Sunday 25 March 2018

कड़वा और सच सुनने की हिम्मत दिखाएं सीएम राजे। इर्द-गिर्द जमा चापलूसों को हटाएं।

कड़वा और सच सुनने की हिम्मत दिखाएं सीएम राजे। इर्द-गिर्द जमा चापलूसों को हटाएं। आभार जतवाने से कुछ नहीं होगा।
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25 मार्च को जयपुर में सत्य सांई संस्थान की ओर से आयोजित निःशुल्क हृदय रोग आॅपरेशन के समारोह में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि सेवा की भावना से ही लोगों का विश्वास जीता जा सकता है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी स्वयं को प्रधान सेवक कहते हैं। यानि वसुंधरा राजे ने स्वयं को राजस्थान की प्रधान सेविका के तौर पर बताया। लोकसभा के हाल ही के उपचुनावों में सभी 17 विधानसभा सीटों पर भाजपा की करारी हार ने यह प्रदर्शित कर दिया है कि जनता की सेवा किस प्रकार हो रही है। सवाल सीएम राजे के सेवा कार्यों का नहीं है। सवाल सीएम के कड़वा और सच सुनने का है। भाजपा के अंदर ही ऐसे बहुत से नेता है। जो सीएम को हकीकत से रूबरू करवाना चाहते हैं। लेकिन सीएम राजे के इर्द-गिर्द जमा चापलूस लोग मौका ही नहीं देते।  सीएम जब तक अपने आलोचकांे को सुनने की हिम्मत नहीं दिखाएगी तब तक सरकार और भाजपा संगठन मजबूत नहीं होगा, अभी भी सीएम राजे को वो ही लोग अच्छे लगते हैं जो प्रशंसा करते हैं। यही वजह है कि उपचुनाव में हार के बाद भी सीएम राजे में आभार जताने के प्रायोजित कार्यक्रम हो रहे हैं। चापलूस लोग सीएम के मिजाज के अनुरूप ही लोगों को एकत्रित करते हैं। यह चापलूस वहीं हैं जिन्होंने उपचुनाव के दौरान सीएम को धोखे में रखा। समझ में नहीं आता कि ऐसे चापलूसों को हटाया क्यों नहीं गया है। ये चापलूस सीएम के विरोधियों की संख्या को बढ़ाते जा रहे हैं। सीएम राजे ये पता लगाए कि इर्द-गिर्द जमा चापलूस उनके नाम पर कितनी कबाड़ेबाजी कर रहे हैं। सीएम का नाम लेकर अपने ही लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। चापलूसों की वजह से सीएम और उनके समर्थकों के बीच दूरी बढ़ा दी है। अब चापलूसों को अपनी पोल खुलने का डर यदि सीएम सच सुनने की हिम्मत कर ले तो अनेक चापलूसों को सीएम राजे के पास से भागना पड़ेगा। यदि सीएम ने 15 अप्रैल से शुरू होने वाली सुराज गौरव यात्रा में भी इन्हीं चापलूसों को लगाए रखा तो परिणाम उपचुनाव वैसे ही सामने आएंगे।

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