Sunday, 23 February 2025

राजस्थान में भाजपा का शासन पांच वर्ष में बदल जाना, भाजपा के लिए कलंक है। यह बात केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की उपस्थिति में कही। प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा वाले समारोह में भाषण देकर तुरंत चले गए शेखावत। राजस्थान में गुजरात जैसी व्यवस्था होगी - मदन राठौड़।

22 फरवरी को जयपुर में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा का समारोह हुआ। निर्वाचन अधिकारी विजय रूपाणी ने निवर्तमान अध्यक्ष मदन राठौड़ को नया निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया। समारोह के मंच पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल आदि भी बैठे थे। समारोह की शुरुआत में सबसे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बोलने का अवसर दिया। शेखावत ने कहा कि वे ारत को ही प्रयागराज से आए है और तुरंत जाना भी है, इसलिए उन्होंने पहले भाषण देने की अनुमति प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल से ली है। अग्रवाल के निर्देश पर ही वह इस समारोह में उपस्थित हुए हैं। मालूम हो कि राजस्थान से अलवर के सांसद भूपेंद्र यादव, बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल और अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी केंद्र में मंत्री हैं, लेकिन प्रदेश प्रभारी अग्रवाल ने गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर के सांसद) को ही आमंत्रित किया। इससे भी राजस्थान की भाजपा की राजनीति में शेखावत के दबदबे का अंदाजा लगाया जा सकता है। अपने संबोधन में शेखावत ने कहा कि राजस्थान में पांच वर्ष में भाजपा का शासन बदलना भाजपा के लिए कलंक की बात है। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में भाजपा मजबूत हो रही है, तब राजस्थान में इस कलंक को मिटाने की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं की है। शेखावत के कलंक वाले बयान की अब भाजपा की राजनीति में इसलिए चर्चा हो रही है कि 2003 से 2008 और 2013 से 2018 के बीच राजस्थान में भाजपा का शासन रहा, लेकिन दोनों ही बार सरकार रिपीट नहीं हो सकी। वर्ष 2008 और 2018 में भाजपा का शासन तब बदला जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी। राजस्थान में 1997 में ही एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के शासन की परंपरा चली आ रही है। जिस प्रकार भाजपा में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री रहते हुए हार होती है, उसी प्रकार कांग्रेस में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ता है। वर्ष 2023 के चुनाव के बाद भी वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री का पद हासिल करने के लिए बहुत कुछ किया। यहां तक कि नवनिर्वाचित चालीस विधायकों को अपने घर पर एकत्रित भी किया, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंका दिया। सब जानते हैं कि पूर्व में भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तब वसुंधरा राजे ने कड़ा विरोध किया। कहा तो यहां तक जाता है कि बहुचर्चित आदर्श को ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में शेखावत का नाम उछलने में राजे की भूमिका रही। शेखावत के 22 फरवरी के ताजा बयान के भाजपा की राजनीति में कई मायने लगाए जा रहे हैं। गुजरात जैसी व्यवस्था: समारोह में नवनिर्वाचित अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी भाजपा के पांच पांच वर्ष के कार्यकाल पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास होगा कि राजस्थान में गुजरात जैसी व्यवस्था हो। गुजरात में गत 27 वर्षों से लगातार भाजपा का शासन है। राठौड़ ने कहा कि जब पड़ौसी प्रदेश गुजरात में लगातार भाजपा जीत सकती है तो राजस्थान में भी भाजपा को जीतने से कोई नहीं रोक सकता। मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं के दम पर भरोसा दिलाता हंू कि वर्ष 2028 में राजस्थान में भाजपा की सरकार रिपीट होगी। S.P.MITTAL BLOGGER (23-02-2025) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9166157932 To Contact- 9829071511

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