Saturday 15 September 2018

मोबाइल हो गया है सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण।

मोबाइल हो गया है सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण। मौतों के मामले में भारत पहले नम्बर पर। अजमेर में हुई वर्कशाॅप।
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15 सितम्बर को अजमेर में राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी और हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में सड़क दुर्घटना और मीडिया कवरेज पर एक कार्यशाला हुई, इस कार्यशाला में जिले भर के थाना अधिकारी, टेªफिक पुलिस के एएसपी राजेश सिंह, डीएसपी निलीमा च ौधरी, एडीजे राकेश गोरा, दैनिक नवज्योति के प्रधान सम्पादक दीनबंधु च ौधरी, हिन्दुस्तान जिंक के कायड़ यूनिट हैड बलवंत सिंह राठौड़, भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी वीरेन्द्र सिंह राठौड़ (सिंगावल) आदि उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में स्पेशल गेस्ट के तौर पर मैंने कहा कि बदलते माहौल में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण मोबाइल फोन हो गया है। सरकार ने कानून बना रखे हैं, लेकिन ऐसे कानून प्रभावी नहीं है। दुर्घटना के बाद मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत पुलिस और मीडिया कर्मियों को भी है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ साफ कह दिया है कि घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले से कोई पूछताछ नहीं होगी। मेरा यह भी कहना रहा कि जिस प्रकार आम लोगों के वाहनों का बीमा होता है उसी प्रकार सरकार के वाहनों का भी बीमा होना चाहिए। वर्तमान में पुलिस के वाहनों का बीमा नहीं होता। पुलिस कर्मी जिस वाहन में बैठकर आम लोगों के वाहनों के बीमे के कागजात चेक करते हैं उन्हीं पुलिस वाहनों का बीमा नहीं है। सरकार को ई-रिक्शा को लेकर कोई कानून बनाना चाहिए, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में इन वाहनों से दुर्घटनाएं हो रही है। कार्यशाला में भारत सरकार के अधिकारी वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उनकी सोसायटी पिछले कई वर्षों से सड़क दुर्घटना और सड़क सुरक्षा पर कार्य कर रही है। क्योंकि मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए किस प्रकार से रिपोेर्टिंग की जाए महत्वपूर्ण है। खबरों में यह बात लिखी जाए कि दुर्घटना की वजह क्या थी। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में मौते भारत में ही होती है। असल में हमारे यहां सड़क सुरक्षा और दुर्घटना को लेकर कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। आमतौर पर यह माना जाता है कि ड्राइवर की गलती और ओवर स्पीड से दुर्घटना हुई है। जबकि दुर्घटना के अन्य कारण भी होते हैं। इनमें सबसे ज्यादा मौते नेशनल हाईवे पर हो रही है। टोल वसूलने वाली कंपनी को सड़क पर जो इंजीनियरिंग करनी होती है, वह भी नहीं की जा रही है। कार्यशाला में दैनिक नवज्योति के प्रधान सम्पादक दीनबंधु च ौधरी ने कहा कि उनके अखबार में सड़क दुर्घटना की खबर के साथ दुर्घटना के कारणों की जानकारी भी विस्तार से लिखी जाएगी। कार्यशाला में हिन्दुस्तान जिंक के यूनिट हैड राठौड़ ने कहा कि कायण स्थित खनन क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम किए गए हैं। टाइम्स आफ इंडिया के सहायक सम्पादक दीपक दास ने भी रिपोर्टिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में एएसपी राजेश सिंह, एडीजे राकेश गोरा, डीएसपी निलीमा च ौधरी, अजमेर प्रेस क्लब के महासचिव विनीत लोहिया आदि ने भी विचार प्रकट किए। जेपी रिसर्च संस्था के प्रमुख जेपी सोनी ने सड़क दुर्घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी वीरेन्द्र सिंह राठौड सिंगावल गांव के रहने वाले हैं और राठौड़ ने सड़क सुरक्षा कानून विषय पर पीएचडी कर रखी है। राठौड़ ने सड़क सुरक्षा पर कई पुस्तकें लिखी है। सोसायटी के कामकाज के बारे में मोबाइल नम्बर 9413313218 पर ली जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल) (15-09-18)
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