Saturday, 22 February 2025

विजयनगर की जामा मस्जिद और कब्रिस्तान में हुए अतिक्रमण और ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के परिजन के अवैध निर्माणों पर चल सकता है बुलडोजर। नगर पालिका ने 21 फरवरी को तीन दिन का नोटिस जारी किया। अश्लील वीडियो और फोटो से ब्लैकमेल कर स्कूली छात्राओं का देह शोषण कर रहे थे समुदाय विशेष के लड़कें।

राजस्थान के अजमेर संभाग के ब्यावर जिले के विजयनगर शहर में गत 15 फरवरी को उजागर हुए अश्लील फोटो वीडियो ब्लैकमेल कांड में अब विजयनगर नगर पालिका ने सख्त कार्यवाही की है। पालिका के अधिशाषी अधिकारी प्रताप सिंह भाटी ने जामा मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष भूरा भाई को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में अध्यक्ष से मस्जिद परिसर में हुए निर्माणों के दस्तावेज मांगे गए हैं। भाटी ने बताया कि मस्जिद परिसर में अतिक्रमण होने की शिकायत मिली थी। इन शिकायतों के आधार पर ही दस्तावेज मांगे गए हैं। इसी प्रकार विजयनगर के तारों का खेड़ा निवासी आशिक मोहम्मद, राज नगर चौराहा निवासी सद्दीक मोहम्मद तथा करीम खाँ पुत्र मोहम्मद इदरीस के साथ साथ विजयनगर के गोपाल बाड़ी रेलवे अंडर पास स्थित कब्रिस्तान के अध्यक्ष को भी नोटिस जारी किए गए हैं। कब्रिस्तान के अध्यक्ष को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि कब्रिस्तान परिसर में जो निर्माण धार्मिक गतिविधियां की जा रही है उसके दस्तावेज तीन दिन में बताए जाए। इन व्यक्तियों के परिवार का संबंध ब्लैकमेल कांड में पकड़े गए आरोपियों से बताया जा रहा है। 21 फरवरी को जारी इन नोटिसों में सभी को तीन दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। भाटी ने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अवैध निर्माणों और अतिक्रमण हटाने की नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। इधर पुलिस ने ब्लैकमेल कांड में पीड़ित छात्राओं की रिपोर्ट पर भीलवाड़ा के गुलाबपुरा निवासी लुकमान, शाहजनाबाद निवासी अफराज उर्फ जिब्राइल कुरैशी, विजयनगर निवासी सोहेल मंसूरी, रेहान उर्फ रियान, आशिक मंसूरी व भिनाय निवासी कैफे संचालक श्रवण जाट को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा दो नाबालिग आरोपी भी है। 15 फरवरी को मामला उजागर होने के बाद से ही आक्रोशित लोग आरोपियों के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे हैं। अब तक की जांच पड़ताल में उजागर हुआ है कि समुदाय विशेष के लड़के लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा कर अश्लील वीडियो फोटो बनाते थे और फिर इन फोटो वीडियो के माध्यम से देह शोषण किया जाता था। यह बात भी सामने आई है कि कुछ पीडि़ताओं को लड़कों ने धर्म के अनुरूप आचरण करने के लिए दबाव डाला जाता था। पीडि़ताएं अपनी अन्य सहेलियों को लेकर भी आए इसके लिए भी दबाव बनाया जाता था। पुलिस ने अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि इस गिरोह में 25 से भी ज्यादा लड़के शामिल हैं। ब्लैकमेल कांड के विरोध में 21 फरवरी को विजयनगर शहर पूरी तरह बंदरहा। अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश और ब्यावर के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने भरोसा दिलाया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। इस मुकदमे में महिला पुलिस इंस्पेक्टर की नियुक्ति विशेष तौर पर की गई है ताकि पीडि़ताएं निर्भय होकर बयान दर्ज करवा सकें। S.P.MITTAL BLOGGER (22-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 20 February 2025

संघ की दशा बदली है, दिशा नहीं। दिल्ली स्थित कार्यालय के पुननिर्मित केशव कुंज के प्रवेशोत्सव पर सरसंघचालक भागवत का संबोधन।

19 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की उपस्थिति में नवनिर्मित भवन केशव कुंज का प्रवेशोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि संघ की दशा बदली है दिशा नहीं। समृद्धि की आवश्यकता है जितना आवश्यक है उतना वैभव होना चाहिए, लेकिन ऐसा मर्यादा में रहकर करना चाहिए। श्री केशव स्मारक समिति का यह पुननिर्मित भवन भव्य है, इसकी भव्यता के अनुरूप ही संघ का कार्य खड़ा होना चाहिए। देश में आज संघ का कार्य गति पकड़ रहा है। हमें इस भवन की भव्यता के अनुरूप ही संघ के कार्य को भव्य बनाना है। संघ का कार्य पूरे विश्व तक जाएगा। जो भारत को विश्वगुरु के पद पर आसीन करेगा। ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनने में हम अपनी इन्हीं आंखों से देखेंगे, लेकिन इसके लिए स्वयं सेवकों को पुरुषार्थ करना होगा। संघ के कार्य को सतत विस्तार देने की भी जरूरत है। उन्होंने इस अवसर पर संघ के आरम्भ से आद्य सरसंघचालक द्वारा झेली अनेक कठिनाइयों का उल्लेख किया। नागपुर में पहले कार्यालय महाल की शुरुआत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और देश का संचालन यही से होता है, इसलिए एक कार्यालय की आवश्यकता दिल्ली में महसूस हुई। आज यह भव्य भवन बन जाने भर से स्वयंसेवक का काम पूरा नहीं होता। हमें ध्यान रखना होगा कि उपेक्षा और विरोध के माहौल में हमें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। समारोह में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंद देव गिरी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि आज श्री गुरुजी की जयंती है, इसलिए पावन दिन है। आज शिवाजी की भी जयंती है। शिवाजी संघ की विचार शक्ति हैं। कांची कामकोटि पीठ के तत्कालीन शंकराचार्य परमाचार्य ने एक बार एक वरिष्ठ प्रचारक से कहा था कि संघ प्रार्थना से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है। गोविंददेव गिरी ने छावा फिल्म का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्रपति ने ऐसे मावले तैयार किए, जो थकते नहीं, रुकते नहीं, झुकते नहीं और बिकते नहीं। संघ के स्वयंसेवक छत्रपति शिवाजी के तपोनिष्ठ मावलों सरीखे ही हैं। हम हिन्दू भूमि के पुत्र हैं, संघ राष्ट्र की परंपरा को पुष्ट करते हुए राष्ट्र की उन्नति की बात करता है। उदासीन आश्रम दिल्ली के प्रमुख संत राघवानंद महाराज ने अपने संक्षिप्त आशीर्वचन में कहा कि संघ 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है तो इसके पीछे डॉक्टर साहब का प्रखर संकल्प ही है। संघ ने समाज के प्रति समर्पण भाव से कार्य किया है समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया है। इसलिए संघ कार्य सतत बढ़ रहा है। केशव स्मारक समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने शुरू से लेकर अब तक के केशव कुंज के पुनर्निर्माण के विभिन्न पड़ावों की विस्तार से जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 1939 से ही संघ का काम रहा है। तब झंडेवालान में इसी स्थान पर एक छोटा सा भवन बनाया था जिसमें संघ कार्यालय का कुछ हिस्सा बना था। लेकिन आगे 1962 में इसका विस्तार करके अन्य कक्ष बनाए गए थे। 1969 में श्री केशव स्मारक समिति का गठन हुआ। 80 के दशक में आवश्यकता के अनुसार भवन का और विस्तार हुआ। साल 2016 में पूज्य सरसंघचालक जी ने ही अपने करकमलों से इसी स्थान पर पूजा अनुष्ठान के साथ श्री केशव स्मारक समिति के द्वारा निर्मित केशव कुंज के तीन टावर वाले इस भवन का शिलान्यास किया था। और आज यह पुनर्निर्मित स्वरूप में हम सबके सामने है। केशव कुंज में मुख्यतः तीन टावर है, जिसमें साधना प्रेरणा अर्चना। एक आकर्षक और आज की सभी आवश्यकताओं से परिपूर्ण अशोक सिंहल सभागार है आम जन के लिए एक केशव पुस्तकालय है ओपीडी चिकित्सालय हैए साहित्य भंडार है] सुरुचिपूर्ण और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत पुस्तकों के लिए सुरुचि प्रकाशन है। केशव कुंज की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति में सहयोग के लिए 150 किलोवाट का सोलर प्लांट है, कचरे के उचित निस्तारण रीसाइक्लिंग के लिए 140 केएलडी क्षमता का एसटीपी प्लांट है। पूर्व की तरह ही नूतन भवन में एक सुंदर दिव्य हनुमान मंदिर है। कार्यक्रम में ऐसे कुछ सेवा प्रदाताओं का प्रतिनिधि रूप में सम्मान किया गया जिन्होंने भवन के निर्माण में विविध कामों में योगदान दिया है। मंच पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, उत्तर क्षेत्र संघचालक पवन जिंदल, दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल भी उपस्थित थे। प्रवेशोत्सव में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, सम्पर्क प्रमुख रामलाल, सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर, इंद्रेश कुमार, प्रेम गोयल, रामेश्वर सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता, स्वयंसेवक उपस्थित थे। S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

पुलिस हर घर की निगरानी नहीं कर सकती। बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी माता-पिता की है। अजमेर संभाग के विजयनगर कांड का संबंध लव जिहाद से नहीं। अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने फिर जरी किया 8764583020 मोबाइल नंबर। वाट्सएप पर प्राप्त होने वाली सूचनाएं गुप्त रखी जाएगी।

राजस्थान के अजमेर संभाग के ब्यावर जिले के बहुचर्चित विजयनगर अश्लील कांड का संबंध लव जिहाद से नहीं है। यह बात रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने स्पष्ट तौर पर कही है। लेकिन उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जिन युवकों ने स्कूली छात्राओं को मोबाइल दिए और इधर उधर घुमाया उन्हें कानून के अनुरूप सख्त सजा दिलाई जाएगी। पुलिस उन स्थानों और रेस्टोरेंट का पता लगा रही है, जहां बदमाश प्रवृत्ति के युवक स्कूली छात्राओं को ले गए। ओम प्रकाश ने कहा कि 15 फरवरी को मामले को उजागर होने के बाद से पुलिस ने अब तक जो कार्यवाही की है उससे अजमेर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि संतुष्ट है। प्रतिनिधियों ने दफ्तर में आकर उन्हें इसके लिए शाबाशी भी दी है। ओम प्रकाश ने कहा कि पुलिस हर घर की निगरानी कर यह पता नहीं लगा सकती है कि घर का कौन सा सदस्य परेशान है। बच्चों की देखभाल करने का काम माता पिता का है। माता पिता को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उनके बच्चे स्कूल कॉलेज में परेशान तो नहीं है। इसके लिए माता पिता को अपने बच्चों से रोजाना संवाद करना चाहिए। आईजी ने संयुक्त परिवार की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि अजमेर रेंज में संयुक्त परिवार के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। जिन परिवारों में बुजुर्ग माता पिता साथ रहते हैं, वहां अनेक समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाता है। आईजी ने एक बार फिर अपना मोबाइल नंबर 8764583020 सार्वजनिक किया और अपील की कि कोई भी पीड़ित व्यक्ति इस नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी शिकायत भेज सकता है। स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को भी कोई परेशानी है तो वे अपनी शिकायत भेज सकती हैं। आईजी ने भरोसा दिलाया कि प्राप्त सूचनाओं को गुप्त रखा जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि पुलिस ने विजयनगर के प्रकरण में सात युवकों को गिरफ्तार किया है। इन पर स्कूली छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर देश शोषण करने का आरोप है। पीडि़त छह छात्राओं ने पुलिस के समझ बयान भी दर्ज करवाए हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

रूई पिनाई से लेकर शुरू किया काम आज चार मंजिला शोरूम में बदल गया है। अजमेर के ब्यूटी कॉर्नर के मालिक 80 वर्षीय इंजीनियर अब्दुल अजीज मंसूरी का संघर्षपूर्ण जीवन।

80 वर्षीय अब्दुल अजीज मंसूरी 70 वर्ष पहले जब अपने पिता पीर मोहम्मद के साथ रूई पिनाई का काम करते थे, तब सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन इसी अजमेर शहर में चार मंजिला भव्य शोरूम होगा। अब्दुल अजीत को वो दिन याद है, जब उनके पिता गगवाना से साइकिल पर अजमेर आते थे और घर घर जाकर लकड़ी के एक एक उपकरण से गंदी रूई को साफ करने का काम करते थे। तब बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा हो पाता था। गगवाना से अजमेर तक आने जाने की परेशानी को देखते हुए 1940 में कोतवाली परिसर के सामने भैंसा कोठी (भैंसा कॉम्प्लेक्स) में मात्र चार रुपए प्रतिमाह के किराए पर जगह ली। इस छोटी से जगह पर ही आवास के साथ साथ रूई पिनाई का काम शुरू किया गया। अब्दुल अजीज ने बताया कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि मैं अनपढ़ रहकर रूई पिनाई का ही काम करता रहंू। इसलिए उन्होंने मुझे हाथी भाटा स्थित गौतम हाईस्कूल में प्रवेश दिलाया। 1963 में दसवीं और 1965 में गवर्नमेंट कॉलेज से प्री यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की। इसके बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री लेकर 1970 में पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। लेकिन उनका मन अपने पिता के रूई के कारोबार को अगो बढ़ाने में ही लगा। तब उन्होंने अनेक कपड़ा मिलों से रूई मंगाई और अजमेर में बिक्री का काम शुरू किया। 1978 में नगर सुधार न्यास की कोतवाली स्कीम में 71 गज भूमि खुली नीलामी में प्राप्त की और आज इसी भूमि पर ब्यूटी कॉर्नर के नाम से चार मंजिला भव्य शोरूम है। अब्दुल अजीज ने माना कि उनका जीवन संघर्ष पूर्ण रहा, लेकिन अब उनके दोनों पुत्र मोहम्मद हुसैन और जाकिर हुसैन ने कारोबार संभाल लिया है। मोहम्मद हुसैन ने बताया कि जिस प्रकार उनके पिता ने पुश्तैनी काम को आगे बढ़ाया उसी प्रकार अब हम दोनों भाइयों ने भी रूई और कपड़े के कारोबार को आगे बढ़ाया है। चूंकि अब रूई वाले गद्दों और रजाइयों का काम खत्म हो गया है, इसलिए शोरूम पर ब्रांड गद्दे और रजाइयां रखने के साथ साथ चादर आदि की भी बड़ी रेंज है। समय के बदलाव के साथ शोरूम में इंटीरियर डिजाइनिंग के सभी उत्पाद शामिल है। फर्निशिंग से जुड़े उत्पादक भी उपलब्ध है। यहां तक कि घरों की दीवारों पर लगने वाली मोजाईक टाइल्स, वर्टीकल गार्डन, आर्टिफिशियल प्लांट आदि भी उपलब्ध है। अब तो बाथरूम में सेरेमिक टाइल्स की जगह फाइबर की आकर्षक टाइल्स भी लगने लगी है। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके पिता और स्वर्गीय दादा पीर मोहम्मद ने जो कारोबार शुरू किया था, उसे आज चार मंजिला शोरूम में चलाया जा हा है। अब्दुल अजीज के परिवार के संघर्ष के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414258431 व 9413687909 पर ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (20-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 19 February 2025

राजस्थान के ब्लैकमेल कांड-2 से छात्राओं और अभिभावकों को सबक लेने की जरूरत, इसलिए जरूरी है संयुक्त परिवार। आरोपियों की पैरवी नहीं करने के फैसले पर क्या वकील समुदाय अडिग रहेगा? अजमेर और जोधपुर रेंज के आईजी की सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील।

