Monday 28 June 2021

जम्मू कश्मीर के पुलिसकर्मियों की हत्या और एयरफोर्स स्टेशन पर हमले पर आतंकियों और पाकिस्तान की निंदा क्यों नहीं करतीं ममता बनर्जी और महबूबा मुफ्ती?

27 जून की रात को पुलवामा में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकियों ने यह कायराना कृत्य फैयाज के घर में घुसकर किया। पिछले 10 दिनों में जम्मू कश्मीर पुलिस के तीन जवानों की इस तरह हत्या की गई है। 27 जून को ही जम्मू के एयरफोर्स  स्टेशन पर ड्रोन के माध्यम से विस्फोटक सामग्री गिराई गई। सूत्रों के अनुसार रात के अंधेरे में की गई, कार्यवाही में पाकिस्तान का हाथ है। सवाल उठता है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की हत्या और एयरफोर्स स्टेशन पर विस्फोटक गिराने के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती आतंकियों और पाकिस्तान की निंदा क्यों नहीं करती हैं? यह सवाल इसलिए उठा है कि ये दोनों महिला राजनेता जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ हैं। ममता को लगता है कि 370 को हटाने से दुनिया में भारत की बदनामी हुई है तथा महबूबा चाहती हैं कि 370 के प्रावधानों को फिर से बहाल किया जाए। महबूबा का तो मानना है कि जब तक पाकिस्तान से संवाद नहीं होगा, तब तक जम्मू कश्मीर में शांति नहीं होगी। अपनी ऐसी ही सोच के चलते दोनों महिला नेत्री आतंकियों और पाकिस्तान की निंदा नहीं करती हैं। किसी परिवार में मौत का मातम क्या होता है, यह इन दोनों नेत्रियों को शहीद फैयाज अहमद के घर जाकर देखना चाहिए। जिस घर में तीन तीन शव रखे हों, उस घर के सदस्यों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। ममता और महबूबा बताएं कि आखिर फैयाज अहमद का कसूर क्या था? क्या अपने प्रदेश की पुलिस में काम करना जुर्म हैं? वो आतंकी कितने निर्दयी होंगे जिन्होंने फैयाज के साथ साथ उनकी पत्नी और बेटी को भी गोली मार दी। ममता बनर्जी और महबूबा की सोच चाहे जो भी हो, लेकिन देश के सवा सौ करोड़ भी हैं कि शहीद फैयाज का इकलौता बेटा भी इंडियन आर्मी में है। फैयाज के परिवार की इससे बड़ी देशभक्ति नहीं हो सकती। जम्मू कश्मीर में शांति के लिए भले ही पाकिस्तान से संवाद करने के लिए दबाव बनाया जा रहा हो, लेकिन वहीं पाकिस्तान ड्रोन तकनीक से जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर विस्फोटक सामग्री गिरवा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी दोनों नेत्री आतंकियों और पाकिस्तान की निंदा नहीं कर रही हैं। उल्टे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर फायदा पहुंचाने वाले बयान दे रही हैं। यह भारत का ही लोकतंत्र हैं जिसमें ममता बनर्जी लगातार तीसरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी हैं। असल में जैसे जैसे जम्मू कश्मीर में शांति मजबूत हो रही है, वैसे वैसे आतंकी अपने वजूद को कायम रखने के लिए कायराना हरकतें कर रहे हैं। 370 को निष्प्रभावी होने के बाद कश्मीरियों को रोजगार और समृद्धि भी मिलने लगी है। इससे परेशान होकर आतंकी गतिविधियां करवाई जा रही है। अब चूंकि विधानसभा चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य हो रहा है, इसलिए पाकिस्तान और आतंकियों में कुछ ज्यादा ही बौखलाहट है। परिसीमन के बाद होने वाले चुनाव में महबूबा जैसी नेताओं की पोल खुल जाएगी। 
S.P.MITTAL BLOGGER (28-06-2021)
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