Thursday 3 June 2021

भास्कर अब जमीन में गड़ी और कचरे के ढेर में पड़ी वैक्सीन से भरी वायल निकाल कर लाया है।क्या अब भी राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भास्कर की खबर को झूठा बताएंगे?रघु शर्मा घमंड छोड़े और वैक्सीन की बर्बादी को रोके। यह घमंड मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी मुसीबत में डालेगा।

31 मई को दैनिक भास्कर में एक खबर में बताया कि राजस्थान के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना वैक्सीन की बर्बादी हो रही है। चिकित्सा कर्मी वैक्सीन से भरी वायल (शीशियां) को कचरे के ढेर में फेंक रहे हैं। भास्कर में ऐसी 500 वायल को एकत्रित कर बताया कि 2 हजार 500 डोज बर्बाद हो गए। भास्कर ने सिर्फ 8 जिलों के 35 सेंटरों से ही 500 वायल एकत्रित की थी। इससे प्रदेशभर में बर्बाद हुई वैक्सीन का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने ट्वीट कर भास्कर की खबर को ही झूठा बता दिया। शर्मा ने कहा कि एक भी वायल को कचरे में नहीं फेंका गया है। भास्कर ने जो 500 वायल एकत्रित की है उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव डालकर मांगा गया है। शर्मा ने न केवल भास्कर की खबर को झूठा बताया, उन पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही करने की धमकी दी जिन्होंने वायलों को एकत्रित किया। चूंकि रघु शर्मा ने देश के सबसे बड़े अखबार को चुनौती दी, इसलिए अब भास्कर ने 3 जून के अंक में वो जमीन और कचरे के ढेर बताए जहां अभी भी वैक्सीन से भरी वायल दबी या पड़ी हुई हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि खबर के साथ फोटो छापकर भास्कर ने जिंदा सबूत दे दिए हैं। भास्कर में अपना पत्रकारिता का धर्म निभा दिया है। सवाल वायलों को प्राप्त करने का नहीं है, अहम सवाल यह है कि भास्कर के पत्रकार वैक्सीन से भरी 500 सौ वायलों को एकत्रित करके लाए हैं। कायदे से तो चिकित्सा मंत्री को उन कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए थी, जिनकी लापरवाही से वैक्सीन का पूरा उपयोग नहीं हुआ। लेकिन रघु शर्मा ने अपने विभाग की खामियों को छिपाते हुए भास्कर की खबर को ही झूठा बता दिया। असल में रघु शर्मा जब से चिकित्सा मंत्री बने हैं तब से सत्ता का घमंड उन पर सिर चढ़कर बोल रहा है। घमंड भी ऐसा कि देश के सबसे बड़े अखबार की सही खबर को भी सार्वजनिक तौर पर झूठा बता रहे हैं। अच्छा होता कि रघु शर्मा खबर पर जांच करवाते और फिर कोई प्रतिक्रिया देते। अब जब वैक्सीन की बर्बादी के और सबूत दे दिए गए हैं, तब रघु शर्मा क्या कहेंगे? रघु शर्मा का ऐसा घमंड मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी परेशानी में डालेगा। एक और सीएम गहलोत केन्द्र से नि:शुल्क वैक्सीन की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है। एक डोज के बर्बाद होने का मतलब है एक व्यक्ति को वैक्सीन से वंचित करना। क्या वैक्सीन की बर्बादी आपराधिक कृत्य नहीं है? रघु शर्मा को चाहिए कि वे सत्ता के घमंड को छोड़कर वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के ठोस कदम उठाए ताकि वैक्सीन का पूरा सही उपयोग हो सके। भास्कर ने यदि प्रदेशभर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद की जांच पड़ताल की तो राजनीति के कई चेहरों से नकाब उतर जाएगा। सब जानते हैं कि प्रदेशभर के विधायकों ने अपने अपने विधायक कोष से 50 लाख रुपए तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए चिकित्सा विभाग को दिए हैं। किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने प्राप्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को अनुपयोगी बताते हुए लौटा दिए हैं। टाक ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि विधायक कोष की 28 लाख रुपए की राशि चिकित्सा विभाग से वापस करवाई जाए। इसी प्रकार अजमेर की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने आरोप लगाया है कि 30 हजार रुपए की कीमत वाला अनुपयोगी कंसंट्रेटर 83 हजार रुपए में खरीदा है। अब श्रीमती भदेल भी अपने 25 लाख रुपए वापस करने की मांग कर रही है। चिकित्सा विभाग ने जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे हैं उनसे प्रदेश के अधिकांश विधायक संतुष्ट नहीं हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (03-06-2021)
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