Thursday, 6 February 2025

जिन मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई, उन्हीं के स्मारक को दंगाइयों ने ढाह दिया। इजरायल को आतंकियों से बचाने के लिए अमेरिका गाजा पर अपना नियंत्रण चाहता है। इन घटनाओं का असर 25 करोड़ की मुस्लिम आबादी वाले भारत पर भी पड़ेगा।

भारत की सीमा से सटे मुस्लिम देशा बांग्लादेश में कट्टरपंथी दंगाई हिंदुओं पर ही नहीं बल्कि मुसलमानों पर भी अत्याचार कर रहे है। जिन शेख मुजीबुर्ररमान के ढाका स्थित आवास (स्मारक) को दंगाइयों ने 5 फरवरी की रात को गिरा दिया। इतना ही नहीं मुजीबुर्ररहमान के रिश्तेदारों के घरो में भी तोडफ़ोड़ की गई। दंगाइयों के कारण ही मुजीबुर्ररमान की बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री रहते हुए बांग्लादेश से भाग कर भारत में शरण लेनी पड़ी। कट्टरपंथी दंगाई अब शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही मौत के घाट उतार रहे हैं। दंगाइयों ने जब मुजीबुर्ररहमान के स्मारक को ही ढाह दिया तो बांग्लादेश में हिंदू धर्म स्थलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। आज बांग्लादेश में मुसलमान ही मुसलमानों को मौत के घाट उतार रहे हैं। भारत में जो लोग वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें बांग्लादेश के हालातों को देखना चाहिए। वक्फ एक्ट में संशोधन का विरोध करने वाले माने या नहीं, लेकिन जब कट्टरपंथी हावी होते हैं, तो सबसे ज्यादा आम लोगों खासकर मुसलमानों को ही होता है। बांग्लादेश में आम मुसलमान को हिंदुओं उन मुसलमानों के साथ है, जिन्होंने बांग्लादेश को आजादी दिलवाई। सवाल उठता है कि आखिर बांग्लादेश में कौन से मुसलमान है, जो देश को आजादी दिलवाने वालों का ही विरोध कर रहे हैं? गाजा पर नियंत्रण: डेढ़ वर्ष पहले मध्य पूर्व में फिलिस्तीन स्थित गाजा पट्टी पर सक्रिय मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर जो आतंकी हमला किया उसके बाद जवाबी कार्यवाही में इजरायल ने गाजा को मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया। एक अनुमान के अनुसार चालीस हजार से भी ज्यादा मुसलमानों की मृत्यु हुई। भले ही इजरायल को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा हो, लेकिन अमेरिका की मदद से इजरायल ने हमास और उससे जुड़े अन्य कट्टरपंथी संगठनों को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम हो गया है, तब अमेरिका चाहता है कि गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में ले लिया जाए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 5 फरवरी को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में लेकर पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगा। गाजा में जो नागरिक शेष बचे हैं, उन्हें पड़ोसी देशों में बसाया जाएगा। यानी अमेरिका नहीं चाहता कि गाजा में फिर से हमास जैसे कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हो और इजरायल पर आतंकी हमला करे। डोनाल्ड ट्रंप की इस घोषणा से दुनिया भर के इस्लामिक देशों खासकर अरब के देशों में खलबली मच गई है। लेकिन इस्लामिक देशों को भ पता है कि डोनाल्ड ट्रंप जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं। इस बीच कई देशों का मानना है कि यदि गाजा पट्टी अमेरिका के नियंत्रण में आती है, तो मध्य पूर्व में शांति की नई पहल होगी। पूर्व में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जो समझौता हुआ, उसके बाद माना गया कि मध्य पूर्व में शांति हो जाएगी, लेकिन गाजा में हमास, हिजबुल्ला जैसे कट्टरपंथी संगठन सक्रिय हो गए, जिसका परिणाम हाल ही का इजरायल और हमास का युद्ध रहा। इस युद्ध में ईरान जैसे इस्लामिक देश भी चपेट में आ गए। मध्यप्रदेश में शांति के लिए गाजा पट्टी में शांति होना जरूरी है। भारत पर असर: यूं तो दुनिया में अनेक मुस्लिम देश हैं, लेकिन सबसे ज्यादा 25 करोड़ मुसलमान भारत में रहते हैं। यही वजह है कि मुस्लिम देशों में होने वाली घटनाओं का असर भारत पर भी पड़ता है। जब इजरायल ने गाजा पर हमले किए, तब भारत में भी हमास के समर्थन में जुलूस निकले। भारतीय मुसलमानों ने इजरायल के हमलों की निंदा की। चूंकि बांग्लादेश तो सीमा से जुड़ा हुआ है, इसलिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में ही शरण ली। 1972 में भी भारत के सैन्य दखल के बाद ही बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी मिली थी। भारत में भी हजारों मुसलमान शेख हसीना की नीतियों के समर्थक है। S.P.MITTAL BLOGGER (06-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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