Friday 9 January 2015

आखिरी क्यों करनी पड़ी बुढ़ापे में इमरान को दूसरी शादी

आखिरी क्यों करनी पड़ी बुढ़ापे में इमरान को दूसरी शादी
सवाल यह नहीं है कि पाकिस्तान के लोकप्रिय राजनेता इमरान खान ने दूसरी शादी कर ली है। अहम सवाल यह है कि आखिर 62 वर्ष की उम्र में इमरान खान को दूसरी शादी क्यों करनी पड़ी? सब जानते हैं कि इमरान खान की पहली शादी इंग्लैंड के अरबपति परिवार की ईसाई लड़की जैमिमा गोल्ड स्मिथ से 1995 में हुई थी। तब जैमिमा की उम्र मात्र 21 वर्ष और इमरान 42 वर्ष के थे। जैमिमा को इमरान से इतना लव था कि उसने ईसाई धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म स्वीकार किया और मुस्लिम परंपरा के अनुरूप निकाह किया। जैमिमा ने अपनी ओर से इस बात की भरसक कोशिश की कि इमरान खान की पत्नी बनी रहे। जैमिमा अपना इंग्लैंड छोड़कर पाकिस्तान भी आ गई और उसने वो ही किया जो इमरान खान ने कहा। जैमिमा को जो लिबास पहनने के लिए दिया गया वो ही लिबास पहना, लेकिन इसके बावजूद भी इमरान और जैमिमा के बीच विवाद हो गया। वर्ष 2004 में इमरान ने जैमिमा से तलाक ले लिया। अब जैमिमा अपने माता-पिता के पास रहकर इंग्लैंड में इमरान के दो बच्चों को पाल रही है। बड़े बेटे की उम्र 18 वर्ष है, जबकि छोटे की 15 वर्ष है। हालांकि जैमिमा ने कभी भी सार्वजनिक तौर पर इमरान खान की आलोचना नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि ईसाई संस्कृति से निकल कर मुस्लिम संस्कृति में आने वाली जैमिमा स्वयं को मुस्लिम संस्कृति के अनुरूप नहीं ढाल सकी। चूंकि मुस्लिम संस्कृति में चार निकाह करने की छूट है, इसलिए इमरान खान भी जैमिमा के प्रति लापरवाह बताए गए। इस बार इमरान खान ने किसी गैर धर्म की लड़की से विवाह करने की बजाए अपने ही मुस्लिम धर्म की युवती से निकाह किया है। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इस बार जिस रेहम खान नाम की युवती से निकाह हुआ है उसकी उम्र इमरान खान से 21 वर्ष कम है। जहां इमरान 62 वर्ष के हैं तो वहीं रेहम 42 वर्ष की हैं। यह भी संयोग है कि इमरान की पहली पत्नी जैमिमा जहां इंग्लैंड में रहकर इमरान के दो बच्चों को पाल रही है, वहीं इमरान खान को पाकिस्तान में दूसरी पत्नी रेहम के तीन बच्चों को पालना पड़ेगा। पाकिस्तान के डॉन टीवी न्यूज चैनल की एंकर रेहम का निकाह पूर्व में एक डॉक्टर के साथ हुआ था। डॉक्टर पति से तलाक के बाद ही रेहम ने इमरान खान से निकाह कर लिया। इमरान खान को उम्मीद है कि दूसरा निकाह सफल रहेगा। क्योंकि रेहम मुस्लिम संस्कृति को अच्छी तरह जानती है। इमरान खान ने जिस प्रकार ईसाई धर्म वाली पहली पत्नी से तलाक लेकर मुस्लिम धर्म वाली तलाकशुदा युवती रेहम से निकाह किया है उसका असर आने वाले दिनों में भारत में भी देखने को मिल सकता है। भारत में जो लोग लव जिहाद को लेकर आवाज उठा रहे हैं, वे इमरान खान का मामला उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं। ईसाई धर्म की लड़की जैमिमा गोल्ड स्मिथ ने भी लव की वजह से ही इमरान खान से निकाह किया था, लेकिन जैमिमा से तलाक के बाद अपनी धर्म की युवती के साथ निकाह कर इमरान खान ने इस बात के संकेत दिए हैं कि निकाह जैसा बंधन अपनी ही संस्कृति में होना चाहिए। इमरान खान की इस बात की प्रशंसा की जानी चाहिए ईसाई धर्म वाली पहली पत्नी से आपसी सहमति से तलाक लिया। फिर अपनी संस्कृति वाली युवती से निकाह किया। हालांकि प्रेम को किसी भी धर्म के बंधन में बांधा नहीं जा सकता। लेकिन प्रेम करने वालों को अपनी संस्कृति और सामाजिक परिवेश का ध्यान रखना चाहिए। प्रेम के बाद शादी या निकाह करने से पहले यह सोचना चाहिए कि क्या बाद में दूसरी संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन किया जा सकता है? मैं यह नहीं कह रहा कि विपरित संस्कृति वाले युवा प्यार व निकाह नहीं कर सकते, लेकिन इमरान खान का मामला ऐसे युवाओं को कम से कम सोचने को मजबूर करेगा। भारत में कुछ लोग अब अभिनेत्री करीना कपूर से भी सोचने की अपील कर रहे हैं। करीना कपूर ने भी अभिनेता सैफ अली खान से निकाह किया है। हाल ही में करीना का एक चित्र प्रसारित किया गया है, जिसमें उसे आधा हिन्दू- आधा मुसलमान दिखाया गया है। करीना से अपील की गई है कि वह घर वापस आ जाए? हालांकि इस अपील पर करीना और सैफ अली खान की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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