Thursday 29 April 2021

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता गहलोत के कोरोना संक्रमित होने के मामले को केस स्टडी के तौर पर लिया जाना चाहिए।चिकित्सक और वैज्ञानिक बताएं कि इतनी सुविधा और सुरक्षा में होने के बाद भी सुनीता गहलोत कैसे संक्रमित हो गई? अशोक गहलोत ने तो वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए थे। कोरोना की पहली रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी।16 अप्रैल को असम के कांग्रेस उम्मीदवारों से मुलाकात कर समूह फोटो भी खिंचवाया था।

29 अप्रैल को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं इत्तला दी कि वे भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इससे पहले 28 अप्रैल को सीएम ने बताया था कि उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता गहलोत संक्रमित है। हालांकि उन्होंने स्वयं भी जांच करवाई थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लेकिन 12 घंटे बाद ही दूसरी रिपोर्ट में सीएम भी संक्रमित हो गए। कोरोना के दूसरे चरण में सीएम गहलोत रोजाना चिल्ला रहे हैं कि लोग लापरवाही बरत रहे हैं, इसलिए प्रदेश में कोरोना फैल रहा है। अखबारों और चैनलों पर हिदायत भी दी जा रही है। स्वभाविक है कि ऐसे माहौल में जयपुर स्थित सीएम आवास पर परिवार के सदस्य कोई कोताही या लापरवाही नहीं बरत रहे होंगे। आम दम्पत्ति को तो कोरोना काल में अनेक मुसीबतों के दौर से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन सीएम आवास पर सुनीता गहलोत को ऐसी किसी भी मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। सीएम आवास पर तमाम तरह की सुविधा और सुरक्षा उपलब्ध है। सुनीता गहलोत को साफ सफाई का काम भी नहीं करना पड़ता है और न ही आम ग्रहणी की तरह कामवाली बाईयों से माथापच्ची करनी होती है। सीएम आवास पर मिलने भी वही व्यक्ति आ सकता है जिसे स्वीकृति दी जाए। लेकिन इसके बाद भी सुनीता गहलोत संक्रमित हो गईं। इसी प्रकार सीएम गहलोत का संक्रमित होना भी कई सवाल खड़े करता है। यह माना कि सीएम चौबीस घंटे में से 18 घंटे काम कर रहे हैं। प्रतिदिन वर्चुअल बैठकें कर रहे हैं। लेकिन सीएम के इन सभी कार्यों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन होता है। आमतौर पर वर्चुअल बैठक में सीएम अकेले ही होते हैं। जब कभी कोई मंत्री उपस्थित रहता है तो दो नहीं चार गज की दूरी रहती है। कई बार तो सीएम के सामने कांच का घेरा रहता है। ऐसा नहीं कि नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई वैक्सीन से गहलोत ने परहेज किया। समय रहते वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए। सीएम गहलोत के साथ भी वही हुआ जो आम परिवार के साथ हो रहा है। कोविड की पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई, जबकि दूसरी पॉजिटिव। जब आम व्यक्ति के साथ ऐसा होता है तो पूरा परिवार परेशान हो जाता है। आज प्रदेश भर के अस्पतालों में हजारों लोग मौत से संघर्ष कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने कोरोना में रात दिन काम किया है, लेकिन अब चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को यह बताना चाहिए कि इतनी सुविधा और सुरक्षा में रहने के बाद सुनीता गहलोत और वैक्सीन के दोनों डोज समय पर लगवाने के बाद भी अशोक गहलोत संक्रमित कैसे हो गए? चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को गहलोत दम्पत्ति के संक्रमित होने के मामले को केस स्टडी के तौर पर लेना चाहिए।
असम के उम्मीदवारों से मुलाकात:
इसे राजनीतिक मजबूरी ही कहा जाएगा कि सीएम अशोक गहलोत ने गत 16 अप्रैल को असम के कांग्रेस उम्मीदवारों से सीएम आवास पर मुलाकात की थी। कांग्रेस के नेताओं ने सीएम को शॉल आदि भी ओढाए। इतना ही नहीं कोई 20 कांग्रेसियों के साथ समूह फोटो भी खिंचवाया। हालांकि फोटो के समय कांग्रेसियों ने मुंह पर मास्क लगा रखा था, लेकिन किसी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया था। सीएम गहलोत ने असम के उम्मीदवारों से शिष्टार मुलाकात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सब जानते हैं कि असम में 6 अप्रैल को तीसरे और अंतिम चरण का मतदान हो जाने के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार इधर उधर भाग रहे थे, तब उम्मीदवारों को सुरक्षित रखने के लिए सीएम गहलोत ने उम्मीदवारों को जयपुर बुला लिया। कोई 12-13 दिन जयपुर की होटल फेयर माउंट में रहने के बाद सभी उम्मीदवार असम लौट गए थे। लौटते समय 16 अप्रैल को उम्मीदवारों ने गहलोत से सीएम आवास पर मुलाकात की थी। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि 16 अप्रैल की घटना का असर अब हुआ है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (29-04-2021)
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