Wednesday 14 April 2021

क्या नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल अजमेर में नक्शे स्वीकृत करने की प्रक्रिया को शुरू करवाएंगे?जयपुर में स्वायत्त शासन विभाग में बैठे अधिकारी अजमेर नगर निगम के अधिकारियों की सुन नहीं रहे हैं। अजमेर में पिछले चार माह से ठप पड़ी है ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया।निगम कार्यालय में शुल्क जमा करवाने की व्यवस्था हो-रलावता।

एक ओर केन्द्र सरकार के पैसे से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है तो दूसरी ओर अजमेर में नक्शे स्वीकृत होने की ऑनलाइन प्रक्रिया पिछले चार माह से ठप पड़ी हुई है। विभिन्न निर्माण कार्यो के नक्शे स्वीकृत नहीं होने से आम लोगों को परेशानी हो रही है। अजमेर के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट धर्मेन्द्र जैन का कहना है कि नगर निगम द्वारा नक्शे स्वीकृत नहीं किए जाने से अवैध निर्माण होता है। लोग मजबूरी में बिना स्वीकृति के निर्माण करते हैं। जो लोग बैंक से लोन लेकर भूमि खरीदते हैं, उन्हें मकान बनाने की जल्दी होती है। असल में सरकार के नक्शे के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन इस प्रक्रिया में सरकारी शुल्क जमा नहीं हो रहा है। लोग अपने आवास का नक्शा ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं, लेकिन निर्धारित राशि जमा नहीं हो पा रही है। जब तक निर्धारित राशि जमा नहीं होगी, तब तक नक्शे को स्वीकृत करने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। ऑनलाइन का सॉफ्टवेयर जयपुर में स्वायत्त शासन विभाग में बैठे अफसरों ने किसी निजी कंपनी से तैयार करवाया है। अब सॉफ्टवेयर की खामी को निजी कंपनी के इंजीनियर ही दूर करेंगे। अजमेर नगर निगम के अधिकारियों ने कई बार स्वायत्त शासन विभाग का ध्यान आकर्षित कर दिया है, लेकिन अजमेर के अधिकारियों की जयपुर में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यही वजह है कि अब प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल से ही गुहार लगाई जा रही है। धारीवाल न केवल दमदार मंत्री है, बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे भरोसेमंद मंत्री हैं। धारीवाल कभी नहीं चाहेंगे कि अजमेर के लोग परेशान हो। धारीवाल अपने विभाग में बोल्ड निर्णय लेने के लिए भी जाने जाते हैं। यदि स्वायत्त शासन विभाग के किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो उसकी खैर नहीं है। अजमेर के संदर्भ में यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले चार माह से नक्शे स्वीकृति का काम ठप पड़ा है। जहां तक अजमेर की मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा का सवाल है तो कांग्रेस के शासन में भाजपा की हाड़ा की सुनने वाला कोई नहीं है, इसलिए वे कोई प्रयास भी नहीं कर रही हैं। ऐस स्थिति में आम लोगों को खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
कार्यालय में शुल्क जमा हो:
निगम के उपायुक्त रहे और मौजूदा समय में कांग्रेस के पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने निगम के आयुक्त खुशाल यादव से आग्रह किया है कि ऑनलाइन की खामी दूर नहीं होने तक नक्शा स्वीकृति का शुल्क निगम कार्यालय में जमा करवाने की व्यवस्था की जाए। रलावता ने कहा कि नए मास्टर प्लान के प्रावधान लागू होने से अनेक लोग अपने भवनों के नक्शे स्वीकृत करवाना चाहते हैं, इससे निगम की आय भी बढ़ेगी। 
S.P.MITTAL BLOGGER (14-04-2021)
Website- www.spmittal.in
Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog
Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11
Blog- spmittal.blogspot.com
To Add in WhatsApp Group- 9602016852
To Contact- 9829071511

No comments:

Post a Comment