगों की पैरवी कर रहे है। 
एस.पी.मित्तल) (14-08-18)
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