Saturday 23 April 2022

वानप्रस्थ की ओर अग्रसर हो रहे अजमेर के सुप्रसिद्ध चार्टेड अकाउंटेंट अजय सोमानी की सौ लघु कविताओं का संग्रह साधक चिंतक जारी।जैन मुनि प्रमाण सागर और संत मनीषा नंद गिरि ने साधक चिंतक को पढ़कर प्रेरणादायक टिप्पणी की।विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष।

23 अप्रैल को विश्व भर में पुस्तक दिवस मनाया गया है। सोशल मीडिया के इस युग में पुस्तक दिवस मनाना अपने आप में चुनौती पूर्ण काम है। अब तो पुस्तकें भी इंटरनेट तकनीक से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर नजर आने लगी है। लेकिन फिर भी पुस्तकों का अपना महत्व है। एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल करने वाले भी शोक से पुस्तकों को पढ़ते हैं। मुझे खुशी है कि विश्व पुस्तक दिवस पर अजमेर के सुप्रसिद्ध चार्टेड अकाउंटेंट अजय सोमानी द्वारा लिखित सौ कविताओं पर प्रकाशित पुस्तक साधक चिंतक पर लिखने का अवसर मिल रहा है। मैं यह ब्लॉग इसलिए भी लिख रहा हंू कि अजय सोमानी चार्टेड अकाउंटेंट का बड़ा कामकाज छोड़कर वानप्रस्थ की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति का इतना बड़ा कारोबार हो तो उसका मोह माया से ध्यान नहीं हटा पाता है, लेकिन अजय सोमानी आध्यात्मिक पर चिंतन करते रहे इसलिए उनका मन वानप्रस्थ की ओर जा रहा है। अपनी साधक चिंतक पुस्तक में भी कविताओं के माध्यम से घर परिवार और समाज की स्थिति का भी उल्लेख किया है। कोरोना काल में सोमानी ने करीब एक हजार कविताएं लिख डाली। इनमें से सौ कविताओं पर ही पुस्तक प्रकाशित की गई है। सोमानी का कहना है कि यह कविताएं नहीं है बल्कि उनके चिंतन की साधना है। उन्होंने अपनी आध्यात्मिक शक्ति से शब्दों को लिखा है। शब्द भी सरल और आसानी से समझने वाले हैं। चूंकि अजय सोमानी सुप्रसिद्ध जैन संत प्रमाण सागर और आध्यात्मिक संत मनीषा नंद गिरि के संपर्क में आए इसलिए इन दोनों संतों ने अपनी टिप्पणी की है। जैन संत ने लिखा है कि वर्ष 2014 से सोमानी मेरे संपर्क में आए और आज मैं उन्हें कवि के रूप में देख रहा हंू। सोमानी एक अच्छे चिंतक, साधक और सर्वधर्म सद्भाव रखने वाले व्यक्ति हैं। उनकी रचनाओं को पढ़कर इनके स्वाध्याय और चिंतन की गहराई का आभास होता है। जैन संत ने उम्मीद जताई कि अजय सोमानी का यह चिंतन सभी के लिए प्रेरणादायी बनेगा। वहीं आध्यात्मिक संत मनीषा नंद गिरि ने कहा कि अजय सोमानी ने सत्संग का आधार लेकर अपनी भावांजलि कविताओं के माध्यम से पाठकों के सामने रखी है। जीवन के परम पुरुषार्थ के साथ जीवन मूल्यों को भी विशेष स्थान दिया है। भगवान उमा रमण से प्रार्थना है कि भाई अजय का यह पुरुषार्थ सर्वजन हिताय हो। इस पुस्तक का प्रकाशन अजमेर के आर्य इंटर की ओर से किया गया है। इस पुस्तक के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829071570 पर अजय सोमानी से ली जा सकती है।
पूछेंगे आज, गुरु को शिविर में:
पूछेंगे आज, गुरु को शिविर में
समाधान मिलेगा, तत्व चर्चा में
लाजवाब है शंका समाधान में
प्रोत्साहित करते हैं भरे पंडाल में
एक चैतन्य ही व्याप्त समष्टि में,
तत्व अनसुलझा रहा, भेजे में,
भेद नहीं, शक्ति, शक्तिमान में,
पढ़ते सुनते ही रहे सब ग्रंथों में,
उत्पत्ति, स्थित, प्रलय, भ्रम में,
समझ न आई बुद्धू बुद्धि में,
अद्वैत विचार, निश्चय, ज्ञान में,
यर्थात है नहीं, मेरे व्यवहार में
श्रद्धा-विश्वास, ओत प्रोत मन में
फिर भी संशय, स्थित है चित में
- अजय सोमानी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2022)
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