Saturday 15 September 2018

तो ख्वाजा साहब की दरगाह में हाजरी लग गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की।

तो ख्वाजा साहब की दरगाह में हाजरी लग गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की। खादिमों के अध्यक्ष मोईन सरकार ने कहा- आप जैसा प्रधानमंत्री आज तक नहीं देखा। अजमेर कलेक्टर आरती डोगरा की वाह-वाही। जियारत के लिए आ सकते हैं पीएम।
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इसे एक रणनीति ही कहा जाएगा कि 14 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंदौर की सैफी मस्जिद में आयोजित असरा मुबारक के कार्यक्रम में शरीक हुए, तो 15 सितम्बर को विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमेर स्थित ऐतिहासिक दरगाह में सीधा संवाद किया। आगामी 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता ही सेवा है अभियान के शुभारंभ पर 15 सितम्बर को पीएम मोदी ने वीडियो काॅन्फ्रेंस तकनीक के जरिए देशभर के प्रमुख स्थानों से सम्पर्क साधा। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के अंदर बने ऐतिहासिक महफिल खाने की छत पर सैटेलाइट तकनीक के इस्तेमाल किए गए। पूरी दुनिया के मुसलमानों के बीच ख्वाजा साहब का उदार चेहरा है। चूंकि ख्वाजा साहब ने ही सूफीवाद को बढ़ावा दिया, इसलिए भारत में यह माना जाता है कि ख्वाजा साहब के सूफीवाद से ही हिन्दू और मुसलमानों में भाई चारा कायम रह सकता है। ख्वाजा साहब के संदेश को बढ़ाने में दरगाह के खादिमों की खास भूमिका है। यहां खादिम समुदाय की दो संस्थाएं बनी हैं। इसलिए पीएम मोादी से सीधे संवाद के लिए खादिमों की संस्था सैय्यद जादगान के अध्यक्ष मोइन सरकार और शेखजादगान के अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती का चयन किया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए नहीं आए हैं। लेकिन 15 सितम्बर को मोइन सरकार ने जब मोदी से सीधा संवाद किया तो उन्होंने बेझिझक कहा- मोदी जी आपकी हाजरी आज ख्वाजा साहब के दरबार में लग गई है, क्योंकि हम लोग दरगाह के अंदर बैठकर ही आप से बात कर रहे हैं। आप देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो सीधा संवाद कर रहे हैं। हमें खुशी ही नहीं बल्कि गर्व महसूस हो रहा है कि आप जैसा व्यक्ति देश की कप्तानी कर रहा है। मोइन सरकार ने मोदी को बताया कि ख्वाजा साहब की पवित्र मजार पर हिन्दुओं के तीर्थ स्थल पुष्कर से आए गुलाब के फूल पेश किए जाते हैं। अब इन फूलों की खाद बनाकर जायरीन को बांटने का काम किया जा रहा है। दरगाह में प्रतिदिन 50 हजार जायरीन जियारत के लिए आते हैं। हम खादिम समुदाय 50 हजार जायरीन को जब मजार शरीफ पर चढ़े फूलों से बनी खाद के पैकेट देंगे तो ऐसे जायरीन अपने घरों के गमलों में इस खाद का इस्तेमाल करेंगे, तब आपका स्वच्छता अभियान ज्यादा सफल होगा। मोइन सरकार ने कहा कि आप देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो ख्वाजा साहब की दरगाह का विकास पारदर्शिता के साथ करवा रहे हैं। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों से हिन्दुस्तान जिंक के द्वारा 61 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। इससे दरगाह क्षेत्र में साफ सफाई का काम होगा। इसी कार्यक्रम में अंजुमन शेाजादगान अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती ने पीएम मोदी का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। चिश्ती ने कहा कि आपके प्रयासों से ही अजमेर शरीफ स्मार्ट सिटी बन रहा है। 
पीएम गद्दः
ख्वाजा साहब की दरगाह के 5 हजार से भी ज्यादा खादिमों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद से पीएम मोदी भी गद्द नजर आए। पीएम ने दोनों प्रतिनिधियों के संबोधन के दौरान तालियां बजाई। पीएम ने कहा कि पूर्व में गुलाब के फूलों को तालाबों में डाला जाता था, लेकिन अब खाद बनने से जल स्त्रोत भी स्वच्छ होंगे। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ होगा। पीएम ने दरगाह से जुड़े सभी लोगों का आभार जताया।
कलेक्टर की वाहवाहीः
अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के अंदर से मुस्लिम प्रतिनिधियों की प्रधानमंत्री से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग करवाना जोखिम भरा कार्य था, लेकिन अजमेर की जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने इस जोखिमपूर्ण चुनौती को स्वीकार किया और बिना किसी बाधा के दरगाह से पीएम का सीधा संवाद करा दिया।  कलेक्टर की भूमिका से सीधा संवाद ही नहीं हुआ, बल्कि खादिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी की प्रशंसा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सीधे संवाद के दौरान पीएम के सामने गड़बड़ी न हो इसके लिए एक दिन पहले ही कलेक्टर ने दोनों अध्यक्षों के साथ संवाद का रिहर्सल किया। दरगाह के ऐतिहासिक महफिल खाने की छत पर छतरी लगाने आदि का कार्य भी करवाना महत्वपूर्ण था। कलेक्टर ने इतनी सतर्कता बरती की सुबह से ही महफिल खाने की छत पर किसी को भी नहीं जाने दिया।
जियारत के लिए आ सकते हैं पीएमः
जानकार सूत्रों की माने तो दरगाह से सीधा संवाद सफल हो जाने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दरगाह आने और जियारत करने की संभावना बढ़ गई है। राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का समापन इसी माह के अंतिम दिनों में हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ स्थल में होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार इस समारोह में मोदी भी भाग लेंगे। पुष्कर और अजमेर की दूरी मात्र दस किलोमीटर है। पीएम जब पुष्कर में पूजा अर्चना करेंगे तो जियारत के लिए दरगाह भी आएंगे। 
एस.पी.मित्तल) (15-09-18)
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