Saturday 16 April 2022

जब किताबों में विद्यार्थियों को गुरु नानक देव जी का जन्मदिन 15 अप्रैल 1469 पढ़ाया जाता है तो फिर प्रकाश पर्व कार्तिक पूर्णिमा को क्यों मनाया जाता है?पुष्कर के निर्मल आश्रम में निर्मल पंथ के स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद महाराज ने 15 अप्रैल को ही गुरु नानक देव जी का जन्मदिन मनाया।

15 अप्रैल शुक्रवार को राजस्थान के पुष्कर स्थित ऐतिहासिक निर्मल आश्रम में सिक्ख समुदाय के निर्मल पंथ के स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद महाराज के सानिध्य में सिक्ख धर्म के संस्थापक और सिक्खों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया गया। स्वामी राजेश्वरानंद ने कहा कि गुरु नानक देव जी के जन्म की असली तारीख 15 अप्रैल 1469 ही है। पंजाब शिक्षा बोर्ड की पुस्तकों में गुरु नानक के जन्म की तारीख यही लिखी है। इतिहासकार भी मानते हैं कि गुरु नानक देव जी का जन्म ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान) में 15 अप्रैल 1469 को ही हुआ। उस समय मुगल शासकों का हिन्दुओं पर जबर्दस्त अत्याचार था। बड़ा होने पर गुरु नानक देव जी ने सिक्ख धर्म की स्थापना की और हिन्दू समाज को मुगलों के अत्याचारों से बचाने की पहल की। स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि यह एक संयोग ही है कि सिक्खों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी का जन्म भी सन् 1563 में 15 अप्रैल को ही हुआ। उन्होंने कहा कि देश का बहुत सा इतिहास अंग्रेज इतिहासकार मैक्स आर्थर मैकाले ने लिखा। संभवत: मैकाले ने अपने नजरिए से गुरु नानक देव जी का जन्म दिन हिन्दू वर्ष के कार्तिक माह की पूर्णिमा पर मनाने की परंपरा शुरू करवा दी। इससे युवा पीढ़ी में भ्रांतियां हो रही है। भारत के गौरवमयी इतिहास में गुरु नानक देव जी की महत्वपूर्ण भूमिका है। युवा पीढ़ी को गुरु नानक देव के जन्म दिन की सही जानकारी होनी चाहिए। गुरु नानक देव जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष 15 अप्रैल को ही मनाया जाना चाहिए। इसलिए आज 15 अप्रैल को पुष्कर के निर्मल आश्रम में गुरु नानक देव का जन्मदिन मनाया गया है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव 70 वर्ष जीवित रहे, लेकिन इस अवधि में धर्म के क्षेत्र में जो शिक्षा दी, वह आज भी प्रासंगिक है। गुरु नानक जी की वजह से ही सिक्खों का इतिहास भी बहादुरी वाला रहा है। गुरु नानक देव जी का जन्मदिन प्रतिवर्ष 15 अप्रैल को ही मने, इसके लिए बड़े अभियान की जरुरत हे। चूंकि वे सिक्ख सम्प्रदाय के निर्मल पंथ के संत हैं, इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने का संकल्प लिया है। इस अभियान के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414366010 पर स्वामी डॉ. राजेश्वरानंद जी महाराज से ली जा सकती है।

विशेष परिस्थितियों में बदला जन्म का दिन:
सिक्ख धर्म के जानकार अजमेर निवासी सरदार गोपाल सिंह लबाना ने माना कि पुस्तकों में गुरु नानक देव के जन्म की तारीख 15 अप्रैल 1469 ही लिखी है, लेकिन समाज में उनका जन्मदिन हिन्दू कैलेंडर के कार्तिक माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा 8 नवंबर को आएगी। उन्होंने मुगलों के अत्याचारों से लोगों को बचाने के लिए ही जन्मदिन की तिथि बदलाव किया गया। कार्तिक पूर्णिमा पर जन्मदिन मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। सिक्ख विद्वान जन्म दिन मनाने को लेकर कई कारण बताते है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (15-04-2022)
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