Friday 5 October 2018

रोडवेज की हड़ताल और पीएम की सभा से राजस्थान के पांच लाख परीक्षार्थी परेशान।

रोडवेज की हड़ताल और पीएम की सभा से राजस्थान के पांच लाख परीक्षार्थी परेशान। कोई नहीं है सुनने वाला।
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राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक निरीक्षक पुलिस (एसआई) की परीक्षा सात अक्टूबर को प्रदेश भर में होनी है। 330 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में 5 लाख अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं। लेकिन अब इस परीक्षा के अभ्यर्थियों को रोडवेज बसों की हड़ताल और 6 अक्टूबर को अजमेर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आम सभा की वजह से भारी परेशानी हो रही है। परीक्षा में नकल को रोकने के लिए आयोग ने अभ्यर्थियों के परीक्षा केन्द्र दूसरे जिलों में बनाए हैं। यानि अजमेर जिले के अभ्यर्थियों के परीक्षा केन्द्र झुंझुनूं, सीकर, अलवर जिलों में बनाए गए हैं, तो जयपुर, जोधपुर आदि के अभ्यर्थियों के परीक्षा केन्द्र अजमेर आदि में बनाए गए हैं। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों को कई किलोमीटर का सफर तय कर दूसरे जिलों में जाना पड़ रहा है। राजस्थान में रोडवेज की हड़ताल पिछले 19 दिनों से चल रही है। ऐसे में सरकारी बसों का चक्का जाम है। प्रधानमंत्री की 6 अक्टूबर की सभा के लिए प्राइवेट बसों की बुकिंग एडवांस में हो गई है। चूंकि जिला परिवहन अधिकारियों का दबाव है, इसलिए प्राइवेट बसों के मालिकों को पहले भाजपा के लिए बसों की बुकिंग करनी पड़ रही है। चूंकि एसआई परीक्षा 7 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे से है, इसलिए लाखों अभ्यर्थियों को 6 अक्टूबर को ही परीक्षा केन्द्र वाले शहर में पहुंचना होगा। अभ्यर्थियों के सामने समस्या यह है कि रोडवेज की हड़ताल और प्राइवेट बसों की बुकिंग होने के कारण परिवहन का साधन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में 6 अक्टूबर को परीक्षा केन्द्र वाले शहरों में कैसे पहुंचा जाएगा। अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष भगवान सिंह च ौहान ने आयोग के अध्यक्ष दीपक उप्रेती के समक्ष अभ्यर्थियों की समस्या को रखा, लेकिन उप्रेती ने अपने मिजाज के अनुरूप दो टूक शब्दों में कहा दिया कि आयोग अभ्यर्थियों को कोई मदद न हीं कर सकता है। अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी है तो निर्धारित समय पर ही परीक्षा केन्द्र पर पहुंचना होगा। पांच अक्टूबर को च ौहान ने अजमेर में ही परिवहन मंत्री यूनुस खान से मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा इंतजामों की वजह से मंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी। च ौहान ने इस बात पर अफसोस जताया है कि पांच लाख अभ्यर्थियों की सुनने वाला कोई नहीं है। आमतौर पर इतनी बड़ी परीक्षा होने पर रोडवेज की अतिरिक्त बसें चलाई जाती है। लेकिन इस बार तो रोडवेज की बसें ही बंद पड़ी है।
एस.पी.मित्तल) (05-10-18)
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