राजस्थान के अजमेर संभाग के ब्यावर जिले के विजयनगर शहर में 16 फरवरी को उजागर हुए अश्लील ब्लैकमेल कांड के सभी छह आरोपियों को 18 फरवरी को अजमेर स्थित पॉक्सो अदालत में चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब यह पता लगाएगी कि इन आरोपियों ने अश्लील वीडियो फोटो दिखाकर कितनी स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर देह शोषण किया। इसके साथ ही पुलिस ने पीडि़त छात्राओं के बयान नसीराबाद की कोर्ट में धारा 164 में दर्ज कराया है। पुलिस ने जिन युवकों को रिमांड पर लिया है उसमें रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान, साहिल कुरैशी, अफराज शामिल है। रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने पीडि़ताओं के परिजन को भरोसा दिलाया है कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करवाई जाएगी। इस ताजा मामले से अजमेर संभाग में रोष का माहौल हे। वर्ष 1992 में भी अजमेर शहर में इसी तरह का ब्लैकमेल कांड हुआ था। तब भी स्कूल कॉलेज की छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। आज 32 वर्ष बाद भी अजमेर शहर का ब्लैकमेल कांड अदालत में विचाराधीन हे। विजयनगर के ब्लैकमेल कांड को भाग-2 माना जा रहा है। यह सही है कि समुदाय विशेष के युवकों ने पहले स्कूली छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाया और फिर उनके अश्लील वीडियो और फोटो तैयार किए, बाद में वीडियो और फोटो के माध्यम से देह शोषण किया। लेकिन सवाल छात्राओं और अभिभावकों की जागरूकता का भी है। आमतौर पर देखा गया है कि छात्राएं मोबाइल का बहुत उपयोग करती है। हो सकता है कि पढ़ाई के लिए मोबाइल उपयोगी हो, लेकिन अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वह स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों का ख्याल रखे। मोबाइल का उपयोग किस तरह हो रहा है, इसकी जानकारी भी अभिभावकों को होनी चाहिए। जिन परिवारों में माता पिता दोनों कामकाजी है, उन परिवारों में बेटियों को दिनभर अकेले घर पर रहना पड़ता है। कई परिवारों में माता पिता को बेटियों से संवाद करने का अवसर ही नहीं मिलता। हो सकता है कि यदि संवाद का अवसर मिले तो बेटियां अपनी परेशानी को बता सकती है। सनातन संस्कृति में संयुक्त परिवार की अवधारणा इसलिए रखी गई ताकि परिवार के सदस्य एक दूसरे को अपनी परेशानी बता सके। यदि किसी परिवार में पिता के भाई यानी बेटी के चाचा ताऊ भी साथ रह रहे है तो ऐसी बेटी अपने चाचा ताऊ के बेटे बेटियों से परेशानी को शेयर कर सकती है। यानी ऐसी बेटी को अकेले ही परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। हो सकता है कि विजय नगर के प्रकरण में कुछ छात्राएं अकेले होने के कारण ब्लैकमेल का शिकार होती रही। अभिभावकों का यह दायित्व है कि यह प्रतिदिन अपनी बेटी बेटे से संवाद करे और स्कूल-कॉलेज में होने वाली गतिविधियों की जानकारी ले। जिन परिवारों में अभिभावक अपने बच्चों के साथ भोजन करते हैं और समय बिताते हैं उन परिवारों के बेटे बेटियां हर परेशानी का मुकाबला कर लेते हैं। अच्छा हो कि राजस्थान के ब्लैकमेल कांड-2 से सबक लेकर छात्राएं और अभिभावक परस्पर समन्वय कायम करेंगे। बेटियां खूब पढ़े और आसमान की ऊंचाइयां छुए इस पर किसी को भी ऐतराज नहीं है, लेकिन जब हमारी बेटियां ब्लैकमेल की शिकार होती है तो फिर इसका असर संपूर्ण समाज पर पड़ता है। यह माना कि बेटी को भी बेटे की तरह स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन जब समाज में बुरी नीयत वाले युवा भी हो तो फिर बेटियों ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। पैरवी नहीं करने का फैसला: विजयनगर और अजमेर जिला बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि ब्लैकमेल कांड के आरोपियों की कोई भी वकील अदालत में पैरवी नहीं करेगा। सवाल उठता है कि क्या वकील समुदाय अपने इस फैसले पर अडिग रहेगा? पूर्व में जब अजमेर शहर में ऐसा ही कांड हुआ था, तब भी वकीलों ने पैरवी नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में अनेक वली पैरवी करने के लिए अदालतों में उपस्थित हो गए। आरोपियों के वकीलों के कानूनी दांव पेंच के कारण पीड़िताओं को आज तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील: अजमेर के रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने विजयनगर प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ा है। अभिभावकों का भी दायित्व है कि वे अपने बचें को ख्याल रखे। बच्चे स्कूल कॉलेज में सिक तरह पढ़ाई कर रहे हैं इसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। उन्होंने माता-पिता के साथ बच्चों के संवाद को जरूरी बताया। आईजी ओम प्रकाश ने कहा कि उन्होंने तो अपना मोबाइल नंबर 8764853020 सार्वजनिक कर रखा है। इस मोबाइल नंबर पर कोई भी पीड़ित व्यक्ति वाट्सएप तकनीक से अपनी परेशानी दर्ज करवा सकता है। मोबाइल पर प्राप्त शिकायत की निगरानी वह स्वयं करते हैं। अजमेर रेंज में अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, ब्यावर, नागौर और डीडवाना जिले आते हैं। जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील की है। कुख्यात अफीम तस्कर दिनेश सारण की गिरफ्तारी के बाद विकास कुमार ने कहा कि पिछले दस माह में नशीले पदार्थों की तस्करी के पचास से भी अधिक मामले उजागर किए गए है पुलिस तो तस्करों की कमर तोड़ रही है, लेकिन युवाओं और अभिभावकों को भी जागरूकता दिखाने की जरूरत है। अपने बच्चों को नशे की लत से बचने का दायित्व अभिभावकों का भी है। आईजी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज युवा पीढ़ी नशे की शिकार हो रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (19-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अजमेर के सांसद केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी भाजपा कार्यकर्ताओं और पार्षदों को महाकुंभ का स्नान व रामलला दर्शन करवाएंगे। 20 फरवरी को दोपहर एक बजे अजमेर से रवाना होगी स्पेशल ट्रेन।

अजमेर के सांसद और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी अपने निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं और पार्षदों को प्रयागराज में महाकुंभ का स्नान और अयोध्या में रामलला के दर्शन करवाएंगे। चौधरी की ओर से अजमेर शहर और देहात के जिलाध्यक्षों को प्रमुख कार्यकर्ताओं की सूची बनाने के लिए कहा गया है। इसी प्रकार अजमेर नगर निगम और स्थानीय निकायों के प्रमुखों को भी भाजपा पार्षदों की सूची बनाने के लिए कहा गया है। महिला पार्षदों के पति और पुरुष पार्षदों की पत्नियां भी स्पेशल ट्रेन से सफर कर सकती है। मंडल अध्यक्षों के परिवार के सदस्य भी इस धार्मिक यात्रा में शामिल हो सकते हैं। करीब 15 सौ कार्यकर्ताओं को प्रयागराज और अयोध्या ले जाने के लिए स्पेशल टे्रन बुक करवाई गई है। यह स्पेशल ट्रेन 20 फरवरी को दोपहर एक बजे अजमेर रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। इस ट्रेन में 16 स्लीपर कोच रहेंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार स्पेशल ट्रेन 21 फरवरी को प्रयागराज पहुंचेगी और फिर सभी कार्यकर्ताओं के महाकुंभ के स्नान के बाद अयोध्या के लिए रवाना हो जाएगी। ट्रेन 22 फरवरी को वापस अजमेर पहुंचेगी। कार्यकर्ता सुगमता के साथ महाकुंभ में स्नान और रामलला के दर्शन कर सके इसके लिए केंद्रीय मंत्री चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी संवाद किया है। चौधरी ने माना है कि प्रयागराज और अयोध्या में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ के बीच अजमेर के कार्यकर्ताओं की यात्रा आसान नहीं है, लेकिन उनके लिए भाजपा के कार्यकर्ता ही सर्वोपरि है, इसलिए विपरीत परिस्थितियों में भी यात्रा करवाई जा रही है। कार्यकर्ताओं के भोजन आदि की व्यवस्था भी केंद्रीय मंत्री चौधरी की ओरसे करवाई गई है। स्पेशल ट्रेन के लिए एडवांस राशि भी रेलवे में जमा करवा दी गई है। अजमेर से स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए चौधरी के आग्रह पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निर्देश दिए है। सांसद चौधरी की इस पहल से भाजपा के कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (19-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 18 February 2025

विजयनगर ब्लैकमेल कांड का हश्र अजमेर जैसा न हो इसके लिए अभी से ही सख्त कार्यवाही की जरुरत। विधायक, सांसद और डबल इंजन की सरकार, सब भाजपा के हैं इसलिए कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर देहशोषण करने के आरोप में रिहान, सोहेल, लुकमान, अरमान, साहिल सहित दो नाबालिग गिरफ्तार।

राजस्थान के अजमेर संभाग के ब्यावर जिले के विजयनगर शहर में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो स्कूल में पढऩे वाली नाबालिग छात्राओं को पहले अपने प्रेम जाल में फंसाता है और फिर अश्लील फोटो-वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल कर देह शोषण करता है। पीड़ित छात्राओं पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव भी डाला जाता है। ब्यावर के जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्य रिहान मोहम्मद (20), सोहेल मंसूरी (19), लुकमान (20), अरमान पठान (19), साहिल कुरैशी (19) सहित दो नाबालिग को गिरफ्तार किया है। एसपी ने माना कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। पुलिस अन्य पीड़ित लड़कियों का भी पता लगा रही है। अभी तक छह छात्राओं का मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि यह गिरोह पिछले लंबे समय से सक्रिय था, लेकिन हाल ही में इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक पीड़ित छात्रा ने घर से दो हजार रुपए चुराए। इस बीच छात्रा के पिता ने मोबाइल पर हो रही बातचीत सुनी तो पता चला कि उनकी बेटी ब्लैकमेल की शिकार हो रही है। इसके बाद ही अन्य पीड़िताओं के बारे में पता चला। विजयनगर का ब्लैकमेल कांड भी अजमेर ब्लैकमेल कांड जैसा ही है। अजमेर में भी एक लड़की को फंसाने के बाद अन्य सहेलियों को भी फंसाया गया। विजयनगर में भी पहले एक छात्रा को मोबाइल फोन गिफ्ट में दिया और फिर अन्य छात्राओं को लाने का दबाव डाला गया। 17 फरवरी को ब्लैकमेल कांड के उजागर होने के बाद विजयनगर में रोष व्याप्त है। जागरूक लोगों ने पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन भी किया। लोगों की मांग है कि गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। इस कांड के उजागर होने के बाद अभिभावकों में भी चिंता हो गई है। वहीं जागरूक लोगों ने कहा है कि बिजयनगर ब्लैकमेल कांड का हश्र अजमेर के कांड जैसा नहीं होना चाहिए। अजमेर के मामले में पीड़ित लड़कियों को लंबे समय तक अदालतों में बार बार बयान देने आना पड़ा। 30 वर्षों तक पीडि़ताएं अदालतों के चक्कर लगाती रही। आज भी अजमेर ब्लैकमेल कांड के कई आरोपी फरार हैं। अजमेर कांड में आरोपियों ने कानून से बचने के लिए अनेक चालाकियां की। अब जब विजयनगर में भी अजमेर जैसा कांड हो गया है, तब पुलिस को सतर्कता बरतने की जरुरत है। अजमेर ब्लैकमेल कांड के संदर्भ में भाजपा नेताओं का कहना रहा कि कांग्रेस के शासन में आरोपियों के प्रति नरमी बरती गई, अब जब क्षेत्रीय विधायक वीरेंद्र सिंह कानावात, सांसद भागीरथ चौधरी (केंद्रीय मंत्री) और डबल इंजन की सरकार भाजपा की है, तब आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (18-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 17 February 2025

पुष्कर के चित्रकूट धाम में 11 फीट ऊंचे शिवलिंग (हनुमान जी विराजित) पर श्रद्धालु शिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक कर सकेंगे। यज्ञ वाली चमत्कारिक भस्म से होगी सायं 6 बजे भस्म आरती। सिंधी भाषा के दैनिक हिंदू के संपादक हरीश वरीयानी का निधन:

तीर्थ नगरी पुष्कर के निकट बांसेली में बने श्री चित्रकूट धाम में इस बार भी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान होगें। धाम के उपासक और संत पाठक जी महाराज ने बताया कि धाम में 11 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। इस शिवलिंग वर हनुमानजी विराजित है। इस शिवलिंग पर ही शिवरात्रि पर श्रद्धालु अभिषेक कर सकेंगें। शिवलिंग के शिखर तक पहुंचने के लिए सीढ़ी बनाई गई है। श्रद्धालुओं को धाम की ओर से ही दूध निशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। चित्रकूट धाम में प्रवेश भी निशुल्क है। श्रद्धालु प्रातः 7 बजे से सायं 4 बजे तक दुग्धाभिषेक कर सकेंगें। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे शिवलिंग पर भस्म आरती होगी। यह आरती पिछले 9 वर्ष से नियमित की जा रही है। वे विहले 40 वर्षों से प्रतिदिन यज्ञ कर रहे है। हवन सामग्री से बनने वाली भस्म से ही आरती की जाती है। यानी आरती में काम आने वाली भस्म में वेद मंत्रों का स्वर भी शामिल होता है। इस भस्म को दूध में भिगोकर सुखाया जाता है। पाठक जी महाराज इस भस्म को चमत्कारिक भस्म मानते है। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु दुग्धाभिषेक के बाद भस्म आरती में शामिल होता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। पिछले अनेक वर्षों से अस्वस्थ श्रद्धालु भी भस्म आरती में आकर स्वस्थ हो रहे है। उन्होंने कहा कि भस्म आरती करने से पहले वह धार्मिक अनुष्ठान करते है। महाशिवरात्रि पर होने वाले धार्मिक आयोजन की और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9772255376 पर पाठक जी महाराज से ली जा सकती है। वरीयानी का निधन: अजमेर के साथ साथ अहमदाबाद और जयपुर से प्रकाशित सिंधी भाषा के दैनिक अखबार हिंदू के प्रधान संपादक हरीश वरीयानी (75) का 16 फरवरी को निधन हो गया। 17 फरवरी को अजमेर के आंतेड़ स्थित श्मशान स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। वरीयानी के परिवार ने 1975 में अजमेर से सिंधी दैनिक हिंदू की शुरुआत की थी। इसके बाद अहमदाबाद और जयपुर के संस्कार भी निकाले गए। अजमेर में सिंधी भाषा के जानकारों को सिंधी भाषा का अखबार उपलब्ध करवाने में वरीयानी के परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। माना जाता है कि देश के जिन शहरों में सिंधी समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है उनमें अजमेर भी शामिल हैं। अजमेर में सिंधी समुदाय को एकजुट करने में भी वरीयानी परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हरीश वरीयानी के निधन पर राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गहरा शोक प्रकट किया है। देवनानी ने कहा कि सिंधी भाषा को मजबूत देने में हरीश वरीयानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वरीयानी के निधन को देवनानी ने व्यक्तिगत क्षति बताई। हरीश वरीयानी के निधन पर उनके पुत्र कमल वरीयानी को मोबाइल नंबर पर 9982000222 पर संवेदना प्रकट की जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (17-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अमेरिका ने भारत में मतदान को बढ़ाने वाली 182 करोड़ की फंडिंग बंद की। क्या यह राशि भाजपा के शासन में भी कांग्रेस को मिलाती रही?

