अजमेर के निकट बैजनाथ की पहाडिय़ों पर 21 जून की आधी रात को जो 11 वर्षीय ग्रामीण बालिका का शव बरामद हुआ है, उसमें पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि 11 वर्षीय ग्रामीण बालिका के साथ बलात्कार के बाद जिस तरह निर्मम तरीके से हत्या की गई है,वह एक सामाजिक बुराई भी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने रात को ही शव बरामद कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में भी ले लिया गया है। चूंकि बलात्कार और हत्या का मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है, इसलिए अगले 48 घंटे में अदालत में आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट पेश कर दी जाएगी। शर्मा ने बताया कि 22 जून सुबह ही राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने भी इस मामले में सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस इस मामले में कोई कोताही नहीं बरत रही है। लेकिन हम सब को इस पर भी मंथन करना चाहिए कि आखिर एक मासूम बालिका के साथ बलात्कार के बाद हत्या जैसा अपराध क्यों हो रहा है?
बकरियां चराने निकली थी घर से:
बलात्कार और हत्या की शिकार 11 वर्षीय बालिका निकटवर्ती होकरा गांव की रहने वाली है। बालिका के माता पिता मजदूरी का काम करते हैं। चूंकि इन दिनों स्कूल बंद हैं, इसलिए यह बालिका ही बकरियां को चराने ले जाती थी। रोजाना की तरह 21 जून को भी प्रात: 10 बजे घर से बकरियां चराने निकली थी, लेकिन जब शाम तक बालिका वापस नहीं आई तो परिजनों ने तलाशी का काम शुरू किया। गांव के ही कुछ लड़कों ने बताया कि वह बैजनाथ की पहाड़ी की ओर गई थी। युवकों की इस जानकारी पर ही रात 12 बजे बालिका का शव पहाड़ी से बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार बालिका अर्धनग्न स्थिति में मिली और उसका मुंह पत्थर से कुचला हुआ था। यानी हत्यारे ने बलात्कार के बाद बेरहमी से बालिका की हत्या की। 22 जून को सुबह पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत के नेतृत्व में पुष्कर के अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जब तक आरोपियों को पकड़ा नहीं जाएगा, तब तक शव की सुपुर्दगी नहीं ली जाएगी। हालांकि बाद में पुलिस की समझाइश के बाद विधायक रावत और उनके समर्थकों ने धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया।
बकरियां चराने निकली थी घर से:
बलात्कार और हत्या की शिकार 11 वर्षीय बालिका निकटवर्ती होकरा गांव की रहने वाली है। बालिका के माता पिता मजदूरी का काम करते हैं। चूंकि इन दिनों स्कूल बंद हैं, इसलिए यह बालिका ही बकरियां को चराने ले जाती थी। रोजाना की तरह 21 जून को भी प्रात: 10 बजे घर से बकरियां चराने निकली थी, लेकिन जब शाम तक बालिका वापस नहीं आई तो परिजनों ने तलाशी का काम शुरू किया। गांव के ही कुछ लड़कों ने बताया कि वह बैजनाथ की पहाड़ी की ओर गई थी। युवकों की इस जानकारी पर ही रात 12 बजे बालिका का शव पहाड़ी से बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार बालिका अर्धनग्न स्थिति में मिली और उसका मुंह पत्थर से कुचला हुआ था। यानी हत्यारे ने बलात्कार के बाद बेरहमी से बालिका की हत्या की। 22 जून को सुबह पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत के नेतृत्व में पुष्कर के अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जब तक आरोपियों को पकड़ा नहीं जाएगा, तब तक शव की सुपुर्दगी नहीं ली जाएगी। हालांकि बाद में पुलिस की समझाइश के बाद विधायक रावत और उनके समर्थकों ने धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया।
S.P.MITTAL BLOGGER (22-06-2021)
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