Tuesday 27 March 2018

ख्वाजा साहब की शिक्षाओं पर अमल भी करे पाकिस्तान।

ख्वाजा साहब की शिक्षाओं पर अमल भी करे पाकिस्तान। 
अजमेर में उच्चायुक्त ने पेश की मजार पर चादर।
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भारत स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहेल मोहम्मद ने 27 मार्च को अजेमर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह मंे मजार पर चादर पेश की। सब जानते हैं कि पाकिस्तान कश्मीर सीमा पर लगातार गोलाबारी कर रहा है तथा हमारे कश्मीर में प्रशिक्षित आतंकियों को भेज कर माहौल को बिगाड़ रहा है। ऐसे में उच्चायुक्त ने पाकिस्तान की हुकुमत की ओर से ख्वाजा साहब की मजार पर चादर पेश की है। पाकिस्तान सूफी परंपरा को तो स्वीकार करता है, लेकिन ख्वाजा साहब की शिक्षाओं पर अमल नहीं करता। ख्वाजा साहब ने अपने जीवन काल में इंसानीयत और मोहब्बत का संदेश दिया। पाकिस्तान तो आतंक में भरोसा करता है। यदि पाकिस्तान ख्वाजा साहब की शिक्षाओं पर अमल करे तो फिर सीमा पार से गोलाबारी भी नहीं होगी। जाहिर है कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर है। ख्वाजा साहब की मजार पर सूफी परंपरा के अनुरूप चादर पेश कर पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है। आज पूरी दुनिया में पाकिस्तान की छवि आतंकवादी के रूप में हो रही है। संभवतः यह पहला अवसर है कि ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में पाकिस्तान की हुकूमत की ओर से चादर पेश की गई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तो दरगाह आते रहे हैं, लेकिन हुकूमत की ओर से चादर पहली बार भेजी गई है। दरगाह में खादिम नातिक चिश्ती की ओर से उच्चायुक्त को जियारत करवाई। इस अवसर पर अंजुमन सैयद जादगान के सचिव हाजी सैयाद वाहिद हुसैन और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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