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने भारत को दी जाने वाली 182 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता को बंद कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह राशि भारत में चुनाव के दौरान मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने पर खर्च हो रही थी। अमेरिका से इस सहायता के लिए अनुबंध 2012 में तब किया गया था, जब भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर एम.वाई. कुरैशी बैठे थे। अनुबंध अमेरिका के अरबपति कारोबारी जार्ज सोरेस से जुड़ी भारतीय संस्थाओं के साथ हुआ। ऐसी संस्थाएं कांग्रेस की समर्थक बताई जाती है। सवाल उठता है कांग्रेस समर्थित संस्थाओं ने चुनाव में कितना मतदान प्रतिशत बढ़ाया, इसका जवाब तो गांधी परिवार ही दे सकता है। लेकिन 2014 के बाद से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में सिर्फ तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार रह गई है। लोकसभा में भी 545 में से कांग्रेस के 100 सदस्य है। सवाल उठता है कि कांग्रेस समर्थित संस्थाओं को क्या भाजपा के शासन में भी अमेरिका से फंडिंग होती रही? ऐसी संस्थाए अमेरिका से आर्थिक सहायता प्राप्त कर रही है, इसकी जानकारी पहले क्यों नहीं हुई। अमेरिका द्वारा फंडिंग बंद किए जाने पर ही क्यों पता चला कि कांग्रेस समर्थित संस्थाएं चुनाव में धनराशि प्राप्त कर रही है? इस मामले में कांग्रेस को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि विदेशी फंडिंग से भारत में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है तो यह बहुत गंभीर बात है। लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में तो मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग और राज्य के निर्वाचन विभाग ही भूमिका निभाते है। भारत में तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर से ही मतदान की प्रक्रिया कराई जा रही है। यहां तक की विकलांग मतदाताओं को सरकारी संस्थानों से मतदान केंद्र तक लाने के इंतजाम किए जाते हैं। किसी भी मतदाता को दो किलोमीटर ज्यादा नहीं चलना पड़ता। मतदाता के घर के निकट ही मतदान केन्द्र निर्धारित किया जाता है। हाल ही के लोकसभा चुनाव में 64 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है। मतदान की इतनी सरल प्रक्रिया के बाद भी विदेशी फंडिंग से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने का काम हो रहा है तो यह गंभीर बात है। S.P.MITTAL BLOGGER (17-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

महाकुंभ में स्नान के बाद क्या सनातन धर्म को मजबूत करने का संकल्प लेंगे राहुल-प्रियंका।

कांग्रेस की ओर से घोषित कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहें और मौजूदा समय में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी राष्ट्रीय महासचिव 19 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ का स्नान करेंगें। प्रयागराज में जिस स्थान पर गंगा-यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है उसी स्थान पर राहुल-प्रियंका स्नान करेंगे। इसके लिए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की सरकार को सूचित कर दिया है। कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को जेड प्लस की श्रेणी से भी ज्यादा सुरक्षा मिली हुई है। राहुल-प्रियंका के महाकुंभ स्नान को कांग्रेस की ओर से बहुत प्रचारित किया जा रहा है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में इस समय 33 कोटि देवी-देवता प्रयागराज में उपस्थित है। महाकुंभ के 45 दिनों में जो भी सनातनी स्नान कर रहा है उसे पुष्य की प्राप्ति हो रही है। यही वजह है कि 26 फरवरी को समाप्त होने वाले महाकुंभ में 17 फरवरी तक 53 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर लिया। सवाल उठता है कि 19 फरवरी को जब राहुल-प्रियंका महाकुंभ का स्नान कर लेगें, तब राहुल सनातन धर्म को मजबूत करने का संकल्प भी लेगें ? यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि कांग्रेस का उस डीएमके के साथ गठबंधन है जिसकी सोच सनातन धर्म को नष्ट करने वाली है। तमिलनाडु भी सत्ता पर काबिज डीएमके के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उनके मंत्री पुत्र उदयनिधि स्टालिन ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। डीएमके के इस बयान के बाद भी कांग्रेस ने गठबंधन को जारी रखा है तथा गत लोकसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ा। अब जब राहुल-प्रियंका सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुरूप महाकुंभ में स्नान कर रहे है तब उन्हें यह भी बताना चाहिए कि सनातन धर्म के प्रति उनके क्या विचार है? S.P.MITTAL BLOGGER (17-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 16 February 2025

पुराने मुकदमों को प्राथमिकता से निपटाने से न्यायिक अधिकारियों का पारिवारिक जीवन प्रभावित। यह व्यवस्था लम्बे समय तक उचित नहीं-- जस्टिस उमाशंकर व्यास । - पत्नी, बेटी, दामाद और बेटा भी न्यायिक अधिकारी है।

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस उमाशंकर व्यास ने कहा है कि पुराने मुकदमों को शीघ्रता से निपटाने की वजह से न्यायिक अधिकारियों का पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है। 15 फरवरी को दौसा बार एसोसिएशन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह मे में न्यायिक अधिकारियों की पर्सनल लाइफ और वर्क लाइफ के बैलेंस के मुद्दे पर बोलते हुए जस्टिस व्यास ने कहा कि वह स्वयं अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारी रह चुके है इसलिए उन्हें न्यायिक अधिकारियों की समस्याओं का पता है। अब जब अधीनस्थ अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को पुराने मुकदमों को प्राथमिकता के साथ निपटाने के निर्देश दिए गए है तो न्यायिक अधिकारियों को अतिरिक्त समय तक काम करना पड़ रहा है। इसे उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित दो रहा है। उन्होनें माना कि इससे 5-10 प्रतिशत मुकदमों में कमी हो जाएगी, लेकिन यह व्यवस्था लम्बे समय तक उचित नहीं है। मुकदमों को जल्द निपाने की वजह से वकीलों पर भी दबाव पड़ रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सभी अधीनस्थ अदालतों में 10 वर्ष पुराने मुकदमों की सूची बनायी गई है और ऐसे मुकदमों पर प्रतिदिन सुनवाई कर निपटारा करने को कहा गया है। इन निदेर्शाे की वजह से ही न्यायिक अधिकारियों को शाम 5 बजे बाद भी अदालतों में बैठना पड़ रहा है। हर अदालत में ऐसे सौ मुकदमे चिंहित किए गए जिन्हें अदालती भाषा में टारगेटेड केस कहा जा रहा है। - परिवार के सदस्य न्यायिक अधिकारी:- यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जस्टिस उमाशंकर व्यास की पत्नी श्रीमति नंदिनी व्यास जयपुर मेट्रो प्रथम की जिला न्यायाधीश के पद पर कार्यरत है। जस्टिस व्यास की बेटी सोनल व्यास (मिश्रा) व दामाद पुरुषोत्तम मिश्रा भी वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी है। इसी प्रकार उनके पुत्र आदित्य व्यास का गत वर्ष ही राज्य न्यायिक सेवा में चयन हुआ है।

अचानक प्लेटफार्म बदलने की घोषणा से हुआ दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर 18 ऋद्धालुओं की मौत वाला हादसा। - रेल मंत्री वैष्णव बताए कि ट्रेन आने से कुछ समय पहले अचानक प्लेटफार्म को क्यों बदला जाता है ? - विपक्ष को फिर मिला महाकुंभ की व्यवस्थाओं की आलोचना करने का मौका।

15 फरवरी की रात को नई दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर जो भगदड़ मची उसमें 18 उन यात्रियों की मौत हो गई जो स्पेशल ट्रेन से प्रयागराज में महाकुंभ का स्नान करने जा रहे थे। महाकुंभ में भाग लेने वालों के लिए रेल प्रशासन ने नई दिल्ली रेल्वे स्टेशन से प्रयागराज तक के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। स्पेशल ट्रेन से प्रयागराज जाने के लिए ही हजारों श्रद्धालु रेल्वे स्टेशन पर एकत्रित थे। यात्रियों की बताया गया कि ट्रेन प्लेटफार्म नम्बर 12 से रवाना होगी, इसीलिए बड़ी संख्या में ऋद्वालु प्लेटफार्म 12 पर उपस्थित थे। लेकिन रेलवे की ओर से अचानक घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन 16 पर आएगी। अचानक हुई इस घोषणा के बाद प्लेटफार्म 12 पर खडे श्रद्धालु सीढियो से भागकर प्लेटफार्म नम्बर 16 पर पहुंचने लगे। चूंकि स्टेशन की ऑटोमैटिक सीढ़िया (एक्सिलेटर) खराब थी इसलिए श्रद्वालुओं को पूल से ही प्लेटफार्म बदलना पड़ा। श्रद्वालुओं के उतावलेपन के कारण ही भगदड़ मच गई। सवाल उठता है कि आखिर ऐन मौके पर प्लेटफार्म बदलने का निर्णय क्यों लिया गया? क्या रेल अधिकारियों ने इस बात का अध्ययन नहीं किया कि महाकुंभ की भीड़ के समय अचानक प्लेटफार्म बदलने की घोषणा का क्या असर होगा ? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को बताना चाहिए कि आखिर 15 फरवरी की रात को प्लेटफार्म नंबर क्यों बदला गया ? वैष्णव माने या नहीं, लेकिन अचानक प्लेटफार्म बदलने का रोग देशभर के रेलवे स्टेशनों पर है। रोजाना यात्रियों को इस परेशानी का सामना करना पडता है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब यात्री निर्धारित प्लेटफार्म पर खड़ा होकर ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा हो तब अचानक माइक से घोषणा की जाती है कि ट्रेन का प्लेट फार्म बदल दिया गया है। हजारों यात्री अपना सामान लेकर जब दूसरे प्लेटफार्म पर जाते है तो परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है। 15 फरवरी को जब प्रयागराज जाने के लिए हजारों श्रद्वालु नई दिल्ली के रेल्वे स्टेशन पर खड़े थे तब तो अचानक प्लेटफार्म बदलने की जरूरत नहीं थी। हो सकता है कि किन्हीं तकनीकी कारणों से 12 के बजाए 16 नम्बर पर स्पेशल ट्रेन को लाया गया हो, लेकिन यदि महाकुंभ के अवसर पर भी रेलवे स्टेशन पर कोई तकनीकी खामी उत्पन्न हुई तो इसकी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की ही है। खुद रेल मंत्री वैष्णव पिछले कई दिनों से बयान दे रहे है कि महाकुंभ के मद्देनजर रेल प्रशासन ने माकूल इंतजाम किए है। रेल मंत्री की इतनी सतर्कता और जागरूकता के बाद भी यदि देश की राजधानी दिल्ली के रेल्वे स्टेशन पर 18 श्रद्वालु की मौत वाला हादसा हो जाए तो यह रेल प्रशासन के लिए कलंक है। 15 फरवरी के हादसे में जाहिर है कि रेल प्रशासन ने महाकुंभ के मद्देनजर अच्छे और उचित इंतजाम नहीं किए। रेल्वे के उन अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जिन्होनें 15 फरवरी को दिल्ली रेल्वे स्टेशन पर उचित इंतजाम नहीं किए। इस मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए। - विपक्ष को मौका:- प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गत 25 फरवरी को हुई भगदड़ में 30 श्रृद्धालुओं की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि 15 फरवरी को दिल्ली में 18 श्रृद्धालुओं की मौत वाले हादसे ने विपक्ष को आलोचना करने का एक ओर मौका दे दिया है। स्वाभाविक है कि जब केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार की और से महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर पीठ थपथपाई जा रही हो तब 15 फरवरी वाला हादसा विपक्ष को आलोचना करने का अवसर देता है। 28 जनवरी को प्रयागराज में जो हादसा हुआ उसमें मुख्य कारण श्रद्धालुओं का आम रास्ते में सोजाना था, लेकिन दिल्ली वाला हादसा तो रेल प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से हुआ है। रेल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है।

Saturday, 15 February 2025

सचिन पायलट से ने तो कुंभ स्नान कर लिया। अब अशोक गहलोत कब करेंगे ?

राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली कितना भी शोर - गुल कर ले, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के नेता के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ही पहचान है। कहा जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति इन दोनों नेताओं के ईद गिर्द ही घूमती है। मीडिया में भी इन दोनों नेताओं के बयानों को ही प्राथमिकता दी जाती है। अशोक गहलोत ने अपने पिछले 5 वर्षों के मुख्यमंत्री काल में सचिन पायलट को राजनैतिक दृष्टि से कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पायलट की लोकप्रियता आज भी पूरे प्रदेश में बनी हुई है। यही वजह रही कि 13 फरवरी को जब सचिन पायलट ने प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान किया तो प्रदेश भर में यह सवाल उठा कि अब अशोक गहलोत महाकुंभ में कब जाएगें ? कांग्रेस की राजनीति में मौजूदा समय, में गहलोत के मुकाबले पायलट का दबदबा ज्यादा है। पायलट मौजूदा समय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी है। पायलट पर गांधी परिवार खासकर राहुल गांधी का भरोसा है। जबकि गहलोत पर गांधी परिवार का भरोसा समाप्त हो गया है। गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए गांधी परिवार के खिलाफ जो बगावत की उसे राहुल गांधी भुला नहीं पा रहे है। महाकुंभ में स्नान कर सचिन पायलट ने सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा प्रदर्शित की है, जब कि अशोक गहलोत तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुए महाकुंभ की व्यवस्थाओं की आलोचना कर रहे है। राजनीति को समझने वालों का मानना है कि पायलट के महाकुंभ के स्नान का सनातनियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। महाकुंभ के स्नान के बाद प्रदेश में सचिन पायलट की एक अलग ही छवि सामने आयी है।

महाकुंभ के 34 दिनों में 50 करोड़ ने स्नान किया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज। - हर दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा सफल रही। - देश की राजनीति में भी भाजपा को अपार सफलता। - देशवासियों को और क्या चाहिए ?

प्रयागराज में चल रहे 45 दिवसीय महाकुंभ में 15 फरवरी को 34 वां दिन रहा। इन 34 दिनों में सनातन धर्म में आस्था रखने वाले 50 करोड़ श्रद्वालुओं ने गंगा स्नान किया। दुनिया में ऐसा कोई पर्व नहीं रहा जिसमें 34 दिनों में 50 करोड़ लोग एकत्रित हुए हो, इसीलिए 15 फरवरी को महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दर्ज होगी। 13 जनवरी को मकर संक्रांति शुरू से हुए महाकुंभ का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। यानि अभी महाकुंभ के 11 दिन शेष है। माना जा रहा है कि शेष 11 दिनों में 10 करोड़ से भी ज्यादा सनातनी महाकुंभ में स्नान करेगें। जो सनातनी महाकुंभ में जाने में समर्थ है वह मौका नहीं चूक रहा है। यदि भारत में सनातनियों की संख्या 100 करोड़ आंकी जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या में श्रृद्धालु महाकभ का स्नान कर रहे है। शायद ही कोई घर-परिवार बचा रहेगा जिसके एक भी सदस्य ने महाकुंभ का स्नान न किया हो। सनातन धर्म को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले दलों के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस के नेता भी महाकुंभ का स्नान कर रहे है। सब जानते हैं कि प्रयागराज में करोड़ों ऋद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी सहयोग, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिला है। केन्द्र और राज्य सरकार के आपसी तालमेल की वजह से ही 60 करोड़ सनातनी महाकुंभ में स्नान कर पा रहे है। आज देश के हर घर में महाकुंभ की चर्चा हो रही है। अमेरिकी यात्रा सफल :- 14 फरवरी की देर रात को पीएम मोदी अमेरिका से भारत लौट आए। टीवी चैनलों पर देखा गया कि पीएम मोदी के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुर्सी को आगे-पीछे सरकाया ताकि भारत के प्रधानमंत्री को असुविधा न हो। इस एक दृश्य से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में भारत का कितना दबदबा है। खुद ट्रंप ने माना कि मौल-भाव करने में नरेन्द्र मोदी मुझसे ज्यादा होशियार है। ट्रंप के इस कथन से भी पता चलता है कि दोनों देशों के बीच कारोबार को लेकर जो समझौते हुए उसमें भारत का पलड़ा भारी रहा है। ट्रंप ने गत 20 जनवरी को ही राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया है। मात्र एक पखवाड़े में ही पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा दुनिया भर में बहुत मायने रखती है। एशिया उपमहाद्वीप में अमेरिका अब भारत को नेता मानता है। बांग्लादेश के मुद्दे पर ट्रंप ने साफ कहा कि नरेन्द्र मोदी जो फैसला करेंगे उस पर मेरी सहमति होगी। मालूम हो कि मुस्लिम देश बांग्लादेश में इन दिनों निर्वाचित सरकार नहीं है। बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। अब जब अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत के फैसले को स्वीकारा है तो इससे भी पीएम मोदी के दबदबे का अंदाजा लगाया जा सकता है। भाजपा को सफलता :- दिल्ली में जीत के बाद देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है। खुद नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने है। यानि अपनी पार्टी से लेकर देश को आगे बढ़ाने मे और मजबूत करने में नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस के नेता, उद्योग पति गौतम अडाणी को लेकर भले ही मोदी पर आरोप लगाए, लेकिन मोदी ने दर्शा दिया है कि देश में और देश के बाहर उन्होंनें बेहतर काम किया है। सवाल उठता है कि एक नेता से और क्या चाहिए ? आज भारत आर्थिक क्षेत्र में दुनिया की तीसरी शक्ति बनने जा रहा है। इसका फायदा आम देशवासियों को मिल रहा है। 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगना बताता है कि देशवासी आर्थिक दृष्टि से कितने समृद्ध हो रहे है।

Friday, 14 February 2025

अजमेर के फॉयसागर का नाम वरुण सागर रखने पर देश भर के सिंधी समुदाय में खुशी। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुलामी के प्रतीक चिन्हों को हटाने का अभियान चलाया।

