Saturday, 15 February 2025
महाकुंभ के 34 दिनों में 50 करोड़ ने स्नान किया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज। - हर दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा सफल रही। - देश की राजनीति में भी भाजपा को अपार सफलता। - देशवासियों को और क्या चाहिए ?
प्रयागराज में चल रहे 45 दिवसीय महाकुंभ में 15 फरवरी को 34 वां दिन रहा। इन 34 दिनों में सनातन धर्म में आस्था रखने वाले 50 करोड़ श्रद्वालुओं ने गंगा स्नान किया। दुनिया में ऐसा कोई पर्व नहीं रहा जिसमें 34 दिनों में 50 करोड़ लोग एकत्रित हुए हो, इसीलिए 15 फरवरी को महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में भी दर्ज होगी। 13 जनवरी को मकर संक्रांति शुरू से हुए महाकुंभ का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। यानि अभी महाकुंभ के 11 दिन शेष है। माना जा रहा है कि शेष 11 दिनों में 10 करोड़ से भी ज्यादा सनातनी महाकुंभ में स्नान करेगें।
जो सनातनी महाकुंभ में जाने में समर्थ है वह मौका नहीं चूक रहा है। यदि भारत में सनातनियों की संख्या 100 करोड़ आंकी जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या में श्रृद्धालु महाकभ का स्नान कर रहे है। शायद ही कोई घर-परिवार बचा रहेगा जिसके एक भी सदस्य ने महाकुंभ का स्नान न किया हो। सनातन धर्म को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले दलों के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस के नेता भी महाकुंभ का स्नान कर रहे है। सब जानते हैं कि प्रयागराज में करोड़ों ऋद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी सहयोग, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिला है। केन्द्र और राज्य सरकार के आपसी तालमेल की वजह से ही 60 करोड़ सनातनी महाकुंभ में स्नान कर पा रहे है। आज देश के हर घर में महाकुंभ की चर्चा हो रही है।
अमेरिकी यात्रा सफल :-
14 फरवरी की देर रात को पीएम मोदी अमेरिका से भारत लौट आए। टीवी चैनलों पर देखा गया कि पीएम मोदी के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुर्सी को आगे-पीछे सरकाया ताकि भारत के प्रधानमंत्री को असुविधा न हो। इस एक दृश्य से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में भारत का कितना दबदबा है। खुद ट्रंप ने माना कि मौल-भाव करने में नरेन्द्र मोदी मुझसे ज्यादा होशियार है। ट्रंप के इस कथन से भी पता चलता है कि दोनों देशों के बीच कारोबार को लेकर जो समझौते हुए उसमें भारत का पलड़ा भारी रहा है। ट्रंप ने गत 20 जनवरी को ही राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया है। मात्र एक पखवाड़े में ही पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा दुनिया भर में बहुत मायने रखती है। एशिया उपमहाद्वीप में अमेरिका अब भारत को नेता मानता है। बांग्लादेश के मुद्दे पर ट्रंप ने साफ कहा कि नरेन्द्र मोदी जो फैसला करेंगे उस पर मेरी सहमति होगी। मालूम हो कि मुस्लिम देश बांग्लादेश में इन दिनों निर्वाचित सरकार नहीं है। बांग्लादेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। अब जब अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भारत के फैसले को स्वीकारा है तो इससे भी पीएम मोदी के दबदबे का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भाजपा को सफलता :-
दिल्ली में जीत के बाद देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है। खुद नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने है। यानि अपनी पार्टी से लेकर देश को आगे बढ़ाने मे और मजबूत करने में नरेन्द्र मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस के नेता, उद्योग पति गौतम अडाणी को लेकर भले ही मोदी पर आरोप लगाए, लेकिन मोदी ने दर्शा दिया है कि देश में और देश के बाहर उन्होंनें बेहतर काम किया है। सवाल उठता है कि एक नेता से और क्या चाहिए ? आज भारत आर्थिक क्षेत्र में दुनिया की तीसरी शक्ति बनने जा रहा है। इसका फायदा आम देशवासियों को मिल रहा है। 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगना बताता है कि देशवासी आर्थिक दृष्टि से कितने समृद्ध हो रहे है।
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