24 मई को अजमेर में जयपुर रोड स्थित कायड़ विश्राम स्थल पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में भूमि पूजन हुआ। इस अवसर पर भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, सुरेश रावत, देहात भाजपा के अध्यक्ष देवी शंकर भूतड़ा, शहर अध्यक्ष रमेश सोनी, डिप्टी मेयर नीरज जैन, पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, एडवोकेट गजवीर सिंह चुंडावत आदि नेता उपस्थित रहे। वैदिक रीति से हुए यज्ञ में आहुतियां देते हुए सभी भाजपा नेताओं ने ईश्वर से प्रार्थना की कि 31 मई को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में कोई विघ्न उत्पन्न न हो। यज्ञ करवाने वाले पंडित जी ने भी कहा कि इससे इस क्षेत्र में सक्रिय आसुरी शक्तियों का नाश होगा। भूमि पूजन के साथ ही सभा स्थल कायड़ विश्राम स्थली पर तैयारियां शुरू हो गई है। विशाल मंच के साथ एक लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। राजस्थान में पांच माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए पीएम की सभा को लेकर भाजपा के कार्यकर्ता उत्साहित हैं।
उर्स में ठहरते हैं जायरीन:
31 मई को दोपहर दो बजे जिस कायड़ विश्राम स्थली पर पीएम मोदी की सभा होगी, वह अजमेर में भरने वाले ख्वाजा उर्स में जायरीन के ठहरने के काम आती है। उर्स के दौरान प्रतिवर्ष यहां एक लाख जायरीन ठहरते हैं। अभी चार माह पहले ही जनवरी के अंत में जो उर्स हुआ, उसमें भी इसी विश्राम स्थली का उपयोग हुआ। इस विश्राम स्थली का निर्माण ही उर्स के जायरीन के लिए किया गया है। कोई दो सौ बीघा में फैली इस विश्राम स्थली पर जायरीन के वाहन भी बड़ी संख्या में खड़े होते हैं। इस विश्राम स्थली का मालिकाना हक ख्वाजा साहब की दरगाह में आंतरिक इंतजाम देखने वाली दरगाह कमेटी का है और यह दरगाह कमेटी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन आती है। मौजूदा समय में अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभार केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी के पास है। ऐसे में विश्राम स्थली पर सुविधाएं जुटाने में कोई परेशानी नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया से भी नजर:
राजस्थान में आठ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया से भी नजर रखे हुए हैं। 23 मई को अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे में जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने जब सिडनी के हैरिस पार्क का नाम लिटिल इंडिया रखने की घोषणा की तो मोदी ने कहा कि भारत वंशी अब इस लिटिल इंडिया में अल्बानीज को जयपुर की जलेबी जरूर खिलाएं। मोदी ने राजस्थान की लजीज मिठाई का उल्लेख कर चुनाव पर निशाना साधा है।
उर्स में ठहरते हैं जायरीन:
31 मई को दोपहर दो बजे जिस कायड़ विश्राम स्थली पर पीएम मोदी की सभा होगी, वह अजमेर में भरने वाले ख्वाजा उर्स में जायरीन के ठहरने के काम आती है। उर्स के दौरान प्रतिवर्ष यहां एक लाख जायरीन ठहरते हैं। अभी चार माह पहले ही जनवरी के अंत में जो उर्स हुआ, उसमें भी इसी विश्राम स्थली का उपयोग हुआ। इस विश्राम स्थली का निर्माण ही उर्स के जायरीन के लिए किया गया है। कोई दो सौ बीघा में फैली इस विश्राम स्थली पर जायरीन के वाहन भी बड़ी संख्या में खड़े होते हैं। इस विश्राम स्थली का मालिकाना हक ख्वाजा साहब की दरगाह में आंतरिक इंतजाम देखने वाली दरगाह कमेटी का है और यह दरगाह कमेटी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन आती है। मौजूदा समय में अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभार केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी के पास है। ऐसे में विश्राम स्थली पर सुविधाएं जुटाने में कोई परेशानी नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया से भी नजर:
राजस्थान में आठ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया से भी नजर रखे हुए हैं। 23 मई को अपने ऑस्ट्रेलियाई दौरे में जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने जब सिडनी के हैरिस पार्क का नाम लिटिल इंडिया रखने की घोषणा की तो मोदी ने कहा कि भारत वंशी अब इस लिटिल इंडिया में अल्बानीज को जयपुर की जलेबी जरूर खिलाएं। मोदी ने राजस्थान की लजीज मिठाई का उल्लेख कर चुनाव पर निशाना साधा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-05-2023)
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