अजमेर की अरावली पहाडिय़ों के नीचे बने फॉयसागर का नाम अब वरुण सागर कर दिया गया है। अजमेर उत्तर क्षेत्र के विधायक और राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया कि अंग्रेजों के शासन में इस झील का निर्माण अंग्रेज इंजीनियर फाई के द्वारा करवाया गया, इसलिए इसका नाम फॉयसागर हो गया। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम गुलामी के प्रतीक चिह्नों को सह रहे हैं, लेकिन अब देशवासी जागरुक हो गए है और गुलामी के प्रतीक चिन्हों को हटाया जा रहा है। देवनानी ने कहा कि सिंधी समुदाय के अराध्य देव झूलेलाल को भी वरुण देवता माना जाता हे। यही वजह है कि फॉयसागर का नाम वरुण सागर होने पर देश भर के सिंधी समुदायों में भी खुशी है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार कुछ दिन पूर्व शहर के बीच स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भी 113 वर्ष पुराना गुलामी का प्रतीक था। इसका नाम महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया। अजमेर महर्षि दयानंद की निर्माण स्थल रही है। महर्षि दयानंद की जयंती पर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह नाम की पट्टिका लगाई जाएगी। देवनानी ने कहा कि दयानंद जी ने जो काम किया उससे वैदिक संस्कृति को बढ़ावा मिला। उन्होंने ओम के झंडे को हमेशा उपर उठाया। मेरी विधान सभा की डायरी में भी दयानंद सरस्वती का चित्र लगाया गया है। उन्होंने बताया इससे पूर्व भी शहर में होटल खादिम का नाम परिवर्तन एवं तेलंगाना हाउस को निरस्त कर इस दिशा में कार्य किया गया। इसके उपरांत भी यदि कोई गुलामी का प्रतीक मिला तो उसका भी नाम परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एलिवेटेड रोड का नामकरण भी अभी शेष है। इसके लिए राम सेतु नाम का प्रस्ताव दिया गया है। एलिवेटेड रोड़ का रोशनी एवं साजो सज्जा से युक्त कर शहर का मुख्य आकर्षण बनाया जाएगा । इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने क्षेत्र में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अजमेर शहर में सड़क निर्माण वर्षा जल संचयन, सीवरेज सफाई और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया जा रहा है । वर्षा जल से सड़क की क्षति होने पर निर्माणकर्ता की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। वर्षा जल प्रबंधन एवं शहर में जलभराव से बचाव और जल संचयन को लेकर कार्ययोजना तैयार कर सीवरेज सफाई व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए पूरे वर्ष नालों के सफाई की व्यवस्था की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने जनता से अपील की कि वे सरकार के इन प्रयासों में सहयोग दें और स्वच्छ, हरित, आधुनिक, सुंदर एवं श्रेष्ठ अजमेर बनाने में योगदान करें। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन केवल नाम का नहीं, बल्कि विचारधारा का भी है, जो आने वाली पीढिय़ों को आत्मसम्मान और स्वाभिमान से जीने की प्रेरणा देगा। इस अवसर पर परोपकारिणी सभा ऋषि उद्यान के आचार्य सत्य निष्ठ ने मंत्रोच्चार कर अध्यक्ष का मालार्पण किया और कहा कि अजमेर अब वैदिक संस्कृति एवं सनातन की ओर अग्रसर है। गुलामी की लेश मात्र स्मृति भी शेष नहीं रही और यदि कहीं बाकी रही तो नामो निशान मिटा दिया जाएगा। रामस्वरूप आचार्य, महर्षि दयानंद निर्वाण न्यास कोषाध्यक्ष सुभाष नवाल, सोमरत्न आर्य, नवीन मिश्र, चिरंजीलाल, राकेश झवर, सत्येंद्र शास्त्री, पार्षद रमेश चेलानी, कुमार लालवानी, मनीष गवलानी सहित अन्य ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। इसी प्रकार महर्षि दयानंद स्मारक न्यास अजमेर, आर्य समाज आदर्श नगर, परोपकारिणी सभा अजमेर, महेश कल्याण समिति रामनगर, माहेश्वरी सेवा समिति कृष्णगंज, माहेश्वरी धड़ा चौधरियान, होलीदड़ा, गुर्जर समाज माकड़वाली, लघु उद्योग भारती अजमेर, औद्योगिक क्षेत्र गेगल, आनासागर सर्कुलर लिंक रोड विकास समिति सहित अनेक सामाजिक संस्थाओं ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का आभार व्यक्त किया। S.P.MITTAL BLOGGER (14-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जन्मदिन पर बधाई देने वालों का आभार

मेरे 64वें जन्मदिन पर 13 फरवरी को बधाई देने वालों में 95 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जीएस अग्रवाल भी शामिल रहे। अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में जितनी उम्र उनकी है, उस उम्र तक मैं नियमित ब्लॉक लिखता रहंू। मैं कब तक ब्लॉग लिखता रहूंगा यह तो ईश्वर ही जानता है, लेकिन मेरे लिए यह संतोष की बात है कि 95 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक भी ब्लॉग के पाठक हैं। मैं पाठकों को बताना चाहता हूं कि जीएस अग्रवाल देश के ज्वलंत मुद्दे पर गहरी सोच रखते हैं। समय समय पर मेरा मार्गदर्शन भी करते हैं। 95 वर्ष की उम्र में जी एस अग्रवाल कितने जिंदा दिल इंसान है, इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 7014416550 पर स्वयं जी एस अग्रवाल से ली जा सकती है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि जीएस अग्रवाल जैसे पाठकों का आशीर्वाद मुझ पर बना रहे। मेरे जन्मदिन पर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला, सोमरत्न आर्य, केकड़ी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मनोज आहूजा, पूर्व उपजिला प्रमुख टीकम चौधरी, सैनी युवा महासभा के अध्यक्ष हेमराज, पुष्कर नगर परिषद के अध्यक्ष रहे दीपू महर्षि, सामाजिक कार्यकर्ता पंडित दिनेश शर्मा, सलीम मोहम्मद, तेजपाल साहनी, राजेंद्र गांधी, अवनीश विल्सन, रामरतन बड़ानिया, लक्ष्मी नारायण सोनगरा, प्रमोद जैन, प्रताप यादव, सरदार करनैल सिंह आदि ने अपने फेसबुक पेज पर मेरा फोटो लगाकर पोस्ट डाली। इन सभी पोस्ट के माध्यम से हजारों शुभकामनाएं मुझे प्राप्त हुई। इसके साथ ही फोन पर भी राजनेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही राशि एंटरटेनमेंट के कोसिनोक जैन ने भी विशेष तौर पर शुभकामनाएं प्रकट की। मेरे प्रति शुभकामनाएं प्रकट करने वालों का मैं हृदय से आभारी हंू। S.P.MITTAL BLOGGER (13-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जेपीसी रिपोर्ट के पेश होने पर ही इतना हंगामा तो बिल के स्वीकृत होने पर हुड़दंग का अंदाजा लगाया जा सकता है। संसद में विपक्ष का कृत्य देश को खंडित और कमजोर करने वाला है-जेपी नड्डा। वक्फ एक्ट में संशोधन की रिपोर्ट पर विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है। तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के समय भी ऐसा ही किया गया- जगदंबिका पाल।

13 फरवरी को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट प्रस्तुत करने के समय कांग्रेस और अन्य विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। सवाल उठता है कि जब यह बिल बहुमत के आधार पर स्वीकृत होगा। तब संसद में कितना हुड़दंग मचाया जाएगा? राज्यसभा में हुए हंगामे पर सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का कृत्य देश को खंडित और कमजोर करने वाला है। वहीं लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जेपीसी में विपक्ष के सांसदों ने जो भी नोट (दस्तावेज) प्रस्तुत किए है उन सब को रिपोर्ट में शामिल करने पर भाजपा को कोई ऐतराज नहीं है। वहीं जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष बेवजह देश को गुमराह कर रहा है। उन्होंने बताया कि 421 पन्नों की रिपोर्ट के साथ 281 पन्ने विपक्ष के डिसेंट नोट के हैं। इसके साथ ही 2775 पन्नों में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बयान दर्ज है। इनमें मुस्लिम संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। मेरा प्रयास रहा कि विस्तृत अध्ययन और पारदर्शिता के साथ रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संविधान के नियमों के तहत निर्णय होता है। जब किसी मुद्दे पर आम सहमति नहीं होती तो फिर मतदान के जरिए फैसला किया जाता है। हमारी रिपोर्ट मं ीाी बहुमत के आधार पर जो निर्णय हुआ उसे शामिल किया गया है। जगदंबिका पाल का कहना रहा कि मौजूदा वक्फ एक्ट में संशोधन का लाभ देश के आम मुसलमानों को ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब संसद में तीन तलाक कानून का सबसे ज्यादा फायदा मुस्लिम महिलाओं को ही मिल रहा है। इस कानून की वजह से ही मुस्लिम महिलाएं देश के संविधान के मुताबिक न्याय प्राप्त कर रही है। इसी प्रकार अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू कश्मीर के आम मुसलमानों को अपने अधिकार मिले हैं। रेलवे और रक्षा विभाग के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे ज्यादा जमीन: देश में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे ज्यादा भूमि और संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मुसलमानों से उनकी संपत्तियां छीनने के लिए वक्फ एक्ट में संशोधन दिया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि किसी भी वक्फ बोर्ड से जमीन और संपत्ति नहीं छीनी जाएगी। संशोधन के बाद मुसलमानों को ही जमीन और संपत्तियों का लाभ मिलेगा। अभी कुछ संस्थाओं और प्रभावशाली मुसलमानों ने वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है। कई बार वक्फ की संपत्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगा है। उत्तर प्रदेश में तो मंत्री रहते हुए आजम खान ने वक्फ की जमीन पर ही अपना निजी कॉलेज बना लिया, लेकिन नया कानून बन जाने पर वक्फ की संपत्तियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा और वक्फ बोर्ड की कमेटियों में दो मुस्लिम महिला सदस्य भी होंगी। इतना ही नहीं वक्फ की भूमि पर मुसलमानों के लिए ही अस्पताल, स्कूल, खेल के मैदान आदि बनाए जाएंगे। संपत्तियों से जो आय होगी उसे भी गरीब मुसलमानों के लिए खर्च किया जाएगा। अभी जिन संस्थाओं ने वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है उसे भी कब्जे से मुक्त करवाया जाएगा। S.P.MITTAL BLOGGER (14-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 13 February 2025

अजमेर रेंज के पीड़ित लोग डीआईजी के मोबाइल नंबर 8764853020 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। डीआईजी ओम प्रकाश ने 15 हजार लोगों से सीधा संवाद किया।

12 फरवरी को अजमेर रेंज के डीआईजी ओम प्रकाश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेंज के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों और आम लोगों से संवाद किया। डीआईजी ओम प्रकाश चाहते हैं कि पीड़ित व्यक्ति स्वतंत्रता के साथ अपनी शिकायत दर्ज करवाए। इसलिए उन्होंने मोबाइल नंबर 8764853020 जारी किया है। इस नंबर पर अजमेर रेंज का कोई भी पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत वाट्सएप के जरिए भी दर्ज करवा सकता है। इस नंबर पर जो भी शिकायत मिलेगी उस का गंभीरता के साथ समाधान किया जाएगा। 12 फरवरी की पीसी में रेंज में आने वाले अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, ब्यावर, डीडवाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। डीआईजी ओम प्रकाश ने कहा कि अधिकारियों को जनसहयोग से अपराधों पर नियंत्रण करना चाहिए। कई बार अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं लोगों के माध्यम से मिल जाती है, लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा, जब पुलिस अधिकारी समाज के जागरूक लोगों के साथ संवाद रखेंगे। उन्होंने माना कि साइबर क्राइम की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने मोबाइल पर लेनदेन करते हैं, उन्हें साइबर क्राइम के प्रति ज्यादा जागरूक रहने की जरूरत है। आमतौर पर देखा गया है कि लापरवाही और अज्ञानता का फायदा उठाकर ही साइबर ठगी की जाती है। हालांकि अब साइबर ठगों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया है, लेकिन फिर भी लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। पुलिस भी अपनी ओर से लोगों को जागरूक करने का काम समय समय पर करती है। साइबर ठगी की शिकायत मिलने पर पुलिस तत्काल कार्यवाही करती है। कई लोगों की राशि वापस भी आई है। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी बैंकों की भी है। बैंकों को भी अपने ग्राहकों को साइबर अपराध से बचने की जानकारी देनी चाहिए। यहां उल्लेखनीय है कि अजमेर रेंज में अपराधों को रोकने और पीड़ितों को राहत दिलवाने में डीआईजी ओम प्रकाश नवाचार कर रहे है। इसके लिए वह कम्प्यूटर तकनीक का भी उपयोग कर रहे है। इसके अंतर्गत रेंज के पीड़ितों से वे माह में एक बार सीधा संवाद करते हैं। कोई भी पीड़ित निकटतम पुलिस स्टेशन पर जाकर डीआईजी से बात कर सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (13-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा और यूक्रेन पर दो टूक। यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल होने की जरुरत नहीं। गाजा पर अमेरिका का कब्जा रहेगा।

वर्ष 2024 में जिन दो मुद्दों को लेकर दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका हुई, उन दोनों मुद्दों पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो टूक बात कही है। भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि ट्रंप की दो टूक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका में पहुंचने से पहले सामने आई है। तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी 13 फरवरी को ट्रंप से मुलाकात करेंगे, लेकिन इसे पहले ही ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ (नाटो) में शामिल होने की जरुरत नहीं है। इसके साथ ही ट्रंप ने कोई डेढ़ घंटे तक फोन पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात की। इससे पहले ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बात की। मालूम हो कि रूस ने यूक्रेन पर हमला इसलिए किया कि यूक्रेन यूरोपीय संघ में शामिल हुआ था। यूक्रेन ने अब तक जो लड़ाई लड़ी उसके पीछे अमेरिका की सैन्य ताकत ही था, लेकिन अब जब ट्रंप ने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने को खारिज कर दिया, तब उम्मीद की जानी चाहिए कि रूस यूक्रेन युद्ध भी समाप्त हो जाएगा। यूक्रेन अकेले दम पर रूस से मुकाबला नहीं कर सकता है। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने को खारिज करने के पीछे ट्रंप की कूटनीति भी है। ट्रंप को पता है कि आर्थिक मुद्दों पर रूस का झुकाव चीन की ओर है और ट्रंप चीन को अमेरिका का दुश्मन नंबर वन मानते हैं। यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका अब रूस के साथ खड़ा है। ऐसे में आर्थिक मुद्दों पर अब रूस का झुकाव अमेरिका के प्रति हो सकता है। ट्रंप ने यूक्रेन पर ही अपनी स्पष्टता नहीं दिखाई, बल्कि इजरायल और मुस्लिम कट्टरपंथियों के बीच चल रहे संघर्ष में भी दो टूक बात कही है। जिस गाजा को कट्टरपंथी संगठन हमास ने अपने अधिकार में लेकर इजरायल पर हमला किया। उस गाजा पट्टी पर अब ट्रंप ने अमेरिका का हक जता दिया है। इजरायल की भी मांग है कि गाजा पट्टी पर फिर से हमास जैसे संगठन का कब्जा न हो। ट्रंप ने कह दिया है कि गाजा को पर्यटन स्थल बनाकर विकसित किया जाएगा और यह काम अमेरिका खुद करेगा। ट्रंप के इस फैसले से इजरायल बेहद खुश है। कहा जा सकता है कि ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के मात्र बीस दिनों में दुनिया के दो बड़े मुद्दों को समाप्त कर दिया है। स्वाभाविक है कि जब ट्रंप की मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री मोदी से होगी, तब इन दोनों मुद्दों पर भी चर्चा होगी। विश्वव्यापी इन दिनों मुद्दों का असर भारत में भी पड़ रहा था। S.P.MITTAL BLOGGER (13-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

