इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के क्रिकेट मैचों के दौरान जो महंंगे दर वाले विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं, उनमें राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग का पधारो म्हारे देश वाला विज्ञापन भी है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार संभवत:पहली ऐसी राज्य सरकार होगी जो अपने किसी विभाग का विज्ञापन आईपीएल के प्रसारण में दे रही है। आईपीएल के मीडिया राइट विदेशी कंपनी स्टार स्पोर्ट्स के पास है। न्यूज चैनलों पर जो विज्ञापन प्रसारित होते हैं, उससे तीन-चार गुना महंंगे विज्ञापन आईपीएल में प्रसारित होते हैं। इस महंगे विज्ञापन में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देशी विदेशी पर्यटकों से राजस्थान के पर्यटक स्थलों की सैर करने की अपील कर रहे हैं। इसमें पर्यटन विभाग के लोकप्रिय स्लोगन पधारो म्हारे देश का भी उल्लेख किया गया है।
मंत्री ने पानी फेरा:
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस महंगे विज्ञापन पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ही पानी फेर दिया। सिंह ने सवाल उठाया कि पर्यटक राजस्थान कैसे आएंगे? राजस्थान की होटलों में तो रात के समय अंधेरा रहता है। सिंह ने कहा कि ऊर्जा विभाग ने बिजली की कमी को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों पर सायं सात बजे से सुबह पांच बजे तक बिजली कटौती का जो आदेश जारी किया है, उसे होटलों पर भी लागू कर दिया है। सिंह ने माना कि सरकार ने होटलों को भी उद्योग का दर्जा दे रखा है, लेकिन ऊर्जा विभाग के इंजीनियरों को यह समझना चाहिए कि होटल और एक फैक्ट्री में अंतर है। फैक्ट्री में तो मशीनें लगी होती है और उत्पादन होता है, जबकि होटल में न तो मशीन होती है और न कोई उत्पादन। फैक्ट्री तो दिन में भी चलाई जा सकती है, लेकिन होटल में यदि रात के समय एसी, कूलर और पंखे नहीं चले तो पर्यटक कैसे ठहरेंगे। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि ऊर्जा विभाग तो खुद ही राजस्थान के पर्यटन कारोबार को चौपट करने में लगा हुआ है। यहां खास तौर से उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 800 से भी ज्यादा होटल मालिकों ने अपना होटल पर्यटन विभाग से अनुबंधित करवा रखा है। यानी जो पर्यटन विभाग पर्यटकों को आमंत्रित कर रहा है, उसी पर्यटन विभाग के होटलों में रात के समय अंधेरा है। ऊर्जा विभाग ने उद्योगों को रात के समय मात्र पांच प्रतिशत बिजली का उपयोग करने की छूट दी है। यदि कोई उद्योग या होटल मालिक पांच प्रतिशत से अधिक का उपयोग करता तो उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
मंत्री ने पानी फेरा:
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस महंगे विज्ञापन पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ही पानी फेर दिया। सिंह ने सवाल उठाया कि पर्यटक राजस्थान कैसे आएंगे? राजस्थान की होटलों में तो रात के समय अंधेरा रहता है। सिंह ने कहा कि ऊर्जा विभाग ने बिजली की कमी को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों पर सायं सात बजे से सुबह पांच बजे तक बिजली कटौती का जो आदेश जारी किया है, उसे होटलों पर भी लागू कर दिया है। सिंह ने माना कि सरकार ने होटलों को भी उद्योग का दर्जा दे रखा है, लेकिन ऊर्जा विभाग के इंजीनियरों को यह समझना चाहिए कि होटल और एक फैक्ट्री में अंतर है। फैक्ट्री में तो मशीनें लगी होती है और उत्पादन होता है, जबकि होटल में न तो मशीन होती है और न कोई उत्पादन। फैक्ट्री तो दिन में भी चलाई जा सकती है, लेकिन होटल में यदि रात के समय एसी, कूलर और पंखे नहीं चले तो पर्यटक कैसे ठहरेंगे। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि ऊर्जा विभाग तो खुद ही राजस्थान के पर्यटन कारोबार को चौपट करने में लगा हुआ है। यहां खास तौर से उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 800 से भी ज्यादा होटल मालिकों ने अपना होटल पर्यटन विभाग से अनुबंधित करवा रखा है। यानी जो पर्यटन विभाग पर्यटकों को आमंत्रित कर रहा है, उसी पर्यटन विभाग के होटलों में रात के समय अंधेरा है। ऊर्जा विभाग ने उद्योगों को रात के समय मात्र पांच प्रतिशत बिजली का उपयोग करने की छूट दी है। यदि कोई उद्योग या होटल मालिक पांच प्रतिशत से अधिक का उपयोग करता तो उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-05-2023)
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