Thursday 29 January 2015

प्रिंट पर भारी पड़ा सोशल मीडिया

प्रिंट पर भारी पड़ा सोशल मीडिया
26 जनवरी को मैंने सोशल मीडिया पर एक खोजपूर्ण खबर पोस्ट की थी। इस खबर का शीर्षक था 'इसलिए है ओबामा को अजमेर से लगाव इस खबर को वाट्सएप के साथ-साथ फेसबुक, ट्विटर, मेरे ब्लॉग आदि पर हजारों लोगों ने पढ़ा वाट्सएप और फेसबुक पर इस खबर पर अनेक कमेंटस आए। इस खबर में यह बताया कि अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के राजनीतिक गुरु मार्टिन लूथर किंग 2 मार्च, 59 को अजमेर आए थे। किंग ने अजमरे के निकट गगवाना में सर्वोदय आंदोलन के प्रमुख विनोबा भावे से मुलाकात की थी। मुझे यह महत्त्वपूर्ण जानकारी अजमेर के सर्वोदय कार्यकर्ता स्वर्गीय रामस्वरूप गर्ग के पुत्र कौशल गर्ग ने उपलब्ध करवाई थी। उस समय मार्टिन लूथर किंग कौशल गर्ग की माताजी श्रीमती सत्यभामा से मिलने भी गए थे। ओबामा अब अजमेर को इसलिए स्मार्ट शहर बनाना चाहते हैं कि उनके राजनीतिक गुरु भी अजमेर आए थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस खबर की तर्ज पर ही देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर के 29 जनवरी के अंक में प्रथम पृष्ठ पर खबर को प्रकाशित किया गया है। देश के सबसे बड़े अखबार में सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई खबर प्रकाशित होने से जाहिर है कि बदली हुई परिस्थिति में प्रिंट मीडिया पर सोशल मीडिया भारी पड़ रहा है। भास्कर प्रबंधन की नजर में यह खबर कितनी महत्त्वपूर्ण रही, इसका अंदाजा इसी से लगता है। खबर को प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित किया गया। इसके लिए भास्कर को भी बधाई दी जानी चाहिए कि उसने एक खोजपूर्ण और ऐतिहासिक महत्त्व वाली खबर को प्रकाशित किया। भले ही इस खबर को सोशल मीडिया से उठाया गया हो, जो लोग थोड़ा बहुत लिखना जानते हैं, उन्हें अब ऐसी महत्त्वपूर्ण जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर करनी चाहिए।
(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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