Wednesday, 19 February 2025

राजस्थान के ब्लैकमेल कांड-2 से छात्राओं और अभिभावकों को सबक लेने की जरूरत, इसलिए जरूरी है संयुक्त परिवार। आरोपियों की पैरवी नहीं करने के फैसले पर क्या वकील समुदाय अडिग रहेगा? अजमेर और जोधपुर रेंज के आईजी की सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील।

राजस्थान के अजमेर संभाग के ब्यावर जिले के विजयनगर शहर में 16 फरवरी को उजागर हुए अश्लील ब्लैकमेल कांड के सभी छह आरोपियों को 18 फरवरी को अजमेर स्थित पॉक्सो अदालत में चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस अब यह पता लगाएगी कि इन आरोपियों ने अश्लील वीडियो फोटो दिखाकर कितनी स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर देह शोषण किया। इसके साथ ही पुलिस ने पीडि़त छात्राओं के बयान नसीराबाद की कोर्ट में धारा 164 में दर्ज कराया है। पुलिस ने जिन युवकों को रिमांड पर लिया है उसमें रिहान मोहम्मद, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अरमान पठान, साहिल कुरैशी, अफराज शामिल है। रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने पीडि़ताओं के परिजन को भरोसा दिलाया है कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करवाई जाएगी। इस ताजा मामले से अजमेर संभाग में रोष का माहौल हे। वर्ष 1992 में भी अजमेर शहर में इसी तरह का ब्लैकमेल कांड हुआ था। तब भी स्कूल कॉलेज की छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया। आज 32 वर्ष बाद भी अजमेर शहर का ब्लैकमेल कांड अदालत में विचाराधीन हे। विजयनगर के ब्लैकमेल कांड को भाग-2 माना जा रहा है। यह सही है कि समुदाय विशेष के युवकों ने पहले स्कूली छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाया और फिर उनके अश्लील वीडियो और फोटो तैयार किए, बाद में वीडियो और फोटो के माध्यम से देह शोषण किया। लेकिन सवाल छात्राओं और अभिभावकों की जागरूकता का भी है। आमतौर पर देखा गया है कि छात्राएं मोबाइल का बहुत उपयोग करती है। हो सकता है कि पढ़ाई के लिए मोबाइल उपयोगी हो, लेकिन अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वह स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों का ख्याल रखे। मोबाइल का उपयोग किस तरह हो रहा है, इसकी जानकारी भी अभिभावकों को होनी चाहिए। जिन परिवारों में माता पिता दोनों कामकाजी है, उन परिवारों में बेटियों को दिनभर अकेले घर पर रहना पड़ता है। कई परिवारों में माता पिता को बेटियों से संवाद करने का अवसर ही नहीं मिलता। हो सकता है कि यदि संवाद का अवसर मिले तो बेटियां अपनी परेशानी को बता सकती है। सनातन संस्कृति में संयुक्त परिवार की अवधारणा इसलिए रखी गई ताकि परिवार के सदस्य एक दूसरे को अपनी परेशानी बता सके। यदि किसी परिवार में पिता के भाई यानी बेटी के चाचा ताऊ भी साथ रह रहे है तो ऐसी बेटी अपने चाचा ताऊ के बेटे बेटियों से परेशानी को शेयर कर सकती है। यानी ऐसी बेटी को अकेले ही परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। हो सकता है कि विजय नगर के प्रकरण में कुछ छात्राएं अकेले होने के कारण ब्लैकमेल का शिकार होती रही। अभिभावकों का यह दायित्व है कि यह प्रतिदिन अपनी बेटी बेटे से संवाद करे और स्कूल-कॉलेज में होने वाली गतिविधियों की जानकारी ले। जिन परिवारों में अभिभावक अपने बच्चों के साथ भोजन करते हैं और समय बिताते हैं उन परिवारों के बेटे बेटियां हर परेशानी का मुकाबला कर लेते हैं। अच्छा हो कि राजस्थान के ब्लैकमेल कांड-2 से सबक लेकर छात्राएं और अभिभावक परस्पर समन्वय कायम करेंगे। बेटियां खूब पढ़े और आसमान की ऊंचाइयां छुए इस पर किसी को भी ऐतराज नहीं है, लेकिन जब हमारी बेटियां ब्लैकमेल की शिकार होती है तो फिर इसका असर संपूर्ण समाज पर पड़ता है। यह माना कि बेटी को भी बेटे की तरह स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन जब समाज में बुरी नीयत वाले युवा भी हो तो फिर बेटियों ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। पैरवी नहीं करने का फैसला: विजयनगर और अजमेर जिला बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि ब्लैकमेल कांड के आरोपियों की कोई भी वकील अदालत में पैरवी नहीं करेगा। सवाल उठता है कि क्या वकील समुदाय अपने इस फैसले पर अडिग रहेगा? पूर्व में जब अजमेर शहर में ऐसा ही कांड हुआ था, तब भी वकीलों ने पैरवी नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में अनेक वली पैरवी करने के लिए अदालतों में उपस्थित हो गए। आरोपियों के वकीलों के कानूनी दांव पेंच के कारण पीड़िताओं को आज तक अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील: अजमेर के रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने विजयनगर प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह मामला सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ा है। अभिभावकों का भी दायित्व है कि वे अपने बचें को ख्याल रखे। बच्चे स्कूल कॉलेज में सिक तरह पढ़ाई कर रहे हैं इसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। उन्होंने माता-पिता के साथ बच्चों के संवाद को जरूरी बताया। आईजी ओम प्रकाश ने कहा कि उन्होंने तो अपना मोबाइल नंबर 8764853020 सार्वजनिक कर रखा है। इस मोबाइल नंबर पर कोई भी पीड़ित व्यक्ति वाट्सएप तकनीक से अपनी परेशानी दर्ज करवा सकता है। मोबाइल पर प्राप्त शिकायत की निगरानी वह स्वयं करते हैं। अजमेर रेंज में अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, ब्यावर, नागौर और डीडवाना जिले आते हैं। जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपील की है। कुख्यात अफीम तस्कर दिनेश सारण की गिरफ्तारी के बाद विकास कुमार ने कहा कि पिछले दस माह में नशीले पदार्थों की तस्करी के पचास से भी अधिक मामले उजागर किए गए है पुलिस तो तस्करों की कमर तोड़ रही है, लेकिन युवाओं और अभिभावकों को भी जागरूकता दिखाने की जरूरत है। अपने बच्चों को नशे की लत से बचने का दायित्व अभिभावकों का भी है। आईजी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आज युवा पीढ़ी नशे की शिकार हो रही है। S.P.MITTAL BLOGGER (19-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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