देवनानी को उम्मीद है कि 19 फरवरी को बजट से पहले विधानसभा में गतिरोध खत्म हो जाएगा। अब किरोड़ी मीणा भी फोन टैपिंग के आरोप से मुकर गए हैं।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को उम्मीद है कि 19 फरवरी को जब विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया जाएगा, उससे पहले विपक्ष के साथ चल रहा गतिरोध खत्म हो जाएगा। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग वाले बयान के बाद सदन में कांग्रेस के विधायक हमलावर है। हाल ही में जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संबोधन दिया, तब कांग्रेस के विधायक लगातार शोरगुल करते रहे। देवनानी का प्रयास है कि 19 फरवरी को जब वित्त मंत्री दीया कुमारी बजट पढ़े, तब सदन में शांति रहे। 12 फरवरी को देवनानी ने बताया कि सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए वे प्रयास कर रहे है। इसके लिए कांग्रेस के नेता उनके संपर्क में हे। देवनानी ने यह तो नहीं बताया कि प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली से क्या बात हुई, लेकिन उम्मीद जताई कि 19 फरवरी से पहले पहले कांग्रेस के विधायकों के साथ संवाद हो जाएगा। देवनानी ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता जूली हमेशा कहते हैं कि सदन शांतिपूर्ण तरीके से चलना चाहिए। उम्मीद है कि विपक्ष सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने में सहयोग करेगा। अध्यक्ष के नाते वे कांग्रेस के विधायकों का भी सम्मान करते हैं। सदन में उनके लिए सभी विधायक समान है। वे कांग्रेस के विधायकों को भी अपनी बात रखने का पूरा अवसर देते हैं। किरोड़ी भी मुकरे: कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के जिस फोन टैपिंग वाले बयान को लेकर विपक्ष का सत्ता पक्ष के साथ जो टकराव हुआ, उसमें अब किरोड़ी मीणा भी अपने बयान से पलट गए है। देखा जाए तो अब विपक्ष के पास फोन टैपिंग वाला मुद्दा नहीं रहा है। सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी मंत्री विधायक का फोन टैप नहीं करवाया जा रहा। मालुम हो कि चालू सत्र में 7 फरवरी को सीएम शर्मा का संबोधन हुआ था। इसके बाद से ही विधानसभा स्थगित है और अब 19 फरवरी को बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होगा। S.P.MITTAL BLOGGER (13-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Wednesday, 12 February 2025

दिल्ली में केजरीवाल को हराने का फायदा कांग्रेस को नहीं। ममता बनर्जी ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेरा। अगले वर्ष विधानसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेगी। केजरीवाल के पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की बात आगे बढ़ी।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि इसका असर अन्य क्षेत्रीय दलों पर पड़ेगा। क्षेत्रीय दल विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस के साथ सम्मान जनक समझौता करेंगे। दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम बताते हैं कि भाजपा को आम से मात्र दो प्रतिशत वोट ज्यादा मिले, वहीं कांग्रेस ने 6 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। ऐसे में यदि आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते तो दिल्ली में भाजपा की जीत संभव नहीं थी। लेकिन 11 फरवरी को पश्मिच बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ममता ने कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। टीएमसी अकेले ही विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है। टीएमसी अकेले दम पर ही चुनाव जीतने की स्थिति में है। कांग्रेस को एक सिरे से नकारने की बात ममता ने इसलिए की गत बार 2021 के चुनाव में 292 सीटों में से टीएमसी ने 213 सीटें हासिल की। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। ममता को लगता है कि बंगाल में कांग्रेस के साथ समझौता करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। ममता बंगाल में भाजपा को ही अपना प्रतिद्वंदी मानती है। भाजपा के 77 विधायक है। ममता बनर्जी के ताजा बयान से कांग्रेस के नेताओं को तगड़ा झटका लगा है। बात आगे बढ़ी: आम आदमी पार्टी शासित पंजाब के विधायकों की एक बैठक 11 फरवरी को दिल्ली में कपूरथला हाउस में हुई। इस बैठक में आप के 93 में से 90 विधायक उपस्थित थे। मात्र तीस मिनट चली इस बैठक में यह बताने का प्रयास किया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सभी विधायक एकजुट है। हर वक्त मीडिया के सामने आने वाले केजरीवाल ने बैठक के बाद मीडिया से कोई बात नहीं की। केजरीवाल की जगह मुख्यमंत्री भगवत मान ने कहा कि दिल्ली में हार के बाद पंजाब में सब कुछ सामान्य है। मान ने कांग्रेस के उन दावों को झूठा बताया है जिनमें कहा जा रहा है कि आप के 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। जानकार सूत्रों के अनुसार बैठक में केजरीवाल ने भगवत मान को इस बात का अहसास करवाया कि पार्टी के अधिकांश विधायक उनका (केजरीवाल) का नेतृत्व स्वीकार करते है। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता अमन वर्मा ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि पंजाब में कोई सिख नेता ही मुख्यमंत्री हो। अमन वर्मा का बयान ऐसे समय में आया है, जब केजरीवाल के पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की चर्चा हो रही है। सूत्रों के अनुसार 11 फरवरी की बैठक का उद्देश्य पार्टी के विधायकों की इच्छा को जानना था। केजरीवाल को इस बात का संतोष रहा कि अधिकांश विधायकों ने उनकी नेतृत्व में आस्था प्रकट की। कांग्रेस के नेताओं का भी कहना है कि केजरीवाल स्वयं पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

अब पूर्व मंत्री खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन सिंह पर जयपुर पुलिस की छवि खराब करने का आरोप लगा। विवादित यू-ट्यूबर एल्विस यादव के साथ वीडियो। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

हरियाणा के विवादित यूट्यूटर एल्विस यादव के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पुत्र कृष्ण वर्धन सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जयपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस वीडियो में कृष्णवर्धन सिंह कार चला रहा है और एल्विस यादव दावा कर रहा है कि जयपुर में उसे 13 पुलिस थानों की एस्कॉर्ट मिली हुई है। वीडियो में पुलिस की एक जीप को साथ चलते हुए भी दिखाया गया है। जयपुर पुलिस के कमिश्नर बीजू जॉर्ज और एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने कहा कि यह वीडियो पुलिस की छवि खराब करने वाला है। उन्होंने जांच कर पता लगाया है कि जयपुर में एल्विश यादव को किसी भी प्रकार से सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। पुलिस अब यह पता कर रही है कि यह वीडियो कब बनाया गया। पुलिस ने कृष्णवर्धन सिंह के कार चलाने की पुष्टि की है। पुलिस के लिए गंभीर बात यह है कि यह वीडियो खुद एल्विश यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है। मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब 10 फरवरी को ही पूर्व मंत्री खाचरियावास ने एक्स अकाउंट पर एल्विस यादव के साथ फोटो पोस्ट किया। इस फोटो से जाहिर है कि खाचरियावास के परिवार के साथ एल्विस यादव के दोस्ताना संबंध है। बीजू जॉर्ज और कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने स्पष्ट कहा है कि जयपुर पुलिस की छवि खराब करने का कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुकदमा दर्ज होने के बाद खाचरियावास के परिवार में खलबली मच गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूट्यूबर एल्विस यादव हमेशा विवादों में रहे है। हरियाणा में भी एल्विश यादव के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमें दर्ज है, इनमें नशीली दवाओं के उपयोग का भी आरोप है। खुद एल्विश ने भी ऐसे वीडियो पोस्ट किए है जिनमें वह लड़कियों के साथ अश्लील डांस कर रहे है। आरोप है कि एल्विस पार्टियों में नशीली दवाओं का सेवन युवाओं को करवाते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

हजारों बाइकर्स करवा रहे महाकुंभ में गंगा स्नान। अखिलेश यादव के दुष्प्रचार के बाद भी चार करोड़ सनातनियों ने महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान किया।

12 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ में चार करोड़ सनातनियों ने माघ पूर्णिमा का स्नान किया। इतने सनातनी तब एकत्रित हुए जब समाजवादी के प्रमुख अखिलेश यादव महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार दुष्प्रचार कर रहे हैं। अखिलेश का कहना है कि प्रयागराज में व्यवस्थाएं नहीं होने की वजह से श्रद्धालु स्नान किए बगैर ही लौट रहे हैं। जाम की वजह से लाखों लोग प्रयागराज के आसपास ही वाहनों में फंसे हुए हैं। महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी हो रही है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रचार प्रसार कर करोडों लोगों को महाकुंभ में बुला तो लिया, लेकिन ठहरने और स्नान करने की उचित व्यवस्था नहीं की। इससे महाकुंभ में आने वाले सनातनी गुस्से में है, लेकिन माघ पूर्णिमा पर चार करोड़ सनातनियों की उपस्थिति बताती है कि अखिलेश यादव के दुष्प्रचार का कोई असर नहीं हुआ है। मालूम हो कि महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा। जैसे जैसे समापन की तिथि निकट आ रही है, वैसे वैसे प्रयागराज में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। एक साथ करोड़ों श्रद्धालुओं के आने से प्रयागराज के आसपास के मार्गों पर मोटर वाहनों के जाम की स्थिति है, लेकिन हर सनातनी थोड़ी कठिनाई सहन करते हुए महाकुंभ में गंगा स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर रहा है। बाइकर्स का सहयोग: अजमेर से एक समूह के साथ गए रामनगर निवासी और राशन की दुकान संचालित करने वाले अशोक विजयवर्गीय ने बताया कि दस फरवरी को उनकी बस भी प्रयागराज से तीस किलोमीटर पहले जाम में फंस गई। चूंकि बस को तीस किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया, इसलिए उन्हें प्रयागराज के गंगा घाट तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा, लेकिन तभी एक बाइकर आया और उसने एक हजार रुपए की मांग करते हुए गंगा स्नान करवाने का वादा किया। विजयवर्गीय ने बताया कि वह और उनकी पत्नी मोटर साइकिल पर बैठे और गंगा घाट तक पहुंच गए। महाकुंभ में ऐसे हजारों बाइकर्स सक्रिय है जो जाम में फंसे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करवा रहे है। जो श्रद्धालु पैदल चलने में समर्थ है वह पैदल चल कर घाटों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन श्रद्धालु पैदल चलने में असमर्थ है वह बाइकर्स की मदद से महाकुंभ का स्नान कर रहे है। विजयवर्गीय ने बताया कि स्नान के बाद वापस एक हजार रुपए देकर मोटर साइकिल पर ही बस तक पहुंचे। लेकिन महाकुंभ के लिए दो हजार रुपया खर्च होने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है। जितनी दूर हमने मोटर साइकिल पर सफर किया उसके अनुसार दो हजार रुपए की राशि ज्यादा नहीं है। इतनी भीड़ में मोटर साइकिल को चलाना भी कठिन कार्य है। विजयवर्गीय का मानना रहा कि महाकुंभ की वजह से प्रयागराज क्षेत्र के युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। बाइकर्स द्वारा ली जा रही राशि को विजयवर्गीय किसी प्रकार की लूट नहीं मानते है। उनका मानना है कि इन बाइकर्स की वजह से ही मेरे जैसे श्रद्धालु महाकुंभ का स्नान कर पा रहे है। मोबाइल नंबर 9214865683 पर संस्मरण जाने जा सकते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

राष्ट्रसंत स्वामी गोविंद गिरी जी के पुष्कर में 24 से 26 फरवरी तक प्रवचन होंगे। वेद विद्यापीठ परिसर में महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान।

प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी पुष्कर स्थित ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ में महाशिवरात्रि के पर्व पर तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान 24 से 26 फरवरी तक होगा। विद्यापीठ न्यास के ट्रस्टी चार्टर्ड अकाउंटेंट अशोक कालानी ने बताया कि अनुष्ठान के तीनों दिन दोपहर साढ़े तीन बजे से सायं छह बजे तक राष्ट्रसंत और श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी महाराज के प्रवचन होंगे। उन्होंने बताया कि विद्यापीठ परिसर में ही शिव मंदिर बना हुआ है और मंदिर में ही तीनों दिन प्रात: रुद्राभिषेक होगा। इसी प्रकार सायं साढ़े छह बजे प्रतिदिन महाआरती होगी। 24 फरवरी को होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में जोधपुर के मनोहर लाल उगालिया, 25 फरवरी को रमेश मालानी तथा 26 फरवरी के अनुष्ठान में दिल्ली के संजीव गुप्ता मुख्य यज्ञमान होंगे। तीनों दिन समारोह में विद्यापीठ न्यास के संरक्षक पद्मश्री रामेश्वर लाल काबरा तथा न्यासी आनंद राठी, रामअवतार जाजू, संदीप झंवर, अनूप अग्रवाल, विनीत सराफ, भंवरलाल सोनी, त्रिभुवन काबरा, अशोक सोनी, मनोज लढ्ढा कैलाश बियानी, गोविंद माहेश्वरी, नवनीत सोमानी, अजीत अग्रवाल, ज्योति माहेश्वरी, रामरतन भूतड़ा आदि भी उपस्थित रहेंगे। इस भव्य धार्मिक आयोजन की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829010151 पर अशोक कालानी से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Monday, 10 February 2025

किरोड़ी मीणा और उनके पीछे खड़े भाजपा नेता अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कमजोर न समझे। जब भाई को उपचुनाव नहीं जितवा सके, तब किस बात की दादागिरी?

सिर के ऊपर से पानी गुजर जाने के बाद आखिरकार भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता के आरोप का नोटिस दे ही दिया है। प्रदेश में एक वर्ष पहले भाजपा की सरकार बनाने के बाद से ही किरोड़ी मीणा पार्टी का अनुशासन तोड़ रहे थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शमा्र ने अपनी ओर से बहुत प्रयास किए कि किरोड़ी मीणा लाइन पर आ जाए। लेकिन मीणा जब अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आए तो 10 फरवरी को राष्ट्रीय नेतृत्व से विमर्श करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मीणा को नोटिस जारी कर दिया। भाजपा के सिर पर से पानी तब गुजरा जब किरोड़ी ने आरोप लगाया कि सरकार उनका फोन टैप करवा रही है। इस बयान के बाद ही कांग्रेस विधानसभा में हंगामा कर रही है। राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भी कांग्रेस ने हंगामा किया। अब जब 19 फरवरी को बजट पेश होना है, तब भी कांग्रेस के विधायक किरोड़ी के बयान को लेकर शोरगुल करेंगे। भाजपा का नेतृत्व किरोड़ी विवाद को 19 फरवरी से पहले पहले खत्म करना चाहता है, इसलिए 10 फरवरी को जारी नोटिस में जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। यदि किरोड़ी फोन टैपिंग वाले बयान पर कायम रहते हैं तो किरोड़ी को भाजपा से बाहर कर दिया जाएगा। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व अब किरोड़ी के प्रति नरम रुख नहीं अपनाएगा। पार्टी ने किरोड़ी को पूरा एक वर्ष दिया, लेकिन किरोड़ी लगातार पार्टी के अनुशासन को तोड़ते रहे। किरोड़ी के पीछे भाजपा के जो नेता खड़े हैं, उन्हें भी यह समझना चाहिए कि भजनलाल शर्मा कमजोर मुख्यमंत्री नहीं है। शर्मा भले ही पहली बार विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने हो, लेकिन पिछले एक वर्ष में शर्मा ने भी राजनीति के सभी तौर-तरीके समझ लिए है। शर्मा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का पूरा संरक्षण है। शर्मा ने राष्ट्रीय नेतृत्व को उन भाजपा नेताओं के नाम बता दिए है जो किरोड़ी को उकसा रहे हैं। किस बात की दादागिरी?: हाल ही के उपचुनाव में मुख्यमंत्री शर्मा की सिफारिश पर किरोड़ी के भाई को दौसा से उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन किरोड़ी अपने भाई को भी चुनाव नहीं जितवा सके। सवाल उठता है कि जब किरोड़ी अपने भाई को चुनाव नहीं जितवा सके तो अब किस बात की दादागिरी दिखा रहे है? जहां तक भाजपा का सवाल है तो प्रदेश में सरकार बनने पर किरोड़ी कृषि और आपदा राहत विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कुछ लोगों का कहना है कि किरोड़ी को उनके राजनीतिक कद के अनुरूप गृह और वित्त जैसा विभाग नहीं दिया गया। जबकि ऐसे समर्थकों को समझना चाहिए कि वसुंधरा राजे जैसी ताकतवर नेता के दावे को दरकिनार कर भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया। 6 बार के विधायक कालीचरण सराफ और पांच बार की विधायक श्रीमती अनिता भदेल के बजाए किरोड़ी मीणा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ऐसे में किरोड़ी को पार्टी के अनुशासन में रहकर काम करना चाहिए था, लेकिन किरोड़ी ने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा देकर पार्टी की फजीहत करवाई, बल्कि फोन टैपिंग वाला बयान देकर कांग्रेस को हमला करने का अवसर दे दिया। S.P.MITTAL BLOGGER (11-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

पंजाब में बगावत को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल बन सकते हैं मुख्यमंत्री। 18 विधायकों वाली कांग्रेस भी सरकार बनाने की फिराक में।

