Monday 26 March 2018

तो बंद हो जाएगा जयपुर का यूनिवर्सिटी फाइव ईयर लाॅ काॅलेज। आखिर वसुंधरा सरकार क्या कर रही है?
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राजस्थान के जो युवा 12वीं कक्षा के बाद फाइव ईयर लाॅ का कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के परिसर में अलग से संचालित यूनिवर्सिटी फाइव ईयर लाॅ काॅलेज महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 10 वर्ष पूर्व इस काॅलेज के शुभारंभ पर बार कौंसिल आॅफ इंडिया (बीसीआई) ने अस्थायी अनुमति देते हुए निर्देश दिए थे कि काॅलेज में जल्द से जल्द स्थाई फैकल्टी वाईफाई, मूक कोर्ट, हाॅस्टल, ई-लाइब्रेरी आदि संसाधन जुटाएं जाएं। राजस्थान यूनिवर्सिटी और सरकार की जिम्मेदारी थी कि ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऐसा नहीं कि यह काॅलेज सरकार पर बोझ है। काॅलेज का संचालन सेल्फ फाइनेंस स्कीम में हो रहा है। विद्यार्थियों से एक लाख रुपए तक सालाना फीस वसूली जा रही है। प्रदेश भर के खास कर जयपुर, अजमेर, अलवर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, नागौर आदि जिलों के युवा इस काॅलेज में प्रवेश के लिए इसलिए रुचि रखते हैं, ताकि जयपुर स्थित हाईकोर्ट में प्रशिक्षण भी लिया जा सके। लेकिन वायदे के मुताबिक यूनिवर्सिटी प्रशासन और सरकार ने इस काॅलेज में स्थायी सुविधाएं आज तक भी उपलब्ध नहीं करवाई। यही वजह है कि बीसीआई ने वर्ष 2018-19 के लिए प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश देने की अनुमति नहीं दी है। इस समय देशभर में फाइव ईयर लाॅ कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है, जबकि जयपुर के लाॅ-काॅलेज में प्रवेश की प्रक्रिया बंद पड़ी है। यदि एक वर्ष प्रवेश नहीं हुआ तो यह महत्वपूर्ण काॅलेज अपने आप बंद हो जाएगा। विद्यार्थियों के प्रतिनिधि जगप्रवेश मान ने बताया कि काॅलेज में प्रति कालांश  के हिसाब से अध्यापकों को पारिश्रमिक दिया जाता है, जबकि नियमों के मुताबिक स्थायी फैकल्टी होनी चाहिए। अब तो कंपनी लाॅ और जीएसटी को भी फाइव ईयर कोर्स में शामिल कर लिया गया है। छात्र-छात्राएं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। सरकार आए दिन यह दावा करती है कि उच्च शिक्षा के लिए नए काॅलेज खोले जा रहे हैं, जबकि पहले से चल रहे काॅलेजों की कोई सुध नहीं ली जा रही। राजस्थान यूनिवर्सिटी के तृतीय वर्ष वाले लाॅ काॅलेज के शिक्षकों का ही उपयोग कर फाइव ईयर लाॅ काॅलेज का संचालन किया जा रहा है। पहले भी कई बार बीसीआई प्रवेश पर रोक लगा चुकी है, लेकिन हर बार हाथा जोड़ी कर ऐन कौके पर अनुमति प्राप्त कर ली जाती है, लेकिन इस बार अंतिम अवसर भी निकल गया है। यदि यह लाॅ काॅलेज बंद होता है तो आगामी विधानसभा के चुनाव में सरकार को नुकसान होगा। मान ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मांग की है कि इस लाॅ काॅलेज में संसाधन उपलब्ध करवा कर नियमिमता को बनाए रखा जाए। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 7426808026 पर जगप्रवेश मान से ली जा सकती है।

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