Thursday 22 April 2021

कच्चे माल के अभाव में राजस्थान में बंद पड़ी पशु आहार बनाने वाली सरकारी फैक्ट्रियां।अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश के एक करोड़ पशुपालकों को राहत मिलेगी। गहलोत ने आरसीडीएफ के अधिकारियों के रवैये पर भी नाराजगी जताई।अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी की सकारात्मक पहल।

राजस्थान पहले ही कोरोना संक्रमण के भयानक दौर से गुजर रहा है, इस पर इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि गत 17 अप्रैल से प्रदेशभर की पशु आहार फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। प्रदेश में अजमेर, जोधपुर, पाली भीलवाड़ा, जयपुर भरतपुर और बीकानेर में सहकारिता के क्षेत्र में फैक्ट्रियां संचालित होती है। इन सातों जिलों में संचालित फैक्ट्रियों में बनने वाले पशु आहार के लिए कच्चा माल खरीदने का काम जयपुर स्थित राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) का होता है। लेकिन इस बार फेडरेशन के समय रहते कच्चे माल के टेंडर नहीं किए। कच्चे माल के अभाव में सभी सातों फैक्ट्रियों में पशु आहार बनना बंद हो गया। इससे प्रदेश के करीब एक करोड़ पशु पालकों के सामने संकट खड़ा हो गया। सरकारी फैक्ट्रियों में बनने वाला पशु आहार रियायती दर का होता है। इसलिए पशुपालकों के बीच हमेशा मांग ही रहती है। इधर आरसीडीएफ के अधिकारियों ने टेंडर नहीं किए तो उधर कोरोना काल में व्यापारियों ने कच्चे माल के भाव में एक हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ा दिए। पशुपालकों की परेशानियों को देखते हुए अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने सकारात्मक पहल करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान आकर्षित किया। गहलोत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल ही आरसीडीएफ के अधिकारियों को बाजार से कच्चा माल खरीदने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि पशुपालकों को पुरानी दरों पर पशु आहार की सप्लाई की जाए। महंगा कच्चा माल खरीदने पर आने वाली लागत की भरपाई आरसीडीएफ करें। यानि पशुपालकों से अधिक राशि नहीं ली जाए। चौधरी ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री के दखल के बाद 24 अप्रैल से फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। समय पर टेंडर नहीं करने पर मुख्यमंत्री आरसीडीएफ के अधिकारियों के रवैये पर भी नाराजगी जताई। चौधरी ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब प्रदेश के पशु पालकों को राहत मिल जाएगी। चौधरी ने बताया कि मौजूदा समय में राज्य सरकार पशुपालकों को प्रति लीटर दो रुपए अनुदान भी दे रही है। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर प्रदेश के पशुपालकों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (22-04-2021)
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