Thursday 29 July 2021

आरएएस में सलेक्शन होने के बाद अभ्यर्थी से लिए जा रहे थे 20 लाख रुपए। एसीबी ने जयपुर में बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को रंगे हाथों पकड़ा। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का नाम भी सामने आएगा।आरएएस की इंटरव्यू प्रक्रिया पर फिर उठा सवाल।


29 जुलाई को जयपुर में एसीबी ने 20 लाख रुपए की राशि के साथ बाड़मेर के सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। एसीबी के सूत्रों के अनुसार आरएएस 2018 की भर्ती में सिलेक्शन होने के बाद 20 लाख रुपए की राशि रिश्वत के तौर पर दी जा रही थी। सूत्रों के अनुसार स्कूल प्रिंसिपल राजस्थान लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य के संपर्क में था और आयोग के सदस्य के नाम पर ही रिश्वत ली जा रही थी। हालांकि अभी प्रिंसिपल और आयोग के सदस्य के बीच संपर्क होने के सबूत सामने नहीं आए हैं। लेकिन एसीबी इस मामले में गंभीरता के साथ जांच कर रही है। एसीबी के अधिकारियों का मानना है कि आरएएस में सिलेक्शन हो जाने के बाद किसी अभ्यर्थी से इतनी बड़ी राशि लिया जाना अपने आप में गंभीर बात है। यह प्रकरण आरएएस इंटरव्यू की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाता है। रिश्वतखोरी का यह मामला इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि आरएएस के इंटरव्यू के दौरान भी एसीबी ने आयोग के ही अकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर को 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। तब सज्जन सिंह ने एसीबी को बताया था कि यह राशि आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर और उनके पति रिटायर आईपीएस भैरो सिंह गुर्जर के लिए ली जा रही थी। एसीबी अभी 23 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में जांच कर रही है कि आरएएस के परीक्षा परिणाम में 20 लाख रुपए की रिश्वत का दूसरा मामला सामने आ गया है। पूर्व में जब एसीबी ने अकाउंटेंट को 23 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया था, तब आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का कहना था कि इंटरव्यू की प्रक्रिया फुलप्रूफ है और आयोग के किसी भी सदस्य का रिश्वतखोरी से कोई संबंध नहीं है। यदि कोई व्यक्ति किसी सदस्य के नाम पर राशि ले रहा है तो उससे आयोग का कोई सरोकार नहीं है। लेकिन 29 जुलाई को जिस तरह से स्कूल प्रिंसिपल को 20 लाख रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया गया है उससे इंटरव्यू प्रक्रिया पर सवाल उठता है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि आरएएस में उत्तीर्ण करवाने के लिए अनेक स्तरों पर रिश्वत ली जा रही है। यह रिश्वत सलेक्शन होने के बाद भी अभ्यर्थियों से वसूली जा रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दो निकट रिश्तेदारों का चयन भी आरएएस 2018 की परीक्षा में हुआ है। इसको लेकर भी प्रदेशभर में सवाल उठाए जा रहे हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (29-07-2021)
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