Tuesday, 4 February 2025

धर्मांतरण विरोधी बिल राजस्थान विधानसभा में पेश। अब आदिवासी और मगरा क्षेत्र में नहीं हो सकेगा सामूहिक धर्म परिवर्तन। चंगाई और धन का लालच देकर करवाया जा रहा है धर्म परिवर्तन। आखिर बाड़मेर के सेड़वा अस्पताल के प्रकरण में आरोपी एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हो रही?

3 फरवरी को राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पेश कर दिया गया। सत्तारूढ़ भाजपा का प्रयास है कि इस बिल को मौजूदा बजट सत्र में स्वीकृत करवा लिया जाए। विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर लगेगी और तभी बिल के कानून प्रभावी होंगे। कानून प्रभावी होने के बाद राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ तथा अजमेर के मगरा क्षेत्र में सामूहिक धर्म परिवर्तन पर अंकुश लगेगा। सब जानते हैं कि आदिवासी क्षेत्रों में बीमारी ठीक करने के नाम पर ही धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है। साथ ही मगरा क्षेत्र में धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन की शिकायत आम है। भाजपा के नेताओं ने ही आरोप लगाया है कि मगरा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए समुदाय विशेष के लोग धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। मगरा क्षेत्र में कुछ ऐसी जातियां है, जिनके लोग होली दीपावली पर्व के साथ साथ ईद भी मानते हैं। ऐसी जातियों के लोगों का धर्म परिवर्तन करना आसान होता है। यही वजह है कि मगरा क्षेत्र के अनेक गांवों का सामाजिक बदलाव ही हो गया है। धर्म परिवर्तन के बाद संबंधित लोग ज्यादा कट्टरपंथी हो जाते हैं। लेकिन बिल के मंजूर होने के बाद सामूहिक धर्म परिवर्तन पर नियंत्रण होगा। राजस्थान के संदर्भ में यह बिल बहुत महत्वपूर्ण है। प्रावधानों के अनुसार मर्जी से भी धर्म परिवर्तन करने वालों को 60 दिन पहले ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम और शहरी क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट को लिखित में जानकारी देनी होगी। आखिर कार्यवाही क्यों नहीं: राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में सेवारत चिकित्सकों ने 4 फरवरी को भी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। 3 फरवरी को राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर सभी चिकित्सक प्रात: 9 से 11 बजे तक पेन डाउन हड़ताल पर रहे। चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि 1 फरवरी को बाड़मेर के सेंडवा सीएचसी में चिकित्सक रामस्वरूप रावत के साथ एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई ने बदसलूकी की। इस बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार दोषी एसडीएम के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर रही है। सरकार ने जल्द ही एसडीएम विश्नोई के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। डॉ. चौधरी ने कहा कि एसडीएम विश्नोई ने अपने पद के घमंड में चिकित्सक रावत का अपमान किया। डॉ. चौधरी ने बताया कि एसडीएम विश्नोई पूर्व में भी निलंबित हो चुके हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (04-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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