पंजाब में कुल विधायकों की संख्या 117 है, इनमें से 92 विधायक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के है। वर्ष 2022 में केजरीवाल ने ही भगवत मान को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन केजरीवाल की पार्टी की बुरी हार का असर अब पंजाब में भी देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि आपके के 40 विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। रंधावा के इस दावे के बाद आप के विधायकों में और खलबली मच गई है। पंजाब में कांग्रेस के 18 विधायक है। हालंकि 18 विधायकों वाली पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि जिस प्रकार महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने बगावत की उसी प्रकार पंजाब में भी बगावत होगी। तब कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर मिल जाएगा। महाराष्ट्र की तरह किसी बगावती विधायक को ही कांग्रेस मुख्यमंत्री बनवाएगी। कांग्रेस की चाल को देखते हुए 11 फरवरी को केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवत मान भी उपस्थित हुए। फिलहाल तो केजरीवाल अपनी पार्टी के विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास कर रहे है, लेकिन यदि पार्टी में बगावत की आशंकाओं को और बल मिलता है तो विधायकों को एकजुट रखने के लिए स्वयं भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पंजाब में भले ही भगवत मान मुख्यमंत्री हो, लेकिन सरकार पर पकड़ केजरीवाल की ही है। 92 में से अधिकांश विधायक केजरीवाल के समर्थक हे। केजरीवाल इसलिए भी पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं कि दिल्ली में हार के बाद उनके सामने राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो गई है। केजरीवाल का मानना है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके विरुद्ध बड़ी कार्यवाही होगी। ऐसी कार्यवाही से बचने के लिए केजरीवाल के पास पंजाब के मुख्यमंत्री पद का सुरक्षा कवच होगा। यदि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनते हैं तो फिर कांग्रेस के लिए आप विधायकों में तोडफ़ोड़ करना मुश्किल होगा। केजरीवाल ने दिल्ली में भी अपने सभी 62 विधायकों को एकुजट रखा। जानकारों की माने तो केजरीवाल भी पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के लिए लालयित है। असल में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास सीमित अधिकार थे, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री के अधीन पुलिस भी आती है और आईएएस, आईपीएस जैसे बड़े अधिकारियों के तबादले का अधिकार भी मुख्यमंत्री के पास होता है। चूंकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए मुख्यमंत्री से ज्यादा अधिकार उपराज्यपाल के पास होते हैं। केजरीवाल फुल पावर वाला मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक है। जहां तक भाजपा का सवाल है तो पंजाब में भाजपा के मात्र 2 और अकाली दल शिरोमणि के तीन विधायक है, लेकिन नए मुख्यमंत्री को बनाने में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। S.P.MITTAL BLOGGER (11-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

कोई भी सनातनी महाकुंभ में स्नान से वंचित नहीं रहना चाहता, इसलिए प्रयागराज में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़। प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों पर चार लाख वाहन फंसे। रेलवे स्टेशन बंद। महाकुंभ स्नान के अब 16 दिन शेष है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान के साथ 10 लाख साधु संतों का कल्पवास प्रवास पूरा होगा।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 45 दिवसीय महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व से हुई थी। समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा। यानी 10 फरवरी के बाद महाकुंभ स्नान के 16 दिन शेष हैं। यही वजह है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ हो गई है। कोई भी सनातनी महाकुंभ में स्नान से वंचित नहीं रहना चाहता है। 10 फरवरी को प्रयागराज आने वाले मार्गों पर करीब चार लाख मोटर वाहन फंसे हुए हैं। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि प्रयागराज में पैर रखने की जगह नहीं है तथा पचास किलोमीटर से भी ज्यादा के मार्गों पर मोटर वाहन जाम में खड़े हैं। श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ में ही देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी 10 फरवरी को अति विशिष्ट व्यवस्था में महाकुंभ का स्नान किया। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ साथ महाकुंभ का स्नान कर रहे हैं। 8 फरवरी को भजनलाल शर्मा (राजस्थान), मोहन यादव (मध्यप्रदेश) ने स्नान किया तो 10 फरवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवार के साथ डुबकी लगाई। वीआईपी श्रद्धालुओं के कारण भी आम श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार बार कह रहे है कि प्रयागराज में श्रद्धालुओं के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रयागराज में जाम के हालात देखने को मिल रहे है। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि जनवरी को हुई भगदड़ की तरह कोई हादसा न हो। लेकिन श्रद्धालुओं की आवक बताती है कि ट्रैफिक मैनेजमेंट और श्रद्धालुओं का आवागमन सही नहीं हुआ तो विपरीत हालात उत्पन्न हो सकते हैं। प्रयागराज में अब कोई पर्व मायने नहीं रखता। जब समापन में मात्र 16 दिन बचे है, तब सनातनियों के लिए हर दिन पर्व हो रहा है। चूंकि हवाई जहाज और ट्रेनों में जगह नहीं है, इसलिए सभी लोग मोटर वाहनों से ही प्रयागराज पहुंच रहे है। भाजपा का कोई शहर ऐसा नहीं है, जहां के मोटर वाहन प्रयागराज में न हो। बड़े शहरों में तो किराए पर मोटर वाहन ही नहीं मिल रहे। भारत में सनातनियों की संख्या 100 करोड़ आंकी जा रही है। अब तक करीब 45 करोड़ सनातनी महाकुंभ में डुबकी लगा चुके हैं। शेष 55 करोड़ सनातनियों में से यदि आधे सनातनी भी प्रयागराज आते हैं तो शेष 16 दिनों में महाकुंभ की भीड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में कम से कम वरिष्ठ नागरिकों को तो महाकुंभ में आने पर विचार करना चाहिए। भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को 30 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। 12 फरवरी को होगा कल्पवास का समापन: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में कल्पवास माह का विशेष धार्मिक महत्व है। इस कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी से मकर संक्रांति के दिन से हुई थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्पवास माह का समापन 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के स्नान के साथ होगा। जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में करीब दस लाख साधु संत अपने अपने अखाड़े में कल्पवास कर रहे हैं। चूंकि कल्पवास 12 फरवरी को पूरा हो जाएगा इसलिए 13 फरवरी से इन दस लाख साधु संतों की रवानगी भी प्रयागराज से शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि अखाड़ों के शिविरों तक करीब दो लाख वाहन प्रयागराज में आएंगे ताकि साधु संतों को सम्मान पूर्वक ले जाया जाए। मेला क्षेत्र में दो लाख वाहनों का आना भी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

2029 में लोकसभा और 2030 में विधानसभा में फिर से जीत दिला सके, वही दिल्ली का मुख्यमंत्री बनेगा। मोदी और शाह को पता है कि केजरीवाल से मात्र 2 प्रतिशत वोट ही ज्यादा मिले है। कांग्रेस और अन्यों को 10 प्रतिशत वोट मिले, इसलिए दिल्ली में भाजपा की जीत हो पाई।

पूरे देश में भाजा को मजबूती दिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली विधानसभा चुनाव की इस हकीकत को जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी से भाजपा को मात्र दो प्रतिशत वोट ज्यादा मिले है। भाजपा को 45.56 प्रतिशत तथा केजरीवाल को 43.57 प्रतिशत वोट मिले। मात्र दो प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलने पर ही भाजपा को 70 में से 48 और केजरीवाल को 22 सीटें मिली। यह भी हकीकत है कि कांग्रेस पार्टी ने 6.34 और एआईएमआईएम जैसी पार्टियों ने निर्दलीयों के साथ 4.53 प्रतिशत वोट हासिल किए। यदि केजरीवाल कांग्रेस और अन्य को मिले प्रतिशत को जोड़ा जाए तो 55 प्रतिशत वोट भाजपा के खिलाफ पड़े हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही अब दिल्ली का मुख्यमंत्री उसे बनाया जाएगा जो 2029 में लोकसभा और फिर 2030 में विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिला सके। यह सही है कि 48 सीट मिलने से भाजपा का मुख्यमंत्री कोई भी नेता बन सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि देश की राजधानी दिल्ली में जो चुनौतियां है उनका मुकाबला कौन कर पाएगा? वोट प्रतिशत के साथ ही दिल्ली के विकास की भी चुनौती है। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन मुद्दों को उठाया उन्हें अब पूरा करने की जिम्मेदारी नए मुख्यमंत्री की ही होगी। प्रवेश वर्मा जैसे विधायक को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल को हराने के कारण ही मुख्यमंत्री बना दिया जाए। यह सही है कि केजरीवाल को हराने में प्रवेश वर्मा ने खूब मेहनत की, लेकिन केजरीवाल मोदी-शाह की रणनीति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की घर घर दस्तक की वजह से हारे। यदि कांग्रेस उम्मीदवार दीक्षित पांच हजार वोट प्राप्त नहीं करते तो प्रवेश वर्मा का जीतना मुश्किल हो जाता। प्रवेश वर्मा मात्र चार हजार वोटों से जीते हैं। असल में पीएम मोदी और अमित शाह को पता है कि दिल्ली की चुनौतियों से किस प्रकार मुकाबला किया जा सकता है। यह अच्छी बात है कि भाजपा के जो विधायक मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, उनमें से एक भी मुख्यमंत्री के पद पर दावा नहीं कर रहा। इसे भी मोदी शाह की रणनीति ही कहा जाएगा। कांग्रेस शासित कर्नाटक और हिमाचल में मुख्यमंत्री पद को लेकर नेताओं में अभी भी खींचतान हो रही है। इसके विपरीत भाजपा शासित राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद अब हालात शांतिपूर्ण है। इन राज्यों के वरिष्ठ भाजपा नेता कुछ दिन छटपटाहट दिखाने के बाद शांत बैठे हैं। अब ऐसे भाजपा शासित राज्य देश की विकास की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं। दिल्ली में भी ऐसे विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा जो विकास के मुद्दे पर देश की मुख्यधारा से जुड़ सके। जब नरेंद्र मोदी के चेहरे और अमित शाह की रणनीति से पूरे देश में भाजपा का परचम फैल रहा है, तब दिल्ली प्रदेश में भी मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय मोदी-शाह पर छोड़ देना चाहिए। मीडिया भले ही कितने भी नेताओं की इच्छा जाग्रत करे, लेकिन मोदी-शाह को पता है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। पीएम मोदी तो 10 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे है। अब अमित शाह को ही मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेना है। S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Sunday, 9 February 2025

मंत्री और विधायकों के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी महाकुंभ में डुबकी लगाई। यानी योगी की राह पर। दिल्ली चुनाव में सीएम और डिप्टी सीएम स्टार प्रचारक रहे, लेकिन जीत का लड्डू पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी खाया। हनुमान बेनीवाल का समर्थन भी केजरीवाल को नहीं जितवा सका।

8 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने मंत्रियों और भाजपा विधायकों के साथ प्रयागराज में महाकुंभ का स्नान किया। स्नान के बाद मेला क्षेत्र में बनाए गए राजस्थान मंडपम में मंत्रिमंडल की बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के देवस्थान से जुड़े मंदिरों के पुजारियों को प्रतिमाह 5 हजार से बढ़ाकर 7500 रुपए का वेतन देने का निर्णय भी लिया गया। इसके साथ ही मंदिरों में चढ़ने वाले प्रसाद की राशि को भी तीन हजार रुपए कर दिया गया। साथ ही मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 101 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सीएम शर्मा ने यह दिखाने का प्रयास किया कि उनकी सरकार सनातन संस्कृति को मजबूत कर रही है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंत्रियों और विधायकों के साथ महाकुंभ में स्नान करने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक प्रयागराज के मेला क्षेत्र में ही की थी। कहा जा सकता है कि राजस्थान के सीएम भजनलाल भी योगी आदित्यनाथ की राह पर चल रहे हैं। जीत का लड्डू: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा भी स्टार प्रचारक रहे। शर्मा और बैरवा ने जिन विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं की इनमें अधिकांश में भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई है। डॉ. बैरवा ने 7 सीटों पर प्रचार किया इनमें से 6 में भाजपा की जीत हुई। यही वजह है कि अब सीएम और डिप्टी सीएम बेहद खुश है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इन दोनों पर जो भरोसा जताया, उस पर दोनों खरे उतरे हैं। भले ही सीएम शर्मा और डिप्टी सीएम बैरवा ने प्रचार किया हो, लेकिन जयपुर में जीत का लड्डू पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी खाया। 8 फरवरी को दिल्ली की जीत पर जयपुर में भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर अध्यक्ष मदन राठौड़ की मौजदूगी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। इस जश्न में पूर्व सीएम राजे भी शामिल हुई। राजे को मदन राठौड़ ने अपने हाथों से लड्डू खिलाया। फिर भी नहीं मिली जीत: आम आदमी पार्टी के संयोजक और दो बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। केजरीवाल भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा से चार हजार मतों से हार गए। असल में केजरीवाल को प्रचार के दौरान ही हार की आशंका हो गई थी, इसलिए उन्होंने राजस्थान लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी के संयोजक और नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल को प्रचार के लिए बुलाया। केजरीवाल का मानना रहा कि नई दिल्ली सीट में जाट समुदाय के जो वोट है, उन पर बेनीवाल का प्रभाव होगा। बेनीवाल ने अपनी तरफ से खूब प्रयास किए कि नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल की जीत हो जाए। लेकिन बेनीवाल के समर्थन के बाद भी केजरीवाल चुनाव नहीं जीत सके। यहां यह उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व सीएम दिवंगत शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को मात्र पांच हजार वोट ही मिल पाए। S.P.MITTAL BLOGGER (09-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

सत्ता, बाप की जागीर नहीं। यह बात राहुल, ममता, स्टालिन जैसे नेताओं को समझनी चाहिए। राहुल गांधी की कोई नीति नहीं होने के कारण दिल्ली में 70 में से 67 कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। चुनाव परिणाम पर जसवंत दारा का सटीक कार्टून।

वर्ष 2015 में 70 में से 68 और 2020 में 62 सीटें जीतने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को यह गुमान हो गया था कि दिल्ली प्रदेश की सत्ता उनके पिता की जागीर है। सत्ता के इस घमंड में ही केजरीवाल ने बोलने की मर्यादाओं को ताक में रख दिया। देश के प्रधानमंत्री तक के लिए अपशब्द कहे गए। यहां तक कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को गुंडा तक कह दिया। 70 सीटों वाले प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल स्वयं को देश का प्रधानमंत्री समझने लगे और इसलिए उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, गोवा, हिमाचल आदि राज्यों में चुनाव लडऩे पहुंच गए। हालांकि केजरीवाल को पंजाब में सत्ता मिल भी गई, लेकिन इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने केजरीवाल का घमंड चूर चूर कर दिया। 18 फरवरी को घोषित परिणाम में केजरीवाल की पार्टी को 70 में से मात्र 22 सीटें मिली, जबकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को 48 सीटें हासिल हुई। जिस दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को राजनीति की ऊंचाइयों पर बैठाया, उसी जनता ने केजरीवाल को जमीन पर पटक दिया। केजरीवाल की इस हार से राहुल गांधी, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन जैसे नेताओं को सबक लेना चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी भी सत्ता को पिता की जागीर समझते हैं। ममता बनर्जी ने तो न केवल केंद्रीय योजनाओं की क्रियान्विति पर रोक लगा रखी है बल्कि राज्यपाल के पद को मानने से ही इंकार कर दिया है। ऐसी ही स्थिति स्टालिन ने तमिलनाडु में भी कर रखी है। हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस सरकारें राहुल गांधी के इशारे पर ही चल रही है। राहुल गांधी का घमंड भी हमेशा सातवें आसमान पर रहता है। ऐसे नेताओं को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि होती है। विपक्ष के नेता माने या नहीं, लेकिन नरेंद्र मोदी ने जनता को सर्वोपरि माना, इसलिए आज पूरे देश में भाजपा का परचम हो रहा है। देश के अधिकांश राज्यों में भाजपा की सरकारें है तथा लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं। लोगों को यह समझ में आ गया है कि मोदी के कारण ही देश का विकास हुआ है। इस विकास का लाभ देश के 25 करोड़ मुसलमानों को भी मिल रहा है। दिल्ली के चुनावों में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी भाजपा की जीत हुई है जो यह दर्शाता है कि मुस्लिम मतदाता भी मोदी के चेहरे पर भाजपा को वोट दे रहे हैं। यदि ममता बनर्जी और स्टालिन जैसे नेताओं ने अपनी तुष्टिकरण की नीति में बदलाव नहीं किया तो जल्द ही उनका हश्र केजरीवाल जैसा होगा। कांग्रेस को भी हिमाचल, तेलंगाना और कर्नाटक में सत्ता गंवानी पड़ेगी। 67 सीटों पर जमानत जब्त: कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को संभालने के बाद पार्टी में कोई स्पष्ट नीति नहीं रही। राहुल ने 7 माह पहले लोकसभा का चुनाव दिल्ली में केजरीवाल के साथ मिलकर लड़ा, लेकिन विधानसभा का चुनाव कांग्रेस ने केजरीवाल के ही खिलाफ लड़ा। दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ता और मतदाता समझ ही नहीं पाए कि आखिर राहुल गांधी की नीति क्या है? कोई नीति नहीं होने के कारण ही दिल्ली में 70 में से 67 कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस स्वयं को देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी मानती है। एक समय था जब देश के सभी राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थी। करीब पचास वर्षों तक कांग्रेस ने केंद्र में सरकार भी चलाई, लेकिन आज उसी कांग्रेस का देश की राजधानी दिल्ली में बुरी हाल का सामना करना पड़ा है। राहुल गांधी संसद में संविधान बचाने के लिए शोर गुल करते हैं। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में 67 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाती है। जब कांग्रेस को देश की राजधानी में ही जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है, तब राहुल गांधी किस संविधान को बचाने की बात कर रहे है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि पिछले छह चुनावों में दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति शून्य है। तीन लोकसभा और तीन विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस की इस बुरी स्थिति का अध्ययन राहुल गांधी को करना चाहिए। यह माना कि लाख कोशिश के बाद भी केंद्र की सत्ता न मिलने से राहुल गांधी बेहद तनावग्रस्त हैं। लेकिन इसके लिए खुद राहुल गांधी ही जिम्मेदार है। राहुल गांधी जिस तरह संसद को बाधित कर रहे हैं, उसका असर भी मतदाता पर प्रतिकूल पड़ रहा है। राहुल गांधी को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि लोकसभा में कांग्रेस के 100 सांसद हैं। पिछला चुनाव कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर लड़ा, इसलिए कांग्रेस के सांसदों की संख्या में इजाफा हो गया। दारा का कार्टून दिल्ली चुनाव के परिणाम पर सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट जसवंत दारा ने एक सटीक कार्टून बनाया है। आप के चुनाव चिन्ह झाड़ू और केजरीवाल को शराब की बोतल के साथ यमुना नदी में गिरते हुए दर्शाया गया है। कार्टून को मेरे फेसबुक www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (09-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Saturday, 8 February 2025

