Tuesday 29 June 2021

ममता जी! जगदीप धनखड़ भ्रष्ट नहीं हो सकते। यह राजस्थानियों का अपमान है।

मैं जगदीप धनखड़ को तब से जानता हूं जब वे राजस्थान के अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। तब धनखड़ 1993 में विधायक बने थे। एक पत्रकार होने के नाते मेरी कई बार उनसे मुलाकात हुई। बाद में राजस्थान हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने पर भी धनखड़ से मेरा संपर्क करने पर भी धनखड़ से मेरा संपर्क बना रहा। धनखड़ भले ही राजनीति में ज्यादा सफल नहीं हुए हो, लेकिन उनकी वकालत हमेशा अच्छी चली। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के माध्यम से धनखड़ गृहमंत्री अमित शाह के संपर्क में आए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हरी झंडी मिलने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किए गए। धनखड़ पर यह आरोप लग सकता है कि उन्होंने कई निर्णय केन्द्र सरकार के इशारे पर लिए, लेकिन धनखड़ पर भ्रष्ट होने का आरोप नहीं लग सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह कथन गलत है कि धनखड़ भ्रष्ट हैं। ममता ने धनखड़ को भ्रष्ट बता कर राजस्थानियों का अपमान किया है। जहां तक राज्यपाल पद का सम्मान करने की बात है तो ममता बनर्जी जब देश के प्रधानमंत्री पद का ही सम्मान नहीं करती हैं तो फिर राज्यपाल का क्या करेंगी? ममता बनर्जी अच्छी तरज जानती है कि पश्चिम बंगाल खास कोलकाता में अधिकांश कारोबार राजस्थान मूल के निवासियों के पास है। चूंकि राजस्थानियों ने ईमानदारी से अपना व्यवसाय किया, इसलिए ईमानदारी ही व्यापार की सफलता बन गई। जगदीप धनखड़ उसी राजस्थान के निवासी हैं, जिनके छोटे से व्यापारी पर भी बंगाल के लोग आंख मीच कर भरोसा करते हैं। जगदीप धनखड़ को भ्रष्ट बता कर ममता ने बंगाल में रह रहे राजस्थानियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। भले ही ऐसे राजस्थानी फिलहाल डर और भय की वजह से चुप रहे, लेकिन समय आने पर ममता को जवाब भी दिया जाएगा। सवाल यह भी उठता है कि जब ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की सत्ता पर इतना तगड़ा कब्जा है, तब धनखड़ राजभवन में रह कर भ्रष्टाचार कैसे कर सकते हैं? यदि एक रुपए की भी गड़बड़ हुई होती तो ममता बनर्जी अपनी पुलिस को राजभवन भेज देती। ममता बनर्जी के आरोप के बाद धनखड़ भावुक हो गए। लोगों ने न्यूज चैनलों पर धनखड़ की आंखों में आंसू देखे, लेकिन धनखड़ को यह साबित करने की जरुरत नहीं है कि वे ईमानदार हैं। जिन करोड़ों बंगालियों का कोलकाता के राजस्थानियों पर भरोसा है वे राजस्थानी धनखड़ को ईमानदार मानते हैं। धनखड़ को झूठे आरोपों से विचलित होने की जरुरत नहीं है। अलस में ऐसे आरोप जगदीप धनखड़ जैसे बोल्ड राज्यपाल की हिम्मत तोड़ने के लिए लगाए गए हैं। धनखड़ चुनिंदा राज्यपालों में से एक हैं कि शपथ ग्रहण समारोह में भी मुख्यमंत्री को टोकने की हिम्मत रखते हैं। पूरा देश जानता है कि ममता के तीसरी बार शपथ लेने के बाद पश्चिम बंगाल में कितनी हिंसा हुई है। लाखों हिन्दुओं को पड़ौसी राज्य असम में शरण लेनी पड़ी है। इन सब हालातों का मुकाबला धनखड़  ने किया है। लाचार और बेबस लोगों के हिम्मत बंधाने के लिए धनखड़ ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। बंगाल में हो रही एकतरफा कार्यवाही का विरोध राज्यपाल धनखड़ ही कर रहे हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (29-06-2021)
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