Saturday 16 April 2022

दो सप्ताह में तीसरी बार अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह से धार्मिक शोभायात्रा पर फूल बरसाए गए।करौली हिंसा में अशोक गहलोत को ओवैसी का समर्थन भी नहीं मिला।आईएफडब्ल्यूजे का अधिवेशन 16 अप्रैल को अजमेर में।

राजस्थान के करौली सहित देश के दूसरे शहरों में भले ही धार्मिक शोभायात्राओं के दौरान हिंसा-विवाद हुआ हो, लेकिन अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बाहर पिछले दो सप्ताह में यह तीसरा अवसर रहा, जब मुसलमानों ने धार्मिक जुलूस पर फूल बरसाए। 14 अप्रैल को जब महावीर जयंती का जुलूस दरगाह के बाहर से गुजरा तब दरगाह से जुड़े मुस्लिम प्रतिनिधियों ने फूल बरसाए। दरगाह के सामने से निकलने वाले धार्मिक जुलूसों पर फूल बरसाने की परंपरा रही है। यही वजह रही कि 2 अप्रैल को जब हिन्दू नववर्ष के अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई तब भी मुस्लिम प्रतिनिधियों ने फूल बरसाए, इसी प्रकार 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर भी फूलों की बरसात की गई। ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए बड़ी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग भी आते हैं। यही वजह है कि दरगाह को साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल माना जाता है।
 
ओवैसी का समर्थन भी नहीं:
2 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष पर राजस्थान के करौली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का समर्थन भी नहीं मिला है। 13 अप्रैल को जयपुर पहुंचने पर ओवैसी ने करौली हिंसा में गहलोत सरकार की मिली भगत का आरोप लगाया। ओवैसी का कहना रहा कि सरकार चाहती तो हिंसा नहीं होती। इस हिंसा के लिए खुद गहलोत सरकार जिम्मेदार है। करौली में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में छतो से शोभायात्रा पर पत्थर फेंकने के आरोप को ओवैसी ने खारिज कर दिया। ओवैसी का ऐसा बयान तब आया है, जब भाजपा करौली प्रकरण में सीएम गहलोत पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा रही है। भाजपा का कहना है कि जिन घरों से पत्थर फेंके गए उनके मालिकों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई, बल्कि जो हिन्दू पत्थरों से जख्मी हुए उन्हें ही मुल्जिम बना लिया गया। गहलोत सरकार उन वीडियो की भी अनदेखी कर रही है, जिसमें समुदाय विशेष के लोग डंडों से दुकानों को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। ओवैसी के बयान के बाद सवाल उठता है कि आखिर गहलोत सरकार किसके साथ खड़ी है। भाजपा के नेता गहलोत पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं तो मुसलमानों के पैरवीकार माने जाने वाले ओवैसी गहलोत सरकार को मुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। ओवैसी ने जिस अंदाज में जयपुर आकर बयान दिया है उससे जाहिर है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी करौली प्रकरण को चुनावी मुद्दा बनाएगी। वहीं भाजपा भी इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जा रही है। 13 अप्रैल को भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने करौली में जब न्याय यात्रा निकालने का प्रयास किया तो पुलिस ने तेजस्वी को करौली की सीमा पर ही रोक दिया। तेजस्वी और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सैकड़ों समर्थकों के साथ करौली सीमा पर ही धरना प्रदर्शन किया। आने वाले दिनों में भाजपा के अन्य राष्ट्रीय नेता भी करौली का दौरा कर सकते हैं।
 
16 को पत्रकारों का अधिवेशन:
इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट का जिला स्तरीय पत्रकार अधिवेशन 16 अप्रैल को प्रात: साढ़े दस बजे अजमेर में लक्ष्मी नैन समारोह स्थल पर आयोजित किया गया है। आईएफडब्ल्यूजे के जिला अध्यक्ष आनंद शर्मा ने बताया कि इस अधिवेशन में जिले भर के पत्रकार भाग लेंगे। अधिवेशन के माध्यम से पत्रकारों की समस्याओं की ओर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि आईएफडब्ल्यूजे देश भर के पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था है। अधिवेशन में संगठन के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक पदाधिकारी भी भाग लेंगे। अधिवेशन के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9214945854 पर आनंद शर्मा से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (14-04-2022)
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