Tuesday 27 March 2018

वसुंधरा राजे के प्रभार वाले जनसम्पर्क विभाग का ही बुरा हाल।

वसुंधरा राजे के प्रभार वाले जनसम्पर्क विभाग का ही बुरा हाल।
प्रसार के अधिकारियों ने दी आंदोलन की धमकी।
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किसी भी राज्य में जनसम्पर्क विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि यह विभाग ही सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री की छवि को चमकाने का काम भी करता है। इस समय राजस्थान में जनसम्पर्क विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पास ही है। लेकिन इसके बावजूद भी इस विभाग के अधिकारियों को अपनी मांगों को लेकर बार-बार आंदोलन करना पड़ रहा है। पब्लिक रिलेशन एंड एलाईड सर्विसेज एसोसिएश आॅफ राजस्थान (प्रसार) की अध्यक्ष सीताराम मीणा और मोतीलाल वर्मा ने बताया कि विधानसभा के बजट सत्र में जब आंदोलन की घोषणा की गई तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी मांगों का समाधान करने का वायदा किया। इस वायदे के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया। प्रदेश के सभी विभागों में पदोन्नति के लिए कमेटी बनी हुई है इसी प्रकार रिक्त स्थानों पर भर्तियां भी हो रही हैं। लेकिन जनसम्पर्क विभाग में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा। मीणा और वर्मा ने आशंका जताई कि विभाग के बड़े अधिकारी समस्याओं के समाधान में रोड़ा बने हुए हैं। सरकार के इस रवैये से एक बार फिर अधिकारियों मंे नाराजगी है। यदि जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। विभाग के जयपुर स्थित मुख्यालय का तो बुरा हाल है ही साथ ही जिला स्तर पर कार्यरत जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थिति भी बेहद ही खराब है। कई जिला मुख्यालयों पर तो जनसम्पर्क अधिकारी नहीं है। मीणा और वर्मा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से पूरे मामले में दखल देने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमओ में बैठे अधिकारी मुख्यमंत्री को सही स्थिति से अवगत नहीं करा रहे हैं

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