Friday 19 October 2018

सचिन पायलट के आश्वासन की वजह से अजमेर जिले की 8 सीटों पर 80 से ज्यादा दावेदार



सचिन पायलट के आश्वासन की वजह से अजमेर जिले की 8 सीटों पर 80 से ज्यादा दावेदार। आखिर किसको किसको को संतुष्ट करेंगे?
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यूं तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की हैसियत से सचिन पायलट को राजस्थान की सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार तय करने हैं, लेकिन पायलट के लिए अजमेर जिला सबसे ज्यादा महत्व रखता है। क्योंकि पायलट ने अजमेर में जीत और हार का स्वाद चखा है। पायलट वर्ष 2009 में अजमेर से लोकसभा का चुनाव जीते तो 2014 में पौने दो लाख मतों से हार गए। पायलट को हराने वाले भाजपा के सांसद सांवरलाल जाट के निधन के बाद इसी साल जनवरी में जब उपचुनाव हुए तो पायलट ने जीत के लिए पूरी ताकत लगी दी। भले ही पायलट स्वयं उम्मीदवार न बने हो, लेकिन रघु शर्मा को सांसद बनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पायलट को भी पता था कि 10 माह बाद ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसलिए अजमेर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पायलट ने कांग्रेस के पूर्व विधायकों और बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दे दी। पायलट ने स्पष्ट कहा कि उपचुनाव में आपके विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की हार होती है। तो विधानसभा चुनाव के समय टिकिट मिलना मुश्किल होगा। विधानसभा के चुनाव में टिकिट की उम्मीद तभी होगी जब लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत होगी। पायलट वर्ष 2009 से 2014 के बीच जब केन्द्र में मंत्री थे, तब अजमेर में कई नेता उनके निकट आ गए। चूंकि ऐसे नेताओं ने भी उपचुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाई। अब सभी नेता पायलट के दम पर टिकिट मांग रही है। ऐसे नेताओं का कहना है कि जब पायलट टिकिट बांटने वाले हैं तो हमारा टिकिट तो पक्का है। यही वजह है कि अजमेर दक्षिण से हेमंत भाटी, नसीराबाद से रामनारायण गुर्जर, किशनगढ़ से राजेन्द्र गुप्ता, नाथूराम सिनोदिया, पुष्कर से डाॅ. श्रीगोपाल बाहेती, श्रीमती नसीम अख्तर, रणजीत सिंह नोसल, मसूदा से भूपेन्द्र सिंह राठौड़ व हाजी कय्यूम खान, केकड़ी से राकेश पारीक, अजमेर उत्तर से दीपक हासानी व महेन्द्र सिंह रलावता आदि ऐसे नेता हैं जो टिकिट को अपनी जेब में मान रहे हैं। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में ऐसे अनेक नेता हैं जो पायलट से दोस्ती का दम भरते हुए दावेदारी जता रहे हैं। अजमेर जिले की आठ सीटों पर अनुमान लगाया जाए तो पायलट के भरोसे 80 दावेदार हैं। देखना होगा कि पायलट किस-किस को संतुष्ट करते हैं।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन जैसे नेता भी हंै जो यह मान कर चल रहे हैं कि पायलट बिन मांगे ही टिकिट दे देंगे। एक पूर्व मंत्री की बात पर भरोसा किया जाए तो पायलट ने कहा है कि किसी भी सीट से उन्होंने टिकिट का वायदा नहीं किया है। यही वजह है कि यह पूर्व मंत्री भी पूरी ताकत लगा कर टिकिट की मांग कर रहे हैं। दावेदार भी यह मानते है कि अजमेर जिले में पायलट की एक तरफा चलेगी। यही वजह है कि अजमेर के सभी कांग्रेसी पायलट के पास ही एप्रोच लगा रहे हैं। हालांकि इन दिनों किसी नेता का पायलट से अलग से मिलना बहुत मुश्किल है। पायलट दिल्ली में हो या जयपुर में पायलट से मिलने वालों की जबर्दस्त भीड़ रहती है। पायलट ने निजी सचिव वाले निरंजन भी नेताओं के फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (19-10-18)
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