Wednesday 9 June 2021

तो क्या बजरी के अवैध खनन के लिए राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी का सवार सुरक्षित स्थान है?दैनिक भास्कर की खबर से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। इसे कहते हैं रीढ़ की हड्डी तोडऩा। एक ट्रोला बजरी के वसूले जा रहे हैं 45 हजार रुपए।रघु शर्मा जब विपक्ष में थे, तब भाजपा पर लगाए थे बजरी के अवैध खनन के आरोप।

दैनिक भास्कर के 9 जून के अजमेर संस्करण के अंतिम पृष्ठ पर केकड़ी क्षेत्र के सावर से बनास नदी के पेटे से बजरी के अवैध खनन और कोटा में सप्लाई करने की खबर प्रमुखता से छपी है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भास्कर की खबर को झूठा नहीं बता सके, इसके लिए पुख्ता सबूत भी जुटाए गए। भास्कर के कोटा के संवाददाता अंकित राज सिंह चन्द्रावत का दावा है कि पिछले कई दिनों की मेहनत और स्टिंग ऑपरेशन कर सावर (केकड़ी) में बजरी के अवैध खनन के सबूत एकत्रित किए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि बजरी सावर से भरी जाती है, लेकिन वाहन चालकों के पास नागौर के खान विभाग की रसीद होती है। ताकि सावर से कोटा तक कोई रोक टोक नहीं हो। नागौर में लूणी नदी से बजरी खनन की अनुमति है, लेकिन खनन विभाग ने केकड़ी के सावर में बनास नदी के पेटे से बजरी निकालने की कोई अनुमति नहीं दे रखी है। इसलिए सावर से बजरी भरना अवैध खनन माना जाता है। भास्कर की खबर पर भरोसा करें तो सावर में बजरी के खनन पर कोई रोक टोक नहीं है। खान विभाग से लेकर पुलिस तक की आंखें बंद हैं। अवैध कारोबार में लगे लोग धड़ल्ले से सावर से बजरी को जेसीबी से ट्रॉलों में भरवाते हैं। एक ट्रोले के 45 हजार रुपए तक वसूले जाते हैं। यही ट्रोला औद्योगिक नगरी कोटा में 75 हजार रुपए में बिकता है। खान और पुलिस विभाग की आंखें सिर्फ सावर में ही बंद नहीं है बल्कि सावर से कोटा तक के मार्ग में बंद हैं। सावर की बजरी वाले ट्रोले को लॉकडाउन में भी किसी चैकपोस्ट पर रोकने की हिम्मत नहीं है। भास्कर को भी पता है कि सावर इलाका केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में आता है और केकड़ी का प्रतिनिधित्व प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा करते हैं। वैक्सीन की बर्बादी वाली खबर की तरह भास्कर बजरी वाली खबर को झूठा न बताया जा सके, इसके लिए खबर के साथ सावर में जेसीबी से भरे जा रहे ट्रोलों के फोटो भी प्रकाशित किए गए हैं। वीडियोग्राफी के जरिए भी अवैध कारोबारियों का सच एकत्रित किया गया है। ताकि यह साबित किया जा सके कि बजरी का अवैध खनन केकड़ी के सावर में ही हो रहा है। अब यह तो नहीं कहा जा सकता कि अवैध खनन की जानकारी क्षेत्रीय विधायक रघु शर्मा को है। यदि रघु शर्मा को जानकारी होती तो अवैध खनन नहीं हो सकता था। लेकिन यह सही है कि संपूर्ण केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में रघु शर्मा के बगैर पत्ता भी नहीं हिलता है। सभी महकमों में महत्वपूर्ण पदों पर रघु के निर्देशों पर ही नियुक्तियां होती हैं। ऐसी स्थिति में यदि सावर में इतने बड़े स्तर पर बजरी का अवैध खनन हो रहा है तो राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में चर्चा तो होगी ही। जो लोग बजरी का अवैध खनन कर करोड़ों रुपया प्रतिमाह कमा रहे हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी तोडऩे का काम भास्कर ने किया है। अब देखना है कि किन किन के दर्द होता है। यह बात अलग है कि रघु शर्मा जब विपक्ष में थे, तब इसी सावर से बजरी के अवैध खनन के आरोप आए दिन लगाते थे। तब केकड़ी के भाजपा विधायक और संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम और रघु शर्मा के बीच टकराव भी होता था। यदि उन दिनों के अखबार देखे जाएं तो पता चलेगा कि अवैध खनन पर रघु शर्मा कितने गुस्से में रहते थे। भास्कर में खबर छपने के बाद रघु शर्मा की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अलबत्ता बजरी का अवैध खनन करने वालों में खलबली मच गई है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (09-06-2021)
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