Sunday 7 October 2018

अजमेर की मतदाता सूची में बहुत गड़बड़ियां हैं।

जमेर की मतदाता सूची में बहुत गड़बड़ियां हैं।
दुरस्त करने का अब कोई मौका नहीं।
मतदान के समय सात दिसम्बर को होगी परेशानी।
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7 अक्टूबर को मुझे अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्र पर जाकर नियमानुसार फार्म भरना पड़ा। ताकि अगले माह होने वाले चुनाव की मतदाता सूची में मेरा नाम दर्ज हो सके। मैं जब मतदान केन्द्र पर पहुंचा तो सुप्रसिद्ध साहित्यकार उमेश चैरसिया भी मौजूद थे। चैरसिया ने अपनी पत्नी अनिता चैरसिया का नाम सूची में पुनः शामिल करवाने के लिए आवेदन किया। इसी प्रकार हरिभाऊ उपाध्याय नगर बी ब्लाॅक के निवासी चेतन भागनानी की शिकायत थी कि उनके स्वर्गीय पिता देवजीमल और विवाहित बेटी ज्योती का नाम मतदाता सूची से हटा नहीं है। जबकि उन्होंने विधिवत आवेदन किया था। मतदान केन्द्र पर तीन बीएलओ बैठे थे, उन सब की यह शिकायत थी कि जिन लोगों के नाम किन्हीं कारणों से हटाने के लिए कहा गया उनके नाम नहीं हटे और सैकड़ों मतदाताओं के नाम अपने आप हटा दिए गए। यह सब गड़बड़ी अजमेर के चुनाव कार्यालय में हुई। बीएलओ का यह भी कहना रहा कि अब चुनाव कार्यालय में कोई सुनने वाला नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बीएलओ के कहे अनुसार मतदाता सूची संशोधित नहीं हुई तो फिर मतदाता सूची में कितनी गड़बडियां होंगी। मैं पिछले सात वर्ष से हरिभाऊ उपाध्याय नगर के बी ब्लाॅक में रह रहा हंू। मैंने नगर निगम से लेकर लोकसभा के उपचुनाव तक में अपने मताधिकार का उपयोग किया। लेकिन अब मुझे बताया गया कि सूची से मेरा नाम हट गया है, जबकि मेरे परिवार के अन्य सदस्यों का नाम सूची में दर्ज है। मेरा  नाम किस आधार पर हटाया इसका जवाब निर्वाचन विभाग के पास नहीं है। मेरे जैसे अनेक मतदाता है, जिनका नाम सूची से हटा दिया गया है। अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में नाम जुडवाने अथवा हटवाने का सात अक्टूबर को अंतिम दिन था। मेरे जैसे जागरुक मतदाताओं ने तो समय पर आवेदन कर दिया, लेकिन जिन मतदाताओं के नाम निर्वाचन विभाग ने अपने आप हटा दिए वे अब सात दिसम्बर को मतदान से वंचित हो जाएंगे। जहां मतदाताओं में जागरुकता का अभाव है वहीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की भी लापरवाही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बूथ को मजबूत करने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जिन मतदाताओं के नाम अपने आप हट गए उनका नाम जुड़वाने के लिए किसी भी दल का कार्यकर्ता सक्रिय नजर नहीं आया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों दलों का बूथ मजबूत करने का दावा कितना सही है।

एस.पी.मित्तल) (07-10-18)
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