Monday, 24 February 2025
विजयनगर ब्लैकमेल कांड पर कांग्रेस की चुप्पी आश्चर्यजनक। अपने ही शासन में आंदोलन करना पड़ रहा है भाजपाइयों को।
राजस्थान के बहुचर्चित विजयनगर ब्लैकमेल कांड गत 15 फरवरी को उजागर हो गया था। पुलिस ने इस मामले में अब तक समुदाय विशेष के दस युवकों को गिरफ्तार कर लिया। कांड के उजागर होने के बाद से ही अजमेर संभाग में बंद धरना प्रदर्शन हो रहे है। राष्ट्रीय मीडिया में भी लगातार खबरें प्रकाशित हो रही है, लेकिन इस मामले में कांग्रेस ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस की इस चुप्पी पर राजनीतिक क्षेत्रों में आश्चर्य व्यक्त किया जाहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विजयनगर कांड पर जो प्रतिक्रिया दी, उसमें सिर्फ भाजपा सरकार की आलोचना की गई थी। कांग्रेस ने विजयनगर ब्लैकमेल कांड की खुलकर आलोचना नहीं की है। ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों के जाति धर्म को देखते हुए कांग्रेस इस घिनौने कृत्य की आलोचना करने से भी बच रही है। जबकि मीडिया में स्कूल में पढऩे वाली नाबालिग छात्राओं ने आरोप लगाया है कि समुदाय विशेष के युवकों ने पहले प्रेमजाल में फंसाया और फिर देहशोषण किया। पीडि़ताओं से उनकी सहेलियों से भी लाने को कहा गया। बदमाश प्रवृत्ति के युवकों ने छात्राओं के अश्लील वीडियो और फोटो तैयार किए और फिर डराकर देह शोषण किया। ऐसा ही मामला 32 वर्ष पहले 1992 में अजमेर में उजागर हुआ था। विजयनगर के ब्लैकमेल कांड को राजस्थान का ब्लैकमेल कांड 2 माना जा रहा है। गंभीर बात तो यह है कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर भाजपाइयों को भी अपने ही शासन में आंदोलन करना पड़ रहा है। अनेक सामाजिक संगठनों का आरोप है कि सरकार आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही नहीं कर रही है। हालांकि विजयनगर पालिका ने ब्लैकमेल कांड के आरोपियों के परिजन को नोटिस दिए है। इन नोटिसों में संबंधित मकानों के वैध दस्तावेज मांगे हैं। इसी प्रकार विजयनगर की जामा मस्जिद और कब्रिस्तान में हुए अवैध निर्माणों को लेकर भी पालिका की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-02-2025)
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