किसान के बेटे को बोलने से रोकने के लिए यह कांग्रेस का षडय़ंत्र है-मुख्यमंत्री शर्मा। तो क्या कांग्रेस के षडय़ंत्र में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी शामिल हैं। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के पीछे पूर्व सीएम अशोक गहलोत की भूमिका। अब 19 जनवरी को वित्त मंत्री दीया कुमारी के बजट भाषण पर भी तलवार लटकी।

राजस्थान विधानसभा के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर रहा, जब राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री से पहले प्रतिपक्ष के नेता का भाषण नहीं हुआ। तय कार्यक्रम के अनुसार 7 फरवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संबोधन से पहले प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली का संबोधन होना था, लेकिन कांग्रेस विधायकों के लगातार हंगामे के कारण जूली अपना भाषण नहीं दे सके। इसके साथ ही दो घंटे तक कांग्रेस के विधायक नारेबाजी करते रहे। मुख्यमंत्री को अपना पूरा भाषण नारेबाजी के बीच ही देना पड़ा। कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी से खफा सीएम शर्मा ने कहा कि मैं किसान का बेटा हंू, इसलिए कांग्रेस षडय़ंत्र कर उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दे रही है। सीएम शर्मा के इस कथन के बाद ही सवाल उठा है कि क्या कांग्रेस के इस षडय़ंत्र में भजन सरकार के कृषि और आपदा राहत मंत्री किरोड़ीलाल मीणा शामिल हैं? असल में जिस मुद्दे पर कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया वह मुद्दा मंत्री मीणा ने ही दिया। 5 फरवरी को एक सभा में मंत्री मीणा ने कहा कि उनकी ही सरकार में उनका मोबाइल फोन टैप करवाया जा रहा है। मीणा के इस बयान पर ही कांग्रेस के विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से फोन टैपिंग के मामले में बयान देने की मांग की। कांग्रेस के विधायकों का कहना रहा कि सरकार के ही एक मंत्री का फोन टैप करवाना गंभीर मामला है। सवाल उठता है कि विधानसभा चलने के दौरान ही मंत्री मीणा ने फोन टैपिंग वाला बयान क्यों दिया? क्या मंत्री मीणा और कांग्रेस के बीच पहले ही कोई सांठ गांठ हो गई थी? मालूम हो कि किरोड़ी मीणा मंत्री बनने के बाद से ही असंतुष्ट चल रहे है। इससे पहले भी मीणा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी की है। मीणा ने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे रखा है। अब तक मुख्यमंत्री शर्मा किरोड़ी मीणा के प्रति नरम रुख अपनाए हुए थे, लेकिन 7 फरवरी को सीएम शर्मा ने षडय़ंत्र वाला जो बयान दिया है उससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में किरोड़ी मीणा को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाएगा। अशोक गहलोत की भूमिका: 7 फरवरी को विधानसभा में हुए हंगामे के पीछे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भूमिका बताई जा रही है। असल में वर्ष 2020 में जब कांग्रेस शासन में मुख्यमंत्री गहलोत पर विधायकों के फोन टैप करने के आरोप लगे थे, तब भाजपा विधायकों ने खूब हंगामा किया था। तब भाजपा विधायकों ने कई बार विधानसभा को भी बाधित किया। गहलोत अपने विरुद्ध हुए हंगामे का बदला लेना चाहते थे, इसलिए 7 फरवरी को कांग्रेस विधायकों से हंगामा कराया गया। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली अपने भाषण की पूरी तैयारी करके आए थे। लेकिन गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को निर्देश देकर कांग्रेस विधायकों से सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करवाई। खुद गहलोत ने भी सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार की आलोचना की। बजट भाषण पर तलवार: मुख्यमंत्री के संबोधन के बाद विधानसभा 19 फरवरी को प्रातः 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। यानी अब बजट सत्र की शुरुआत 19 फरवरी को होगी। तय कार्यक्रम के अनुसार 19 फरवरी को ही वित्त मंत्री दीया कुमारी बजट प्रस्तुत करेंगी। चूंकि अभी विपक्ष और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है, इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक दीया कुमारी के बजट भाषण में भी नारेबाजी करेंगे। कांग्रेस के विधायक फोन टैपिंग के मामले में सदन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बयान की मांग पर अड़े हुए हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (08-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

दिल्ली में मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति की जीत हुई। आप की हार का असर इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा। केजरीवाल की हार, कांग्रेस के लिए उपलब्धि, लेकिन राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की यह 100 वीं हार है।

8 फरवरी को घोषित हो रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते है कि 70 में से 45 सीटें भाजपा को मिलने जा रही है। सत्तारूढ आम आद‌मी पार्टी 25 सीटों पर सिमट रही है। दिल्ली का यह तीसरा चुनाव है जब कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है। 2015 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को 68 और 2020 में 62 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार खुद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। केजरीवाल की हार से जाहिर है कि आप ने ईमानदारी और सेवा का जो चोला पहना था वह उतर गया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारन्टी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति की जीत हुई है भाजपा की रणनीति यह साबित करने में सफल रही कि अरविंद केजरीवाल एक बेईमान राजनेता है। इसके साथ ही भाजपा की ओर से भरोसा दिलाया गया कि सरकार बनने पर मुफ्त की सभी योजनाओं को जारी रखा जाएगा। केजरीवाल ने जहां महिलारणनीति 2100 रूपये प्रति माह देने की घोषणा की वहीं भाजपा ने 2500 रुपये देने का वायदा किया। दिल्ली के मतदाता केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के टकराव से भी परेशान थे। अब जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है तब दिल्ली-वासियों को तेज गति से विकास होने की उम्मीद है। केजरीवाल के लिए यह भी झटका है कि उनकी सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया चुनाव हार गई है। गत 27 वर्षों से भाजपा दिल्ली में सत्ता से बाहर बैठी थी, लेकिन अब भाजपा सत्ता पर काबिज होने जा रही है। - इंडिया गठबंधन पर असर :- दिल्ली में केजरीवाल की हार का असर अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा। चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर केजरीवाल ने पहले ही कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए है। टीएमसी, सपा, शरद पवार वाली एनसीपी ने कांग्रेस के बजाए केजरीवाल को समर्थन दिया ।केजरीवाल भी अपनी हार की एक वजह कांग्रेस को भी मानते है। इसलिए केजरीवाल अब इंडिया गठबंधन में राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती देगें। माना जा रहा है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की वजह से मुस्लिम बाहुल्य सीटों को जीत मिली है। पर भी भाजपा 70 में से 13 सीटें मुक्तिम बाहुल्य है, इनमें से अधिकांश में भाजपा की जीत हुई है। - कांग्रेस की 100 वीं हार:- राहुल गांधी ने जबसे कांग्रेस का नेतृत्व संभाला है तबसे अब तक चुनावों में कांग्रेस की हार का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली की हार 100 वीं मानी गई है। कांग्रेस भले ही इस बात से खुश हो जाए कि आम आदमी पार्टी की हार हो गई है, लेकिन कांग्रेस के लिए यह शर्मनाक बात है कि लगातार तीन चुनावों में एक सीट भी नहीं मिली है। - केजरीवाल के नेतृत्व पर सवाल दिल्ली की हार के बाद आम आद‌मी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे। मौजूदा समय में पंजाब में भी आप की सरकार है। दिल्ली की हार के बाद अब सिर्फ पंजाब में आप की सरकार रह गई है। पंजाब में पहले से ही भगवत मान की सरकार केजरीवाल के निर्देश को नहीं मान रही थी। अब जब दिल्ली में भी सरकार चली गई है, तब पार्टी पर केजरीवाल की पकड़ और कम हो गई है। S.P.MITTAL BLOGGER (08-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Friday, 7 February 2025

यूक्रेन, अफगानिस्तान और जब अमेरिका से आने वाले भारतीयों में फर्क है। घुसपैठियों को अमेरिका से खदेड़ने पर आपत्ति क्यों? कांग्रेस तो रोहिंग्याओं बांग्लादेशियों को भी भारत की नागरिकता दिलवाना चाहती है।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका से उन लोगों को बाहर निकाला जा रहा है जो अवैध रूप से घुस आए हैं। इनमें भारतीय भी शामिल है। 6 फरवरी को अमेरिका ने 104 भारतीयों को सैन्य विमान से भारत भेज दिया। इस पर कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता हंगामा कर रहे हैं। संसद को भी बाधित किया जा रहा है। विपक्ष के कुछ नेता अमेरिका से आने वाले भारतीयों को यूक्रेन और अफगानिस्तान से आने वाले भारतीयों से तुलना कर रहे है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने अमेरिका में भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा नहीं की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कहा है कि जिन भारतीयों के पास वैध दस्तावेज हैं उन्हें अमेरिका में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जो भारतीय घुस पैठकर बिना दस्तावेज है, उन्हें ही अमेरिका से बाहर निकाला जा रहा है। इनमें अन्य देशों के नागरिक भी है। अमेरिका की नीति के अनुरूप किसी भी देश का घुसपैठिया अमेरिका में नहीं रह सकता। विपक्ष का हंगामा बताता है कि अमेरिका भी घुसपैठियों को स्वीकार कर लें। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को समझना चाहिए कि भारत और अमेरिका में अंतर है। अमेरिका एक भी घुसपैठिए को स्वीकार नहीं करता है। जबकि भारत में तो बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को भी भारत की नागरिकता देने की मांग कांग्रेस करती रही है। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि राजनीतिक संरक्षण के कारण घुसपैठियों ने भारत में वैध दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए हैं। आज पूरे देश में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या मौजूद हैं। मोदी सरकार की लाख कोशिश के बाद भी इन घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा नहीं जा रहा है। चिंताजनक बात तो यह है कि ऐसे घुसपैठिए मोदी सरकार के खिलाफ ही धरना प्रदर्शन कर रहे है। भारत में राजनीतिक संरक्षण के कारण घुसपैठिए रह सकते हैं। लेकिन अमेरिका में नहीं। अमेरिका जब अपने हितों का ख्याल रखते हुए घुसपैठियों को खदेड़ रहा है तो इस पर आपत्ति की कोई गुंजाइश नहीं है। उल्टे मोदी सरकार को भी अमेरिका की तरह घुसपैठियों को बाहर खदेडऩा चाहिए। यहां यह भी समझने की जरूरत है कि पूर्व में अफगानिस्तान, यूक्रेन और अब अमेरिका से आने वाले भारतीयों में फर्क है। यूक्रेन और अफगानिस्तान में भारत सरकार ने अपने जहाज इसलिए भेजे क्योंकि उन भारतीयों के पास वैध दस्तावेज थे। युद्ध और अराजकता की वजह से ऐसे भारतीयों को यूक्रेन और अफगानिस्तान छोड़ने की मजबूरी हुई। जो भी भारतीय वैध तरीके से विदेशों में रह रहे हैं, उनके हितों की रक्षा केंद्र सरकार हमेशा करती हे। S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

सफेद कपड़ा तो अखिलेश के पिता मुलायम सिंह ने सैकड़ों राम भक्तों को मौत के घाट उतार कर चढ़ाया था।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर उपचुनाव के संदर्भ में कहा है कि चुनाव आयोग मर चुका है और अब हम सफेद कपड़ा भेंट करने जा रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी राजनेता को संवैधानिक संस्था पर इस तरह की टिप्पणी करना उचित नहीं माना जा सकता। अखिलेश यादव आज चुनाव आयोग पर सफेद कपड़ा (कफन) चढ़ाने की बात कर रहे है, लेकिन अखिलेश को यह जानना चाहिए कि सफेद कपड़ा तो उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए राम भक्तों पर चढ़ाया था। मुलायम सिंह के आदेश पर ही अयोध्या में सैकड़ों राम भक्तों को पुलिस ने गोली चलाकर मौत के घाट उतार दिया। सब जानते हैं कि मुलायम सिंह ने राम जन्मभूमि आंदोलन को किस तरह कुचला। निर्दोष और निहत्थों रामभक्तों पर गोली चलाकर मुलायम सिंह ने न केवल लोकतंत्र की हत्या की बल्कि निरंकुशता दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव को चुनाव आयोग पर गैर अमर्यादित टिप्पणी करने से पहले अपने पिता मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल को देखना चाहिए। आज अखिलेश यादव मिल्कीपुर उपचुनाव में आयोग पर आरोप लगा रहे हैं, जबकि मुलायम सिंह और स्वयं अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश में चुनाव किस प्रकार हुए यह सबने देखा है। मतदान केंद्रों पर कब्जा कर एक तरफा मतदान करवाने की खबरें जगजाहिर है। चुनाव आयोग तो अब सिर्फ मतदान केंद्रों पर कब्जा नहीं होने दे रहा है। एक तरफा मतदान रुक जाने से ही अखिलेश यादव आयोग पर गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

सदस्यों के मूल सवाल का जवाब लोकसभा में नहीं पढ़ा जाता। तो फिर राजस्थान विधानसभा में मंत्री सरकार का जवाब पढ़ने की जिद क्यों कर रहे हैं? मंत्रियों की जिद की वजह से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का अवसर मिला। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अब सचिन पायलट की राह पर।

