Thursday 25 May 2023

अपने ही विधायकों पर 20-20 करोड़ रूपए भाजपा से लेने का आरोप खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगाते है और झगड़े का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते हैं - यदि सचिन पायलट से कोई विवाद नहीं है तो अपने कथनों पर माफी क्यों नहीं मांगते ?

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ चल रहे विवादों के सम्बन्ध में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि यह सब मीडिया के वजह से हो रहा है। हमारे विवादों को मीडिया बढ़ा-चढ़ा कर दिखाता है। जबकि कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है और पूरी पार्टी एकजुट हैं। गहलोत ने 24 मई को यह बयान तब दिया है जब गत दिनों गहलोत ने पायलट समर्थक कांग्रेस विधायकों पर भाजपा से 20-20 करोड़ रुपये लेने के आरोप लगाए। गहलोत ने यह भी कहा कि यदि भाजपा से ली गई राशि में से कुछ लाख रुपये खर्च हो गए हो तो मुझे बताए, मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोष से खर्च की गई राशि दिलवा दूंगा। गहलोत ने पायलट समर्थक विधायकों से कहा कि वे भाजपा की राशि को लौटा दें। यदि राशि नहीं लौटायी तो उन पर भाजपा का दबाव रहेगा। सवाल उठता है कि क्या यह बयान गहलोत ने मीडिया के कहने पर दिया ? सब जानते हैं कि अपने प्रतिद्वंधी नेता पायलट की छवि खराब करने के लिए गहलोत ने अपनी मर्जी से यह बयान दिया। इस बयान के बाद ही पायलट ने गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला और अब आन्दोलन के लिए 31 मई तक का एल्टीमेटम दे रखा है। जब बात बिगड़ रही तब सीएम गहलोत अपने झगड़ों का ठीकरा मीडिया घर फोड़ रहे है। सब जानते हैं कि गत 11 मई को जब पायलट ने अजमेर से जन संघर्ष यात्रा शुरू की थी तब गहलोत ने इस बात के प्रयास किए थे कि पायलट को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया जाए। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने ऐसा नहीं किया। हाईकमान खासकर गांधी परिवार का अभी भी प्रयास है कि आगामी विधानसभा चुनाव पायलट और गहलोत साथ मिलकर लड़े। हाईकमान पायलट को छोड़ना नहीं चाहता है। हाईकमान का प्रयास है कि 26 और 27 मई को दिल्ली में होने वाली बैठक में राजस्थान के मतभेदों को 'दूर किया जाए। इस बैठक में गहलोत के साथ-साथ पायलट को भी बुलाने की चर्चा है। 
तो माफी मांगे गहलोत
यदि पायलट के साथ गहलोत का कोई विवाद नहीं है तो गहलोत को अपने पूर्व के वचनों पर माफी मांगनी चाहिए। वर्ष 2020 में जब प्रदेश में राजनीतिक संकट उत्पन्न हुआ तब गहलोत ने पायलट के लिए नकारा, धोखेबाज, मक्कार जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। हालांकि अगस्त 2020 में पायलट के समर्थन से ही गहलोत ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया, लेकिन गहलोत ने अभी तक भी अपशब्दों के लिए पायलट से माफी नहीं मांगी है। राजनीति में यह उम्मीद की जाती है कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति झूठ नहीं बोलेगा। और जब किसी मुख्यमंत्री की छवि गांधीवादी हो तो यह अपेक्षा और बढ़ जाती है, लेकिन सीएम गहलोत एकतरफ पायलट समर्थक विधायकों पर 20-20 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाते है तो दूसरी तरफ पायलट के साथ कोई विवाद होने से इंकार करते है। गहलोत का कौनसा बयान सही है यह वे ही बता सकते है।
S.P.MITTAL BLOGGER (25-05-2023)
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