Saturday 9 April 2022

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति छोड़ेंगे या केंद्रीय जल शक्ति गजेंद्र सिंह शेखावत।ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन पर अपना अपना नजरिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार बार यह दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर में एक चुनावी सभा में राजस्थान की ईस्टर्न कैनाल योजना को राष्ट्रीय परियोजना बनाने का वादा किया था। मालूम हो कि इस योजना में प्रदेश की 6 नदियों को जोड़कर 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल पहुंचाना शामिल है। मोदी के वादे को आगे रखकर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर भी हमलावर रहते हैं। लेकिन 8 अप्रैल को जयपुर में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 6 अक्टूबर 2019 की अजमेर की सभा में ईस्टर्न कैनाल योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यदि कोई वादा किया हो तो मैं राजनीति छोड़ देंगे। इस समारोह में राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी भी उपस्थित थे शेखावत की इस चुनौती के बाद सीएम गहलोत को जवाब देना जरूरी हो गया है। यही वजह रही कि शाम को ही गहलोत ने 6 अक्टूबर 2018 वाला पीएम मोदी का भाषण पोस्ट कर दिया। पीएम मोदी का भाषण इस प्रकार है, राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद कोई बड़ी सिंचाई और पेयजल परियोजना की नींव रखी गई। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की मांग काफी समय से उठ रही है। जुलाई में जयुपर आया था, तब भी मैंने इसका जिक्र किया था। इस योजना का तकनीकी अध्ययन करवाया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े सारे पहलुओं का लेखा जोखा तैयार करने के बाद पूरी संवेदनशीलता से इस पर फैसला लेंगे। चंबल बेसिन नदियां पर आधारित इस परियोजना से राजस्थान की दो लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होगी। 13 जिलों की चालीस प्रतिशत जनता को पीने का पानी मिलेगा। मोदी के इस कथन को ही गहलोत और शेखावत अपने अपने नजरिए से देख रहे हैं। मोदी के इस कथन से जाहिर है कि उन्होंने ईस्टर्न कैनाल योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने का कोई वादा नहीं किया, लेकिन मोदी ने इस बात को स्वीकार किया कि यह योजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए उपयोगी है। मोदी ने योजना को लेकर अपने भाषण में जो रुचि दिखाई शायद उसी को सीएम गहलोत ने मोदी का वादा मान लिया। हालांकि राजनेताओं में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने या राजनीति छोड़ने की उम्मीद करना बेमानी है, लेकिन यह भी सही है कि गत विधानसभा चुनाव के समय मोदी की नजर में ईस्टर्न कैनाल योजना का महत्व था। यदि महत्व नहीं होता तो मोदी अपने भाषण में योजना के लाभ नहीं गिनाते। अब शेखावत का कहना है कि योजना की क्रियान्विति को लेकर राज्य सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा है, वह तकनीकी दृष्टि से फिजिबल नहीं है। शेखावत ने राज्य की निर्भरता को लेकर भी सवाल उठाए हैं। यानी केंद्र सरकार ने इस राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने से इंकार कर दिया है। अब अगले विधानसभा चुनाव में डेढ़ वर्ष शेष हैं। स्वभाविक है कि अगले चुनाव में ईस्टर्न कैनाल चुनावी मुद्दा बनेगा। इस बीच गहलोत सरकार ने अपने दम पर योजना को पूरा करने के लिए 9 हजार 600 करोड़ रुपए की बजट घोषणा कर दी है। हालांकि इस राशि से 6 नदियां आपस में नहीं जुड़ पाएंगी, लेकिन इस बजट घोषणा का लाभ कांग्रेस चुनाव में उठाने का प्रयास करेगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (09-04-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment