Sunday 10 April 2022

अजमेर में महावीर जयंती के जुलूस की अनुमति में अनेक कठिनाईयां। जैन समाज को अनुमति का इंतजार।सार्वजनिक स्थलों से धार्मिक समारोह के फ्लेक्स, बैनर, पोस्टर आदि उतारने पर मेयर ब्रज लता हाड़ा को एतराज।

अजमेर के जैन समाज के प्रतिनिधियों को इस बात का अफसोस है कि 14 अप्रैल को निकलने वाले महावीर जयंती के जुलूस की अनुमति 10 अप्रैल को दोपहर तक नहीं मिली है। हालांकि जुलूस की तैयारियां की जा रही है, लेकिन फिर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जुलूस समारोह समिति के अध्यक्ष सुनील ढिलवारी ने बताया कि 10 दिन पहले ही अनुमति के लिए आवेदन कर दिया था। प्रशासन ने जुलूस को लेकर जो भी जानकारियां मांगी वह सभी उपलब्ध करवा दी। जुलूस मार्ग के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों में भी समाज के प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दर्ज करवाई है। ढिलवारी ने कहा कि जैन समाज को अहिंसा के सिद्धांत में विश्वास करता है। हमारे साधु संत तो हमेशा की सद्भावना की शिक्षा देते हैं। जुलूस में भी भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों का प्रचार प्रसार किया जाता है। प्रशासन ने जुलूस को लेकर जो पाबंदियां लगाई है, उनकी पालना का भरोसा भी समाज की ओर से दिया गया है। चौराहों पर धार्मिक प्रतीक वाली झंडियां नहीं लगाने की बात भी स्वीकार कर ली गई है। इतना सकारात्मक रुख अपनाने के बाद भी जुलूस की अनुमति अभी तक नहीं मिली है। ढिलवारी ने प्रशासन से आग्रह किया है कि जुलूस की अनुमति तुरंत दिलाई जाए, ताकि समाज में असमंजस की स्थिति समाप्त हो। जानकारों के अनुसार राज्य सरकार ने अप्रैल माह में होने वाले पर्वों के लिए जो गाइड लाइन जारी की है उसी का परिणाम है कि धार्मिक जुलूसों की अनुमति देने में विलंब हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी सरकार की गाइड लाइन की पालना में कोई कसर नहीं रखना चाहते हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि धार्मिक जुलूसों के निकालने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन जुलूस की अनुमति लेना अनिवार्य है। सरकार ने जो गाइड लाइन जारी की है, उसकी वजह से जुलूस निकालने और धार्मिक आयोजन करने वालों को भारी परेशानी हो रही है। संभवत: यह पहला अवसर है जब धार्मिक आयोजनों पर ऐसी पाबंदियां लगाई है।
 
फ्लेक्स, बैनर पोस्टर हटाने पर एतराज:
राज्य सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके मद्देनजर सार्वजनिक स्थल जैसे चौराहों, बिजली के खंभों आदि से धार्मिक आयोजनों के फ्लेक्स बैनर पोस्टर आदि हटाये जा रहे हैं। यदि किसी स्थान पर मंदिर में होने वाली भागवत कथा, अथवा भजन संध्या के पोस्टर लगे हैं तो उन्हें भी उतारा जा रहा है। जिला प्रशासन की इस कार्यवाही पर अजमेर की मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा ने एतराज जताया है। हाड़ा ने कहा कि धार्मिक आयोजनों की प्रचार सामग्री तो सार्वजनिक स्थलों पर लगती ही है। ऐसी प्रचार सामग्री का उद्देश्य आयोजन के बारे में लोगों को सूचना देना होता है। नगर निगम तो स्वयं धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि कार्यक्रम करवाता है। हिन्दू नववर्ष पर ऐसे कार्यक्रम अजमेर में करवाए भी गए हैं। श्रीमती हाड़ा ने कहा कि सरकार को अपनी गाइड लाइन पर पुनर्विचार करना चाहिए। यह गाइडलाइन आम लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (10-04-2022)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9929383123
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment