Wednesday 25 February 2015

सरकार बनने से पहले ही पीडीपी की मांगे पूरी

सरकार बनने से पहले ही पीडीपी की मांगे पूरी
जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी की सरकार बनना लगभग तय है। लेकिन सरकार बनने से पहले ही भाजपा पीडीपी की मांगें पूरी करने लगी है। चूंकि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की ही सरकार है, इसलिए पीडीपी चाहती है कि सरकार बनने से पहले मांगें पूरी कर दी जाए। पीडीपी की मांग के मद्देनजर ही 25 फरवरी को केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी ने राज्यसभा में लिखित में बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 नहीं हटाई जाएगी। इसी प्रकार विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की बैठक पर सहमति बन गई है। आने वाले दिनों में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पीडीपी की अन्य मांगे भी पूरी कर देगी। भाजपा यह पहले ही मान चुकी है कि पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद ही गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री होंगे। पीडीपी भाजपा की यह मांग पहले ही ठुकरा चुकी है कि 6 वर्ष के कार्यकाल में तीन वर्ष के लिए भाजपा का सीएम हो। यानि जम्मू-कश्मीर में भाजपा गठबंधन की सरकार तो बना रही है, लेकिन पीडीपी की शर्तों पर। पीडीपी ने भाजपा का स्तर इतना नीचे गिरा दिया है, जिसमें सरकार के गठन से पहले ही मांगे पूरी की जा रही है। असल में पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि भाजपा से गठबंधन से हानि नहीं राजनीतिक फायदा ज्यादा है। जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों को जो सुविधाएं और अधिकार कांग्रेस की गठबंधन सरकार में नहीं मिले वे अब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की भाजपा सरकार देगी। सरकार के गठन के बाद महबूबा की आलोचना न हो, इसलिए पाकिस्तान से वार्ता और धारा 370 बनाए रखने पर सार्वजनिक सहमति करवा दी गई है। पीडीपी के साथ सरकार बनाने से भाजपा और देश को क्या मिलेगा, यह तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही बता सकते हैं, लेकिन फिलहाल तो पीडीपी की ही स्थिति मजबूत हो रही है। पीएम मोदी को अब देश की जनता को यह बताना चाहिए कि किन करणों से पीडीपी की शर्तों को माना जा रहा है। क्या अब किसी चुनाव में भाजपा कश्मीर से धारा 370 हटाने का वायदा कर सकेगी? पूरा देश जानता है कि पीडीपी इस पक्ष में नहीं है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना रहे। महबूबा मुफ्ती तो हमेशा से ही अलगाववादियों के साथ वार्ता की इच्छुक रही हैं। पीडीपी की यह सोच है कि कश्मीर समस्या का हल भारत और पाकिस्तान मिल कर निकाले। महबूबा अब कह सकती है कि उनकी सोच के अनुरूप ही मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता की घोषणा की है। यानि कश्मीर के मुद्दे पर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता होगी।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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