Tuesday 6 April 2021

फलौदी जेल से 16 बंदियों की फरारी की सजा अब प्रदेश भर के कैदी और उनके परिजन भुगतेगे। सरकार ने जेलों में कैदियों से मुलाकात पर रोक लगाई।राजस्थान में नहीं है स्थाई गृहमंत्री। 20 विभागों का बोझ ढो रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही संभाल रहे हैं गृह विभाग।

5 अप्रैल को राजस्थान के जोधपुर जिले की फलौदी उपजेल से फरार हुए 16 बंदियों की सजा अब प्रदेशभर की जेलों में बंद 22 हजार कैदी और उनके परिजन भुगतेंगे। 6 अप्रैल को दोपहर तक फरार बंदियों का कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन के डीजी राजीव दासोत ने आगामी आदेश तक प्रदेश भर की जेलों में बंद कैदियों से परिजनों की मुलाकात पर रोक लगा दी है। यानी पूर्व में जिन परिजनों का समय निर्धारित हो गया था, वह भी अब मुलाकात नहीं कर सकेंगे। प्रदेश की जेलों में करीब 22 हजार कैदी हैं जिनसे सैकड़ों परिजन प्रतिदिन मिलते हैं। कैदियों से परिजनों को महीनों बाद मिलने का समय मिलता है। कैदी तो फलौदी की जेल से फरार हुए हैं, लेकिन अब खामियाजा सभी कैदियों को भुगतना पड़ेगा। इससे उन परिजनों को निराशा होगी जो अपने संबंधित बंदी से मिलने का इंतजार कर रहे थे। जहां तक फलौदी की जेल से एक साथ 16 बंदियों के फरार होने का मामला है तो यह पूरी तरह जेल प्रशासन की लापरवाही है। 16 बंदियों की फरारी की योजना की जेल प्रशासन को भनक तक नहीं लगी, जबकि जेल से बाहर भागने के लिए वाहनों का भी इंतजाम किया गया था। सब जानते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने ढाई साल हो गए, लेकिन अभी तक भी स्थाई गृह मंत्री नहीं बनाया गया। मुख्यमंत्री गहलोत ने शुरू से ही गृह विभाग अपने पास रखा हुआ है। प्रदेश में जब कभी अपराध की बड़ी घटना होती है तो स्थाई गृहमंत्री की मांग उठती है। यह मांग इसलिए भी महत्व रखती है कि सीएम गहलोत पहले से ही 20 विभागों का बोझ ढो रहे हैं। मुख्यमंत्री के पास काम का बोझ ज्यादा है, लेकिन 20 विभागों के कारण काम का बोझ और बढ़ गया है । हालांकि सीएम गहलोत ने कभी नहीं कहा कि उन पर काम का बोझ है, लेकिन 20 विभागों का प्रभार होने से काम के बोझ का अंदाजा लगाया जा सकता है। गत वर्ष जुलाई माह में डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की बर्खास्तगी के बाद भी इन तीनों मंत्रियों के विभाग गहलोत ने अपने पास रखे हैं। मौजूदा मंत्रियों को भी अतिरिक्त विभाग नहीं दिए जा रहे हैं। राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां आए दिन अपराध और महिला अत्याचारों की घटनाएं होती है। यदि स्थाई गृहमंत्री हो तो अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण हो सकता है। हालांकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह कितने विभाग अपने पास रखे मंत्रिमंडल का विस्तार भी मुख्यमंत्री की मर्जी पर निर्भर है।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-04-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9602016852
To Contact- 9829071511


No comments:

Post a Comment