Thursday 18 October 2018

अजमेर के सरकारी अस्पताल में तीन दिन से डायलिसिस का काम ठप।

अजमेर के सरकारी अस्पताल में तीन दिन से डायलिसिस का काम ठप। मरीज परेशान। पीपीपी माॅडल में होता डायलिसिस का काम।
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अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में 18 अक्टूबर को लगातार तीसरे दिन भी डायलिसिस का काम ठप रहा। इससे मरीजों को भारी परेशानी हुई। सरकार ने अजमेर के अस्पताल में डायलिसिस का काम कोलकाता की संजंीवनी कंपनी को ठेके पर दे रखा है। कंपनी यह कार्य पीपीपी माॅडल पर करती है। कंपनी और ठेके पर रखे चिकित्सा कर्मियों के बीच विवाद हो जाने की वजह से 16 और 17 अक्टूबर को डायलिसिस का काम बंद रहा। 18 अक्टूबर को बिजली की मोटर खराब हो जाने की वजह से मरीजों का डायलिसिस नहीं हो सका। यानि तीन दिनों से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। जिन मरीजों का डायलिसिस नहीं हो रहा है उनकी पीड़ा का अंदाला जगाया जा सकता है। धनाढ्य मरीज तो प्राइवेट अस्पताल में भी डायलिसिस करा सकता है, लेकिन गरीब मरीज के पास तो सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराने का विकल्प है। गंभीर बात तो यह है कि नेहरू अस्पताल का प्रबंधन पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। अस्पताल के प्राचार्य अनिल जैन ने सफाई देते हुए बताया कि कंपनी और चिकित्सा कर्मियों के बीच विवाद हो जाने को लेकिर 16 अक्टूबर को दिन में मशीने बंद रही, लेकिन शाम को डायलिसिस शुरू हो गया। डाॅ. जैन ने कहा कि 17 अक्टूबर को मोटर खराब हो जाने से का र्य प्रभावित हुआ है। मरीजों की परेशानी को देखते हुए 18 अक्टूबर को मैंने नई मोटर खरीदने के आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में संजीवनी कंपनी के अधिकारियों से भी बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि मरीजों की परेशानी से जिला कलेक्टर आरती डोगरा भी चिंतित है।
एस.पी.मित्तल) (18-10-18)
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