Saturday 16 April 2022

यदि अखंड भारत बनता है तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश , श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत आदि देशों की समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा।मोहन भागवत के ताजा बयान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मुस्लिम विरोधी कैसे हो सकता है?अखंड भारत बनेगा तो आबादी 200 करोड़ के पार हो जाएगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 14 अप्रैल को दिल्ली के एक समारोह में कहा कि हम सब मिल कर प्रयास करें तो अगले 15 वर्षों में अखंड भारत का सपना साकार हो सकता है। अखंड भारत का सपना स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद का भी रहा है। अखंड भारत की बात संघ की ओर से पहले भी कही जा चुकी है, लेकिन ताजा हालातों में मोहन भागवत का कथन बहुत मायने रखता है। भारत से अलग होकर जो देश बने, उनके हालात हम सब देख रहे हैं। पाकिस्तान भुखमरी के कगार पर खड़ा है तो श्रीलंका में लगातार उपद्रव हो रहे हैं। भूखे मरते अफगानिस्तान को भारत की ओर से लगातार अनाज की सप्लाई की जा रही है। तिब्बत को चीन ने हड़प लिया है तो म्यांमार को लोगों को सैनिकों के जूतों से कुचला जा रहा है। यानी किसी भी पड़ोसी देश में समृद्धि नहीं है। जबकि भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति को अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश भी स्वीकार कर रहा है। दुनिया ने भारत की ताकत रूस-यूक्रेन युद्ध में भी देख ली है। कहा जा सकता है कि जो देश अलग हुए है, वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सके। जबकि टूटने के बाद भी भारत मजबूत स्थिति में खड़ा है। अब यदि अगले पन्द्रह वर्षों में अखंड भारत का सपना साकार हो जाता है, तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, भूटान, तिब्बत व थाईलैंड की समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा। मौजूदा समय में जिस प्रकार भारत के 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा है, उसी प्रकार अखंड भारत के जरूरतमंद लोगों को भी मदद मिलेगी। घर घर में शौचालय फ्री बनेगा तथा प्रधानमंत्री आवास योजना में मुफ्त में पक्के मकान उपलब्ध होंगे। इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज भी होगा। यानी पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि की जनता आज तो मांग रही है, वह अखंड भारत बनते ही पूरी हो जाएगी। फिर इन देशों के नागरिक भी गर्व से कह सकेंगे कि हम अखंड भारत के नागरिक है। जो लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मुस्लिम विरोधी मानते हैं, अखंड भारत बनने पर उनकी धारण भी बदल जाएगी। क्योंकि अखंड भारत में तो मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी शामिल हो जाएंगे। यदि संघ मुस्लिम विरोधी होता तो अखंड भारत की परिकल्पना कभी नहीं करता। मोहन भागवत पहले भी कह चुके हैं कि भारत में रहने वाले मुसलमानों के पूर्वज हिन्दू ही थे। संघ ने कभी भी भारत में रहने वाले मुसलमानों का विरोध नहीं किया। बल्कि मुसलमानों को भारत की ताकत बताया है। आज भी पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान भारत में रह रहे हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान में रहने वाले मुसलमानों के बीच अंतर साफ देखा जा सकता है। मुस्लिम देश होने के बाद भी पाकिस्तान के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं, जबकि भारत में रहने वाले मुसलमान बेहद मजबूत स्थिति में है, यह तब है जब 1947 में धर्म के आधार पर भारत का विभाजन हुआ। मुस्लिम बाहुल्य पाकिस्तान से हिंदुओं को प्रताड़ित कर भगा दिया जबकि भारत में मुसलमानों की आबादी 3 करोड़ से बढ़ाकर 23 करोड़ हो गई। अब यदि अखंड भारत बनता है तो यह आबादी और बढ़ जाएगी। जानकारों की मानें तो अखंड भारत की कुल आबादी 200 करोड़ के पास हो जाएगी। लेकिन सवाल उठता है कि क्या मौजूदा हालातों में 15 वर्ष बाद अखंड भारत बन सकता है? अखंड भारत का क्या स्वरूप होगा? इस पर लंबे विचार विमर्श की जरूरत है। अलबत्ता पड़ोसी देशों की जनता भारत की समृद्धि को देखते हुए अखंड भारत के लिए तैयार बैठी है? जितनी मौज भारत के नागरिकों की है, उतनी किसी देश के नागरिक की नहीं होगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (15-04-2022)
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