Saturday, 15 February 2025
सचिन पायलट से ने तो कुंभ स्नान कर लिया। अब अशोक गहलोत कब करेंगे ?
राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीकाराम जूली कितना भी शोर - गुल कर ले, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के नेता के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ही पहचान है। कहा जा सकता है कि राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति इन दोनों नेताओं के ईद गिर्द ही घूमती है। मीडिया में भी इन दोनों नेताओं के बयानों को ही प्राथमिकता दी जाती है। अशोक गहलोत ने अपने पिछले 5 वर्षों के मुख्यमंत्री काल में सचिन पायलट को राजनैतिक दृष्टि से कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पायलट की लोकप्रियता आज भी पूरे प्रदेश में बनी हुई है। यही वजह रही कि 13 फरवरी को जब सचिन पायलट ने प्रयागराज में महाकुंभ में स्नान किया तो प्रदेश भर में यह सवाल उठा कि अब अशोक गहलोत महाकुंभ में कब जाएगें ? कांग्रेस की राजनीति में मौजूदा समय, में गहलोत के मुकाबले पायलट का दबदबा ज्यादा है। पायलट मौजूदा समय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी है। पायलट पर गांधी परिवार खासकर राहुल गांधी का भरोसा है। जबकि गहलोत पर गांधी परिवार का भरोसा समाप्त हो गया है। गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए गांधी परिवार के खिलाफ जो बगावत की उसे राहुल गांधी भुला नहीं पा रहे है। महाकुंभ में स्नान कर सचिन पायलट ने सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा प्रदर्शित की है, जब कि अशोक गहलोत तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुए महाकुंभ की व्यवस्थाओं की आलोचना कर रहे है। राजनीति को समझने वालों का मानना है कि पायलट के महाकुंभ के स्नान का सनातनियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। महाकुंभ के स्नान के बाद प्रदेश में सचिन पायलट की एक अलग ही छवि सामने आयी है।
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