Sunday 20 June 2021

तो क्या राजस्थान और पंजाब में बेअसर हो गया है गांधी परिवार?पंजाब में गांधी परिवार की बनाई कमेटी का मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह पर कोई असर नहीं तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह भी पसंद नहीं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से बात करे।

राजस्थान और पंजाब में कांग्रेस की सरकारें हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस शासित इन दोनों ही राज्यों में अब कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले गांधी परिवार का असर समाप्त हो गया है। सब जानते हैं कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर पंजाब के लिए मल्लिकार्जुन खडग़े के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में कांग्रेस के 25 विधायकों ने कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट गांधी परिवार को सौंप दी। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह पर कोई असर नहीं हुआ। 15 दिन गुजर जाने के बाद भी सिद्धू की कोई बात नहीं मानी गई है। अमरेन्द्र सिंह ने समझा दिया है कि यदि मुझे पर दबाव बनाया गया तो कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी। पंजाब में अगले वर्ष मार्च में चुनाव होने हैं। पंजाब जैसी स्थिति अब गांधी परिवार की राजस्थान में हो गई है। सीएम अशोक गहलोत गांधी परिवार के प्रति वफादार तो हैं, लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं कि असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से गांधी परिवार का कोई सदस्य बात करें। अब गहलोत भी इशारा कर रहे हैं कि यदि पायलट को तवज्जो दी गई तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी। इशारे का मतलब समझने के लिए ही 13 निर्दलीय और 6 बसपा वाले कांग्रेसी विधायक 23 जून को जयपुर में एक बैठक कर रहे हैं। सीएम गहलोत भले ही 15 अगस्त तक सीएमआर में क्वारंटीन हो, लेकिन इन 19 विधायकों की बैठक गहलोत की पहल पर ही हो रही है। इस बैठक के माध्यम से गांधी परिवार को यह बताया जाएगा कि यदि सचिन पायलट के समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया गया तो हम लोग (19 विधायक) गहलोत सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे। असल में राजस्थान में 200 में से कांग्रेस के करीब 100 विधायक हैं, लेकिन गत वर्ष पायलट के साथ 18 कांग्रेसी विधायकों के दिल्ली चले जाने पर गहलोत ने 110 विधायकों का जुगाड़ कर लिया था। गहलोत चाहते हैं कि पायलट की बगावत के समय जिन विधायकों ने सरकार बचाई, उन्हें सरकार में भागीदार बनाया जाए, जबकि गांधी परिवार चाहता है कि सचिन पायलट को भी सरकार में सम्मान मिलना चाहिए। लेकिन फिलहाल गांधी परिवार पर गहलोत की रणनीति भारी पड़ी रही है। गांधी परिवार माने या नहीं लेकिन अब राजस्थान और पंजाब में वो ही होगा, जो अशोक गहलोत और अमरेन्द्र सिंह चाहते हैं। पायलट से समझौता करवाने के लिए कमेटी तो राजस्थान में भी बनी थी। कमेटी की अब क्या स्थिति है, वो सबके सामने है। एक समय था जब गांधी परिवार के सदस्य कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को रातों रात हटा दिया करते थे, लेकिन आज वही गांधी परिवार अशोक गहलोत और अमरेन्द्र सिंह के सामने लाचार नजर आ रहे है। सवाल उठता है कि इंदिरा गांधी के जमाने में क्या किसी में समर्थक विधायकों की बैठक करवाने की हिम्मत थी? लेकिन आज गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले 19 विधायक खुलेआम 23 जून को बैठक कर रहे हैं। यह कार्यवाही सीधे तौर पर गांधी परिवार पर दबाव बनाने के लिए है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2021)
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