अनलॉक किए जाने के बाद 28 जून को सुबह 5 बजे से अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर खुल गया। फिलहाल ये दोनों प्रमुख धार्मिक स्थल सायं चार बजे तक खुले रहेंगे। दरगाह में जहां जायरीन ने जियारत की तो वहीं ब्रह्मा मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया दोनों ही धार्मिक स्थलों पर कोविड 19 के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। दरगाह थाने के सीआई दलबीर सिंह ने बताया कि दरगाह से जुड़ी सभी संस्थाओं का आपसी तालमेल रहा, इसलिए दरगाह के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हुई। वहीं खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर जायरीन को मजार शरीफ पर फूल माला पेश करने की अनुमति देने की मांग की है। अंगारा शाह ने कहा कि फूल माला पेश (चढ़ाना) करना जायरीन की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है। यदि जायरीन की आस्था ही पूरी नहीं होगी, तो फिर क्या फायदा होगा? उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों पर लोग दूर दराज से आते हें, ऐसे फूल माला आदि चढाने का अवसर मिलना ही चाहिए। 28 जून को पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। मंदिर के प्रमुख पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ ने बताया कि ऑनलॉक के पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या कम रही है, लेकिन जैसे जैसे लोगों को मंदिर खुलने की जानकारी होगी, वैसे वैसे भीड़ बढ़ने लगेगी। मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जा रहा है। पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने उम्मीद जताई कि धार्मिक स्थल खुलने से अब पुष्कर में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। लॉकडाउन की वजह से तीर्थ पुरोहितों के समक्ष भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था।
डेल्टा का प्रवेश और धरना प्रदर्शनों की शुरुआत:
28 जून को प्रदेश भर के प्रमुख अखबारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जारी एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना का खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट राजस्थान में प्रवेश कर चुका है, इसलिए लोगों को बेहद सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। विज्ञापन में दूसरी लहर में आई मुसीबतों से भी अवगत कराया गया है। लेकिन वहीं 28 जून को बेरोजगार थानेदारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास के निकट ही धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना रहा कि सरकार ने 511 सब इंस्पेक्टर पदों के लिए परिणाम जारी कर दिया है, लेकिन 10 माह गुजर जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी है, इससे बेरोजगारों थानेदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने जयपुर में सिविल लाइन फाटक पर धरना भी दिया और फिर एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर ज्ञापन दिया। प्रदेश में लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही धरना प्रदर्शनों का दौर भी शुरू हो गया है। 26 जून को भी किसानों और मजदूरों ने बड़ी संख्या में जयपुर में प्रदर्शन किया था। एक ओर मुख्यमंत्री डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रवेश की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर धरना प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं।
डेल्टा का प्रवेश और धरना प्रदर्शनों की शुरुआत:
28 जून को प्रदेश भर के प्रमुख अखबारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से जारी एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस विज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना का खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट राजस्थान में प्रवेश कर चुका है, इसलिए लोगों को बेहद सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। विज्ञापन में दूसरी लहर में आई मुसीबतों से भी अवगत कराया गया है। लेकिन वहीं 28 जून को बेरोजगार थानेदारों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी आवास के निकट ही धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना रहा कि सरकार ने 511 सब इंस्पेक्टर पदों के लिए परिणाम जारी कर दिया है, लेकिन 10 माह गुजर जाने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी है, इससे बेरोजगारों थानेदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने जयपुर में सिविल लाइन फाटक पर धरना भी दिया और फिर एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर ज्ञापन दिया। प्रदेश में लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही धरना प्रदर्शनों का दौर भी शुरू हो गया है। 26 जून को भी किसानों और मजदूरों ने बड़ी संख्या में जयपुर में प्रदर्शन किया था। एक ओर मुख्यमंत्री डेल्टा प्लस वेरिएंट के प्रवेश की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर धरना प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-06-2021)
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