Tuesday 20 January 2015

तो ओबामा को बना देना चाहिए भारत का पीएम

तो ओबामा को बना देना चाहिए भारत का पीएम
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हमारे गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में भाग लेने के लिए 25 जनवरी को नई दिल्ली आ रहे हैं। ओबामा की भारत में उपस्थिति के मद्देनजर अमरीकी प्रशासन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि इस अवधि में भारत पर कोई आतंकी हमला नहीं किया जाए। अमरीका ने यह भी कहा है कि यदि इन दिनों कोई हमला हुआ तो पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। समझ में नहीं आता की अमरीकी प्रशासन ने पाकिस्तान को यह चेतावनी किस नजरिए से दी है। क्या पाकिस्तान अमरीका के इशारे पर ही भारत में आतंकी हमले करवाता है? यदि बराक ओबामा के भारत में रहते हुए आतंकी हमले रुक सकते हैं तो फिर ऐसे हमले स्थायी रूप से क्यों नहीं रुक पाते? और यदि भारत की सुरक्षा इसी में है कि बराक ओबामा के भारत में रहते पाकिस्तान आतंकी हमला नहीं करेगा, तो फिर बराक ओबामा को ही भारत का प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। अमरीका की इस चेतावनी से यह बात भी जाहिर होती है कि आतंकी हमलों का करारा जवाब भारत नहीं दे सकता। असल में आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए जो इच्छा शक्ति होनी चाहिए वे भारत के राजनेताओं में नहीं है। चाहे पीएम की कुर्सी पर मनमोहन सिंह बैठे हों या नरेन्द्र मोदी। पिछले एक माह से सीमापार से भारत पर लगातार हमले हो रहे हैं। इसके साथ ही आए दिन हमारे कश्मीर में आतंकी घटनाएं हो रही है। अब जब अमरीका की ओर से पाकिस्तान को चेतावनी मिल गई है तो हमले होना बंद से हो गए हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी को इस बात का जवाब देना होगा कि क्या पाकिस्तान, अमरीका की भाषा ही समझता है? यह वही अमरीका है जिसने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा था। देश के जागरुक लोगों को याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कई बार कहा कि पीएम बनने के बाद वे स्वयं भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे, लेकिन इस कार्यवाही के बारे में पहले मीडिया को नहीं बताएंगे। मोदी ने गंभीरता के साथ तब सवाल किया था। क्या लादेन को मारने के लिए अमरीका ने पहले कोई घोषणा की थी? तब यह माना गया कि मोदी पीएम बनने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ वैसी ही कार्यवाही करेंगे जो अमरीका ने लादेन को मारने के लिए की थी। मोदी को पीएम बने छह माह गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक भी ऐसी कोई कार्यवाही नजर नहीं आई हे, जिसकी तुलना अमरीका के साथ की जा सके। उल्टे अपने राष्ट्रपति की भारत में मौजूदगी के मद्देनजर जो चेतावनी पाकिस्तान को दी गई, उससे भारत की कमजोरी जाहिर हुई है। देखना है कि इन सब हालातों से पीएम मोदी कैसे निपटते हैं।
-(एस.पी.मित्तल)(spmittal.blogspot.in)

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