लोकसभा में भी अध्यक्ष ओम बिरला ने व्यवस्था कर रखी है कि सांसदों के सवालों का जवाब जब सरकार की ओर से लिखित में टेबल पर रख दिया है, तब संबंधित मंत्री को जवाब पढ़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन यदि कोई सांसद सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होता है और पूरक सवाल पूछता है तो फिर संबंधित मंत्री को पूरक सवाल का जवाब देने की छूट है। कई बार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा भी कि संबंधित मंत्री सिर्फ पूरक सवाल का ही जवाब दें। लोकसभा में यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि प्रश्नकाल के एक घंटे में ज्यादा से ज्यादा सवालों के जवाब सदन में आ सके। लोकसभा की व्यवस्था को ही राजस्थान विधानसभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लागू किया है। देवनानी ने अपनी इस व्यवस्था से सदन के नेता भजन लाल शमा्र और प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली को भी अवगत करा रखा है। मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के नेता भी अध्यक्ष देवनानी की व्यवस्था से संतुष्ट है, लेकिन सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा की जिद है कि विधायकों के मूल सवाल का सरकारी जवाब सदन में पढ़ा जाए। इसको लेकर इन मंत्रियों का अध्यक्ष देवनानी के साथ टकराव भी हो रहा है, लेकिन देवनानी ने मंत्रियों को स्पष्ट कर दिया है कि मूल सवाल का सरकारी जवाब सदन में पढ़ने की अनुमति नहीं होगी। लोकसभा की तरह विधानसभा में भी संबंधित मंत्री सिर्फ पूरक प्रश्न का जवाब ही देंगे। सरकार के मंत्री जिस तरह जवाब पढ़ने की जिद कर रहे हैं उससे विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का अवसर मिल गया है। जो विपक्ष अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगता रहा वहीं विपक्ष अब इस मुद्दे पर अध्यक्ष देवनानी के साथ खड़ा है। पायलट की राह पर: राजस्थान के कृषि और आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर भाजपा सत्ता में आई है उन्हें अब सरकार बनने के बाद भुला दिया गया है। किरोड़ी ने ऐसे मुद्दे गिनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार उनकी जासूसी करवा रही है और मोबाइल फोन भी टैप करवाया जा रहा है। किरोड़ी का यहां तक कहना है कि अपनी ही सरकार में उन्हें अपमानित किया जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि पिछले कांग्रेस के शासन में डिप्टी सीएम रहते हुए ही सचिन पायलट ने ऐसे ही आरोप लगाए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि किरोड़ी लाल मीणा भी अब सचिन पायलट की राह पर चल रहे हैं। यह बात अलग है कि भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व किरोड़ी ही हर जिद को पूरा कर रहा है। जिद के चलते ही हाल ही के उपचुनाव में किरोड़ी के भाई को दौसा से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। पूरी ताकत लगाने के बाद भी किरोड़ी अपने भाई को विधानसभा का चुनाव नहीं जितवा सके। उम्मीद थी कि भाई की हार से किरोड़ी कोई सबक लेंगे, लेकिन ऐसा लगता नहीं है। किरोड़ी ने मंत्री पद से इस्तीफा भी दे रखा है, लेकिन किरोड़ी का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। खुली बगावत के बाद भी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाना दर्शाता है कि भाजपा का नेतृत्व खासकर सीएम शर्मा अभी भी किरोड़ी को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। देखना होगा कि किरोड़ी की बगावत को भाजपा किस सीमा तक बर्दाश्त करती है। S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

केकड़ी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अनिल मित्तल न्यायिक जांच में भी निर्दोष साबित हुए। कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर निलंबित किया था।

अजमेर उपखंड की केकड़ी नगर पालिका के अध्यक्ष रहे अनिल मित्तल न्यायिक जांच में भी निर्दोष साबित हुए है। गत कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मित्तल को पालिका के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। तब हाईकोर्ट के आदेश से मित्तल बाहर तो हो गए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने आरोपों के मद्देनजर न्यायिक जांच करवा दी। जांच कमेटी के प्रमुख सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश सुरेंद्र पुरोहित ने आरोपों की विस्तृत जांच की, लेकिन एक भी आरोप सच नहीं निकला। तब आरोप लगाए गए कि तेजा मेले में मित्तल ने 20 लाख की जगह 22 लाख रुपए खर्च कर भ्रष्टाचार किया। इसी प्रकार केकड़ी के प्रमुख मार्गों का निर्माण छोटे छोटे खंडों में नियम विरुद्ध करवाया। ऐसे और भी आरोप लगाए गए, लेकिन जांच अधिकारी पुरोहित को ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला, जिससे भ्रष्टाचार साबित होता है। यही वजह रही कि पुरोहित ने मित्तल को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। भले ही न्यायिक जांच की रिपोर्ट अब उजागर हुई हो, लेकिन जांच की सारी प्रक्रिया कांग्रेस के शासन में ही पूरी हो गई थी। आरोप रहा कि केकड़ी के विधायक और दबंग मंत्री रघु शर्मा ने राजनीतिक द्वेषता की वजह से मित्तल पर आरोप लगवाएं। जांच रिपोर्ट के उजागर होने के बाद मित्तल का कहना रहा कि अब जब सच सामने आ गया है, तब आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जांच रिपोर्ट पर संतोष जताते हुए इसे सत्य की जीत बताया है। जांच रिपोर्ट के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9928021482 पर अनिल मित्तल से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Thursday, 6 February 2025

दिल्ली के एग्जिट पोल कांग्रेस की उम्मीदों के अनुरूप है। कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार पर खुशी होगी।

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान हो जाने के बाद उजागर हुए एग्जिट पोल का निष्कर्ष निकाला जाए तो भाजपा को 43, आम आदमी पार्टी को 26 तथा कांग्रेस को एक सीट मिल रही है। यानी 8 फरवरी को परिणाम के बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। मीडिया घराने कांग्रेस की दयनीय स्थिति पर कुछ भी कहे, लेकिन एक्जिट पोल कांग्रेस की उम्मीदों के अनुरूप ही है। कांग्रेस की रणनीति शुरू से ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ थी। कांग्रेस नहीं चाहती कि दिल्ली में लगातार चौथी बार आप की सरकार बने। यही वजह रही कि इस बार कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ दिल्ली में चुनाव लड़ा। आम के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने के लिए कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को चुनाव लड़वाया। दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भी कांग्रेस ने दमदार उम्मीदवार खड़े किए। राहुल गांधी ने अपने प्रचार की शुरुआत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से ही की। कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार की खुशी है। यदि 8 फरवरी को केजरीवाल की पार्टी हार जाती है तो दिल्ली में कांग्रेस का मकसद पूरा हो जाएगा। भले ही कांग्रेस को जीरो या एक सीट मिले, लेकिन केजरीवाल की हार कांग्रेस की सफलता होगी। असल में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में अरविंद केजरीवाल ही राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं। केजरीवाल चाहते हैं कि विपक्ष का नेतृत्व राहुल गांधी से छीन लिया जाए। केजरीवाल को ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार जैसे विपक्षी नेताओं का भी समर्थन है। इन नेताओं ने भी दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की बजाए केजरीवाल को समर्थन दिया है। यदि दिल्ली में केजरीवाल की जीत होती है तो इंडिया गठबंधन में केजरीवाल को और मजबूती मिलेगी, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि केजरीवाल दिल्ली में ही निपट जाए। जहां तक चुनाव में कांग्रेस को जीरो या एक सीट मिलने का सवाल है तो पिछले दो चुनावों में भी कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है। S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

पीएम मोदी ने श्रद्धाभाव से महाकुंभ में संगम स्नान किया। भारत में सनातन संस्कृति के ये सुनहरे दिन हैं।

5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर स्नान किया। कहा जा रहा है कि यह महाकुंभ 144 वर्ष बाद हो रहा है। इसी धार्मिक मान्यता के चलते महाकुंभ में अब तक चालीस करोड़ से भी ज्यादा सनातनी संगम स्नान कर चुके हैं। पीएम मोदी ने भी सनातन संस्कृति के अनुरूप पांच फरवरी को महाकुंभ में स्नान किया। उन्होंने श्रद्धा भाव से न केवल डुबकी लगाई बल्कि अपने हाथों में गंगाजल को सूर्य को अर्पित किया। इतना ही नहीं रुद्राक्ष की माला हाथ में लेकर मंत्र भी पढ़े। पीएम मोदी ने अपनी संस्कृति के अनुरूप ही साड़ी भी गंगा मैया को अर्पित की। अपने हाथों से जलता हुआ दीया भी नदी में प्रवाहित किया। 5 वेदपाठी विद्वानों ने मोदी को पूजा करवाई। यानी महाकुंभ स्नान के लिए सनातन संस्कृति में जो भी नियम रहे, उन सबका पालन पीएम मोदी ने किया। देश भर के नागरिक पीएम मोदी के महाकुंभ स्नान को टीवी चैनलों पर देख रहे थे। सनातन संस्कृति को मानने वाले भारतीयों के लिए ये सुनहरे दिन हैं। सनातनियों ने 600 वर्ष मुगल काल और फिर 200 वर्ष अंग्रेजों के शासन में भी सनातन की स्थिति को देखा है। आजादी के साठ साल बाद भी सनातन की स्थिति देशवासियों ने देखी है, लेकिन आज देश के प्रधानमंत्री के पद पर ऐसा व्यक्ति बैठा है जो सनातन संस्कृति के अनुरूप व्यवहार भी करता है। सनातन के प्रति अपने प्रभाव को दिखाने में देश के प्रधानमंत्री कोई कसर नहीं छोड़ते। इसका यह मतलब नहीं है कि मोदी दूसरे धर्म का सम्मान नहीं करते है। पीएम मोदी को दूसरे धर्म का सम्मान करने की शिक्षा सनातन धर्म से ही मिली है, इसलिए प्रतिवर्ष अजमेर स्थित ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में नरेंद्र मोदी अपनी ओर से सूफी परंपरा के अनुरूप चादर भेजते हैं। इतना ही नहीं उर्स में आने वाले जायरीन को शुभकामनाएं भी देते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

जिन मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई, उन्हीं के स्मारक को दंगाइयों ने ढाह दिया। इजरायल को आतंकियों से बचाने के लिए अमेरिका गाजा पर अपना नियंत्रण चाहता है। इन घटनाओं का असर 25 करोड़ की मुस्लिम आबादी वाले भारत पर भी पड़ेगा।

भारत की सीमा से सटे मुस्लिम देशा बांग्लादेश में कट्टरपंथी दंगाई हिंदुओं पर ही नहीं बल्कि मुसलमानों पर भी अत्याचार कर रहे है। जिन शेख मुजीबुर्ररमान के ढाका स्थित आवास (स्मारक) को दंगाइयों ने 5 फरवरी की रात को गिरा दिया। इतना ही नहीं मुजीबुर्ररहमान के रिश्तेदारों के घरो में भी तोडफ़ोड़ की गई। दंगाइयों के कारण ही मुजीबुर्ररमान की बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री रहते हुए बांग्लादेश से भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी। कट्टरपंथी दंगाई अब शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही मौत के घाट उतार रहे हैं। दंगाइयों ने जब मुजीबुर्ररहमान के स्मारक को ही ढाह दिया तो बांग्लादेश में हिंदू धर्म स्थलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। आज बांग्लादेश में मुसलमान ही मुसलमानों को मौत के घाट उतार रहे हैं। भारत में जो लोग वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें बांग्लादेश के हालातों को देखना चाहिए। वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध करने वाले माने या नहीं, लेकिन जब कट्टरपंथी हावी होते हैं, तो सबसे ज्यादा आम लोगों खासकर मुसलमानों को ही होता है। बांग्लादेश में आम मुसलमान को हिंदुओं उन मुसलमानों के साथ है, जिन्होंने बांग्लादेश को आजादी दिलवाई। सवाल उठता है कि आखिर बांग्लादेश में कौन से मुसलमान है, जो देश को आजादी दिलवाने वालों का ही विरोध कर रहे हैं? गाजा पर नियंत्रण: डेढ़ वर्ष पहले मध्य पूर्व में फिलिस्तीन स्थित गाजा पट्टी पर सक्रिय मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर जो आतंकी हमला किया उसके बाद जवाबी कार्यवाही में इजरायल ने गाजा को मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया। एक अनुमान के अनुसार चालीस हजार से भी ज्यादा मुसलमानों की मृत्यु हुई। भले ही इजरायल को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा हो, लेकिन अमेरिका की मदद से इजरायल ने हमास और उससे जुड़े अन्य कट्टरपंथी संगठनों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम हो गया है, तब अमेरिका चाहता है कि गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में ले लिया जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 5 फरवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में लेकर पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगा। गाजा में जो नागरिक शेष बचे हैं, उन्हें पड़ोसी देशों में बसाया जाएगा। यानी अमेरिका नहीं चाहता कि गाजा में फिर से हमास जैसे कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हो और इजरायल पर आतंकी हमला करे। डोनाल्ड ट्रंप की इस घोषणा से दुनिया भर के इस्लामिक देशों खासकर अरब के देशों में खलबली मच गई है। लेकिन इस्लामिक देशों को भ पता है कि डोनाल्ड ट्रंप जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं। इस बीच कई देशों का मानना है कि यदि गाजा पट्टी अमेरिका के नियंत्रण में आती है, तो मध्य पूर्व में शांति की नई पहल होगी। पूर्व में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जो समझौता हुआ, उसके बाद माना गया कि मध्य पूर्व में शांति हो जाएगी, लेकिन गाजा में हमास, हिजबुल्ला जैसे कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हो गए, जिसका परिणाम हाल ही का इजरायल और हमास का युद्ध रहा। इस युद्ध में ईरान जैसे इस्लामिक देश भी चपेट में आ गए। मध्यप्रदेश में शांति के लिए गाजा पट्टी में शांति होना जरूरी है। भारत पर असर: यूं तो दुनिया में अनेक मुस्लिम देश हैं, लेकिन सबसे ज्यादा 25 करोड़ मुसलमान भारत में रहते हैं। यही वजह है कि मुस्लिम देशों में होने वाली घटनाओं का असर भारत पर भी पड़ता है। जब इजरायल ने गाजा पर हमले किए, तब भारत में भी हमास के समर्थन में जुलूस निकले। भारतीय मुसलमानों ने इजरायल के हमलों की निंदा की। चूंकि बांग्लादेश तो सीमा से जुड़ा हुआ है, इसलिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में ही शरण ली। 1972 में भी भारत के सैन्य दखल के बाद ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली थी। भारत में भी हजारों मुसलमान शेख हसीना की नीतियों के समर्थक है। S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

Tuesday, 4 February 2025

धर्मांतरण विरोधी बिल राजस्थान विधानसभा में पेश। अब आदिवासी और मगरा क्षेत्र में नहीं हो सकेगा सामूहिक धर्म परिवर्तन। चंगाई और धन का लालच देकर करवाया जा रहा है धर्म परिवर्तन। आखिर बाड़मेर के सेड़वा अस्पताल के प्रकरण में आरोपी एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हो रही?

3 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश कर दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा का प्रयास है कि इस बिल को मौजूदा बजट सत्र में स्वीकृत करवा लिया जाए। विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर लगेगी और तभी बिल के कानून प्रभावी होंगे। कानून प्रभावी होने के बाद राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ तथा अजमेर के मगरा क्षेत्र में सामूहिक धर्म परिवर्तन पर अंकुश लगेगा। सब जानते हैं कि आदिवासी क्षेत्रों में बीमारी ठीक करने के नाम पर ही धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है। साथ ही मगरा क्षेत्र में धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन की शिकायत आम है। भाजपा के नेताओं ने ही आरोप लगाया है कि मगरा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए समुदाय विशेष के लोग धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। मगरा क्षेत्र में कुछ ऐसी जातियां है, जिनके लोग होली दीपावली पर्व के साथ साथ ईद भी मानते हैं। ऐसी जातियों के लोगों का धर्म परिवर्तन करना आसान होता है। यही वजह है कि मगरा क्षेत्र के अनेक गांवों का सामाजिक बदलाव ही हो गया है। धर्म परिवर्तन के बाद संबंधित लोग ज्यादा कट्टरपंथी हो जाते हैं। लेकिन बिल के मंजूर होने के बाद सामूहिक धर्म परिवर्तन पर नियंत्रण होगा। राजस्थान के संदर्भ में यह बिल बहुत महत्वपूर्ण है। प्रावधानों के अनुसार मर्जी से भी धर्म परिवर्तन करने वालों को 60 दिन पहले ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम और शहरी क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट को लिखित में जानकारी देनी होगी। आखिर कार्यवाही क्यों नहीं: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों ने 4 फरवरी को भी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। 3 फरवरी को राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सभी चिकित्सक प्रात: 9 से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल पर रहे। चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि 1 फरवरी को बाड़मेर के सेंडवा सीएचसी में चिकित्सक रामस्वरूप रावत के साथ एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई ने बदसलूकी की। इस बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार दोषी एसडीएम के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर रही है। सरकार ने जल्द ही एसडीएम विश्नोई के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। डॉ. चौधरी ने कहा कि एसडीएम विश्नोई ने अपने पद के घमंड में चिकित्सक रावत का अपमान किया। डॉ. चौधरी ने बताया कि एसडीएम विश्नोई पूर्व में भी निलंबित हो चुके हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (04-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511