लालफीताशाही की वजह से बदलाव का एहसास नहीं
विधानसभा वार हो संयुक्त बैठकें-सारस्वत
भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बी.पी. सारस्वत ने कहा कि प्रदेश में सत्ता का बदलाव हुए एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अजमेर में आम लोगों को इस बदलाव का एहसास नहीं हो रहा है। इसकी वजह प्रशासन में लालफीताशाही हावी होना है।
जिले के प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी और प्रभारी सचिव श्रीमत पांडे की उपस्थित में हुई जिला परिषद की बैठक में प्रो. सारस्वत ने कहा की जिले में भाजपा विधायक ने ग्रामीणों की मांग पर जो विकास कार्य स्वीकृत किए हैं उन पर अमल नहीं हो रहा है, विधायक के स्वीकृत कार्यों पर प्रशासनिक स्तर पर भौतिक सत्यापन किया जाता है, लेकिन यह भौतिक सत्यापन लालफीताशाही में उलझ कर रह गया है। बैठक में उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों से प्रो. सारस्वत ने जानना चाहा कि भौतिक सत्यापन में विलम्ब क्यों होता है? इस पर अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन के कई विभाग यह कार्य करते हैं, इसलिए विलम्ब हो जाता है। इस पर सारस्वत ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि जिले के प्रशासनिक अधिकारी कांग्रेस शासन की तरह ही काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गांव-ढाणी में जाकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कर रही है, तब अधिकारियों को विधायकों की सिफारिशों के काम करने में ऐतराज क्यों हो रहा है? अधिकारियों के इस रवैये की वजह से ही सत्ता के बदलाव का एहसास नहीं हो पा रहा है। प्रो. सारस्वत ने चेतावनी के लहजे में कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा। अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान तो करना ही होगा।
प्रो. सारस्वत ने बैठक में सुझाव दिया कि विधानसभा स्तर पर विभिन्न विभागों की संयुक्त बैठकों आयोजित की जाए और मौके पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए ताकि ग्रामीणों को अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए विभागों के धक्के नहीं खाने पड़े। जिन विधायकों ंने विकास कार्य स्वीकृत किए है, उन पर भी तत्काल अमल शुरू हो जाना चाहिए। अधिकारी आम जनता का सेवक होता है। यदि सेवक की वजह से मालिक को धक्के खाने पड़े तो इससे बुरी बात हो ही नहीं सकती। बैठक में भाजपा के विधायकों ने भी शिरकत की कि उनके स्वीकृत कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)
Friday 13 February 2015
लालफीताशाही की वजह से बदलाव का एहसास नहीं
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