Thursday 26 February 2015

कांग्रेस का राज्य स्तरीय चिंतन शिविर अजमेर में क्यों

कांग्रेस का राज्य स्तरीय चिंतन शिविर अजमेर में क्यों
26 फरवरी को कांग्रेस का राज्य स्तरीय चिंतन शिविर अजमेर में हुआ। आमतौर पर ऐसे शिविर प्रदेश की राजधानी में ही होते हैं। लेकिन इस बार जयपुर की बजाए अजमेर में शिविर को आयोजित किया गया। सब जानते हैं कि अजमेर ही अब एकमात्र ऐसा शहर बचा है, जहां के नगर निगम के मेयर कांग्रेसी हैं। चूंकि शिविर पर भारी भरकम खर्च आता है, इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सोच समझ कर शिविर की जिम्मेमदारी मेयर कमल बाकोलिया पर डाल दी। बाकोलिया ने कांग्रेस का चिंतन शिविर एक शादी ब्याह वाले समारोह स्थल पर करवाया। चूंकि इस समारोह स्थल को नगर निगम ने पीपीपी मोड पर दे रखा है। इसलिए स्वाभाविक है कि समारोह स्थल पर कांग्रेसियों के स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। दोपहर का भोजन भी शादी ब्याह वाले समारोह स्थल पर शान-ओ-शौकत के साथ करवाया गया। अजमेर नगर निगम की कार्य प्रणाली को लेकर कई बार पायलट का ध्यान आकर्षित किया गया था। पायलट को जो बातें बताई गई उन्हीं को ध्यान में रखते हुए मेयर बाकोलिया पर चिंतन शिविर की जिम्मेदारी डाली। शिविर के दौरान पायलट ने अपना दर्द भी बयां किया। पायलट ने कहा कि मैंने अजमेर जिले के लोगों के लिए विकास के अनेक कार्य करवाएं। लेकिन फिर भी गत लोकसभा के चुनाव में मुझे हार का सामना करना पड़ा। अब अजमेर के नागरिकों को वर्तमान सांसद सांवरलाल जाट के समक्ष ही अपनी समस्याओं को रखना चाहिए। अब जाट ही हवाई अड्डे का निर्माण करवाएंगे और अजमेर को स्मार्ट बनाएंगे। मैं तो अब अजमेर का प्रतिनिधि नहीं रहा। मीडिया वालों को भी यह नहीं लिखना चाहिए कि अजमेर मेरा गृह जिला है। शिविर की एक खास बात यह भी रही कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत की पूरी तरह उपेक्षा की गई। न तो शिविर स्थल पर और न ही बैनर पोस्टर पर गहलोत का फोटो लगाया गया। उल्टे शिविर में पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस के शासन में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की वजह से हार का सामना करना पड़ा है। शिविर में जिस तरह से गहलोत की उपेक्षा की गई, उससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस में आने वाला समय सचिन पायलट का ही है।

(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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